असम के सीएम ने कहा-एक ही नारा…हेमंत दोबारा नहीं चलेगा…अब चलेगा एक ही नारा झारखंड का युवा दोबारा
हजारीबाग/रामगढ़ : असम के मुख्यमंत्री और बीजेपी झारखंड के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने मांडू की चुनावी सभा में सोमवार को हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन को निशाने पर लिया.
उन्होंने एक ही नारा हेमंत दोबारा नहीं चलेगा, पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हेमंत जी बोलते हैं मेरी कल्पना सबसे बढ़िया। कल्पना जी हर मीटिंग में आती है और कहती हैं एक ही नारा हेमंत दुबारा। ये एक दूजे के लिए सिनेमा की शूटिंग हो रही है। जैसे हेमंत जी कल्पना के बारे में बोलती हैं। हेमंत जी कल्पना के बारे में बोलते हैं। जैसे नया-नया प्यार की कहानी है।
उन्होंने कहा कि कल्पना जी झारखंड के युवाओं के बारे में कौन बोलेगा, माताओं के बारे में कौन बोलेगा, गरीबों के बारे में कौन बोलेगा। कल्पना जी सुन लीजिए एक ही नारा हेमंत दुबारा नहीं चलेगा। अब चलेगा एक ही नारा झारखंड का युवा दोबारा।
‘जो सरकार हमें रामनवमी का जुलूस नहीं निकालने देते, वैसी सरकार को गंगा में फेंक दीजिए’
उन्होंने कहा कि परसों मैं जामताड़ा गया था। लोगों ने बताया कि जामताड़ा, पाकुड़ साहिबगंज में स्कूल शुक्रवार को बंद होते हैं। मैने पूछा कि ऐसा क्यों तो मुझे बताया कि हमें नमाज पढ़ना है। आप सोचिए कि अगर नमाज पढ़ने के लिए आलमगीर आलम, इरफान अंसारी स्कूल बंद करते हैं तो, हमें भी मंगलवार को हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए मंगलवार को स्कूल बंद कराना चाहिए।
कहा कि ये चुनाव में हिंदू समाज आलमगीर आलम और इरफान अंसारी को बतायेगा कि अगर तुम स्कूल शुक्रवार को बंद करेगा तो हमें भी मंगलवार को बंद चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं रामनवमी के समय भी झारखंड में था। रामनवमी का जुलूस होने नहीं देते हैं। महूदी में रामनवमी का जुलूस 30 साल से नहीं होने दे रहे हैं। गढ़वा में दुर्गा मां का विसर्जन नहीं होने दे रहे हैं। लेकिन मोहर्रम में लाठी वाला जुलूस निकालने देते हो। मैं झारखंडवासियों को बोलना चाहूंगा कि जो सरकार हमें रामनवमी का जुलूस नहीं निकालने देते हैं वैसे सरकार को गंगा में फेंक दीजिए।
‘पूरे संथाल को घुसपैठिया खा चुका है’
एक बार फिर घुसपैठियों को लेकर अपना खटराग अलापा, कहा कि हमारे पूरे संथाल को घुसपैठिया खा चुका है। धीरे-धीरे घुसपैठिया हमारी तरफ भी आ रहा है। ये चुनाव एनडीए की सरकार बनने के बाद चुन-चुनकर घुसपैठियों को निकलना होगा। ये चुनाव रोटी, बेटी माटी को बचाने का चुनाव है। ये चुनाव हमारे समाज को बचाने का चुनाव है। ये चुनाव हमारे संस्कृति को बचाने का चुनाव है। ये खाली मांडू का चुनाव नहीं है।
अगर इस चुनाव में दोबारा इरफान अंसारी और आलमगीर आलम आ जाते है ना तो हमारे हिंदू समाज को कोई भी काम करने के लिए इजाजत नहीं देंगे। ये चुनाव में हमलोगों को एक रहना है। घुसपैठिये एक जगह पर वोट देते हैं। ये लोग वोट जिहाद करते हैं। लेकिन हमारा समाज का वोट बंट जाता है।
‘ये इरफान और आलमगीर कौन है?’
उन्होंने चुनाव को पूरी तरह हिंदू-मुस्लिम का एंगल देते हुए कहा कि एक बार हम हिंदू बोलते हैं कि हम हिंदू बटेंगे नहीं। ये दुनिया में किसी की हिम्मत नहीं है हिंदू को हराने की। जब हिंदू समाज बंटते हैं तो हमारा समाज बिखर जाता है, लेकिन जब हिंदू एक होते हैं तो बाबरी मस्जिद तोड़ते हैं और राम मंदिर बनते हैं। अगर हिंदू समाज एक होते है ना तो हम बाबर और औरंगजेब को छोड़ते नहीं है. ये इरफान अंसारी और आलमगीर आलम कौन है? इस बार हमें मांडू में एक होकर केला छाप में वोट देकर तिवारी महतो को जीताना है।
‘6 महीने से बुजुर्गों को पेंशन नहीं मिल रही है’
उन्होंने हेमंत सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि पीएम बोलते हैं कि एक रहेगा तो सेफ रहेगा। ये चुनाव एक रहने का चुनाव है। चार साल आपने कुछ नहीं किया और जब चुनाव आया तो हजार रुपया का लॉलीपॉप खिला रहा है। क्या 6 महीने से बुजुर्ग का पेंशन आ रहा है। नहीं आ रहा है, क्योंकि आपका पेंशन बंद करके मंईया सम्मान योजना में पैसा बांट रहा है। बुजुर्ग का पेंशन बंद और मंईयां का अकाउंट में पैसा। सास का रुपया बंद और बहू के अकाउंट में पैसा। सास-बहू के बीच इनलोगों ने झगड़ा लगा दिया।