गुमला जिले के चैनपुर क्षेत्र में छठ महापर्व के लिए घाटों की सफाई अब तक नहीं की गई है, जिससे श्रद्धालुओं में असंतोष का माहौल है। हर साल, श्रद्धालु साफी नदी के किनारे स्थित घाटों पर एकत्र होते हैं और इस महापर्व को श्रद्धा और उल्लास से मनाते हैं। लेकिन इस बार सफाई कार्य में देरी होने से उनकी आस्था को ठेस पहुंची है। स्थानीय श्रद्धालुओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि छठ घाटों की साफ-सफाई जल्द से जल्द सुनिश्चित की जाए।
महापर्व छठ: आस्था, पवित्रता और सांस्कृतिक महत्व
छठ पर्व केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं है, बल्कि यह एक गहरी आस्था का प्रतीक और सांस्कृतिक महोत्सव है। गुमला जिले के लिए यह पर्व विशेष महत्व रखता है, क्योंकि इस दौरान स्थानीय लोग अपने पारंपरिक और धार्मिक मूल्यों के प्रति समर्पित होते हैं।
श्रद्धालुओं का मानना है कि घाटों की साफ-सफाई का ध्यान रखना आवश्यक है ताकि इस पवित्र आयोजन में किसी भी प्रकार की बाधा न आए। एक साफ और स्वच्छ वातावरण न केवल इस अनुष्ठान की गरिमा को बढ़ाता है, बल्कि भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक शांति का अनुभव भी प्रदान करता है।
जिला प्रशासन के निर्देशों का पालन न होने पर असंतोष
गुमला जिला प्रशासन ने छठ महापर्व के दृष्टिगत स्थानीय प्रशासन को साफ-सफाई के स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं। हालांकि, इन दिशा-निर्देशों के बावजूद चैनपुर के छठ घाटों पर अभी तक सफाई की शुरुआत नहीं की गई है। इस लापरवाही के कारण स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की अनदेखी उनके धार्मिक भावनाओं के साथ सीधा खिलवाड़ है।
श्रद्धालुओं का कहना है कि समय रहते यदि प्रशासन ने साफ-सफाई का कार्य किया होता, तो यह समस्या उत्पन्न नहीं होती। इस देरी के कारण उनके उत्साह में कमी आई है और वे प्रशासन की कार्यक्षमता पर सवाल उठा रहे हैं।
छठ घाटों की सफाई का महत्व और प्रशासन की जिम्मेदारी
छठ महापर्व में स्वच्छता का विशेष महत्व है, क्योंकि यह पर्व प्राकृतिक तत्वों सूर्य और जल की पूजा से जुड़ा है। श्रद्धालुओं का कहना है कि प्रशासन को इस महत्त्वपूर्ण धार्मिक अवसर पर घाटों की सफाई की जिम्मेदारी को गंभीरता से लेना चाहिए था।
श्रद्धालुओं का यह भी कहना है कि जिला प्रशासन को समय रहते घाटों की सफाई की योजना बनानी चाहिए थी, ताकि व्रतियों और उनके परिवारों को असुविधा का सामना न करना पड़े। स्थानीय निवासियों का मानना है कि प्रशासन द्वारा उठाया गया कोई भी कदम इस महापर्व की पवित्रता और स्वच्छता को बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान कर सकता है।
श्रद्धालुओं की मांग: घाटों की तुरंत सफाई सुनिश्चित हो
चैनपुर प्रखंड के श्रद्धालुओं और छठ व्रतियों ने जिला प्रशासन से त्वरित सफाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते प्रशासन कदम उठाता है, तो वे छठ पर्व को पूरे भक्ति भाव और उत्साह के साथ मना सकेंगे। श्रद्धालुओं ने यह भी कहा कि छठ घाटों की सफाई के लिए स्वयंसेवकों और स्थानीय नागरिकों को भी सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
श्रद्धालुओं की उम्मीद है कि जिला प्रशासन उनकी बात सुनेगा और जल्द ही आवश्यक कार्रवाई करेगा ताकि महापर्व का आयोजन शांति और पवित्रता के साथ संपन्न हो सके।
स्वच्छता और श्रद्धा का महत्व: छठ महापर्व का संदेश
छठ पर्व में स्वच्छता का विशेष स्थान है, और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वह इस परंपरा का सम्मान करे। हर साल हजारों श्रद्धालु घाटों पर एकत्र होकर इस महापर्व को मनाते हैं। ऐसे में एक स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण की उपलब्धता प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।
जिला प्रशासन से निवेदन है कि वे जल्द से जल्द छठ घाटों की सफाई सुनिश्चित करें और इस महान पर्व को श्रद्धालुओं के लिए सुखद और यादगार बनाएं।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया
Edited – Sanjana Kumari
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