गुमला जिले में चुनाव आयोग द्वारा वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांग मतदाताओं के लिए होम वोटिंग सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिसके तहत 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और 40% से अधिक दिव्यांगता वाले मतदाता घर बैठे अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। यह सुविधा उन नागरिकों को ध्यान में रखकर शुरू की गई है जो मतदान केंद्र तक जाने में असमर्थ हैं। इस प्रयास का उद्देश्य लोकतंत्र में हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित करना है।
होम वोटिंग प्रक्रिया: कैसे हो रहा है मतदान
होम वोटिंग प्रक्रिया के अंतर्गत गुमला जिले के चिन्हित 94 मतदाताओं को उनके घर पर जाकर वोट देने की सुविधा प्रदान की गई है। मतदान प्रक्रिया में बीएलओ, माइक्रो ऑब्जर्वर, सेक्टर अधिकारी और पुलिस कर्मियों की टीम शामिल होती है, जो मतदाता के घर जाकर डाक मतपत्र (पोस्टल बैलेट) के माध्यम से उनका वोट करवाती है। इस दौरान चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाता है।
परियोजना निदेशक PD ITDA गुमला, रीना हांसदा ने बताया कि जिले में सोमवार से शुरू हुई इस प्रक्रिया में अब तक 90 लोगों ने होम वोटिंग के माध्यम से अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इनमें से गुमला में शत-प्रतिशत, यानी 68 मतदाताओं ने मतदान किया, जबकि लोहरदगा के भंडरा और सेन्हा में कुल 22 लोगों ने अपना वोट डाला है।
बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं की सुविधा का विशेष ख्याल
चुनाव आयोग ने यह सुनिश्चित किया है कि होम वोटिंग प्रक्रिया में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। चुनावी टीम के सदस्य मतदाता के घर पर जाकर मतदान प्रक्रिया की जानकारी प्रदान करते हैं और प्रक्रिया को समझने में उनका सहयोग करते हैं। इस प्रक्रिया में मतदाता को मतपत्र उपलब्ध कराया जाता है, जिसमें वे अपने पसंदीदा उम्मीदवार का चुनाव कर सकते हैं।
इस व्यवस्था ने बुजुर्गों और दिव्यांगों को आत्मनिर्भर महसूस कराया है, जिससे उनकी लोकतंत्र में भागीदारी और सहज हो गई है। कई मतदाताओं ने बताया कि इस सुविधा ने उन्हें मतदान का सुखद अनुभव प्रदान किया और उनके अधिकार का महत्व महसूस कराया।
होम वोटिंग: निष्पक्षता और सुरक्षा का पालन
होम वोटिंग की प्रक्रिया में चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जाता है। मतदान के दौरान एक पुलिस अधिकारी और चुनावी टीम की उपस्थिति सुनिश्चित की जाती है ताकि मतदान प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या असुविधा न हो। इस प्रक्रिया में हर कदम पर पारदर्शिता बनाए रखने के लिए चुनावी अधिकारियों द्वारा सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है, जिससे मतदाता निष्पक्ष और निर्भीक वातावरण में अपना वोट दे सकें।
होम वोटिंग के साथ-साथ पोस्टल बैलेट की सुविधा
होम वोटिंग के अलावा उन अधिकारियों और मतदान कर्मियों के लिए भी पोस्टल बैलेट की व्यवस्था की गई है जो चुनावी प्रक्रिया के दौरान तैनात रहेंगे। गुमला जिले में 3 नवंबर से पोस्टल बैलेट की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें विभिन्न प्रखंडों के कुल 1,709 अधिकारियों और कर्मचारियों ने अब तक पोस्टल बैलेट के माध्यम से अपने मत का प्रयोग किया है। यह व्यवस्था सुनिश्चित करती है कि चुनाव प्रक्रिया में शामिल हर कर्मी का मत भी गणना में शामिल हो सके।
लोकतंत्र में सभी की भागीदारी का प्रतीक
गुमला जिले में इस प्रकार की होम वोटिंग सुविधा चुनाव आयोग की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो लोकतंत्र में हर नागरिक की भागीदारी सुनिश्चित करती है। बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को उनके अधिकारों से वंचित न होने देने के लिए यह व्यवस्था की गई है। यह पहल यह संदेश देती है कि लोकतंत्र में हर वोट का महत्व है और हर व्यक्ति को अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर मिलना चाहिए।
नागरिकों के अधिकारों के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता
होम वोटिंग जैसी सुविधा से गुमला जिले में बुजुर्गों और दिव्यांगों को मतदान करने का अवसर मिला, जो चुनाव आयोग की संवेदनशीलता और जिम्मेदारी को दर्शाता है। यह पहल अन्य जिलों और राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा का कार्य कर सकती है। हर नागरिक से अपील है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करें और लोकतंत्र की मजबूती में योगदान दें।