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Sunday, November 24, 2024
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विनोबा भावे विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा सुधार: कुलपति का सख्त निर्णय

विनोबा भावे विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी?

हजारीबाग – विनोबा भावे विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था, जो पिछले कुछ वर्षों से लापरवाही और विवादों में रही है, अब सुधार की दिशा में है। कुलपति प्रो. पवन कुमार पोद्दार ने सुरक्षा खामियों पर सख्त कदम उठाते हुए नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है।

विश्वविद्यालय में पहले सुरक्षा से जुड़े गंभीर मुद्दे सामने आए, जिनमें चोरी की घटनाएं और अतिथि भवन तथा विज्ञान भवन का गलत कार्यों के लिए इस्तेमाल जैसी समस्याएं शामिल थीं। इन शिकायतों को लंबे समय तक अनदेखा किया गया, और केवल औपचारिक जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई।

सुरक्षा खामियों का पर्दाफाश

1. सुरक्षा गार्ड की अनुपस्थिति
शिकायतें थीं कि जितने सुरक्षा गार्ड विश्वविद्यालय में प्रतिनियुक्त किए गए हैं, उनमें से आधे भी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं रहते। यह खामी न केवल सुरक्षा को कमजोर कर रही थी, बल्कि चोरी और अन्य आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में भी योगदान कर रही थी।

2. प्रशासन की लापरवाही
कई घटनाओं के बावजूद, पूर्व में सख्त कार्रवाई नहीं की गई। नतीजतन, सुरक्षा एजेंसियां और गार्ड अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं ले रहे थे।

कुलपति द्वारा लिए गए सख्त निर्णय

1. नई सुरक्षा एजेंसी की नियुक्ति
कुलपति प्रो. पवन कुमार पोद्दार ने सुरक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सिक्योर्ड सिक्योरिटी सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नामक एजेंसी के साथ नई शर्तें लागू की हैं।

2. व्हाट्सएप-आधारित निगरानी प्रणाली
अब सुरक्षा कर्मियों की प्रतिनियुक्ति का ड्यूटी चार्ट और व्हाट्सएप नंबर कुलपति और अन्य अधिकारियों के पास उपलब्ध रहेगा।

  • अधिकारी कभी भी व्हाट्सएप कॉल या अन्य माध्यम से सुरक्षा गार्ड की उपस्थिति की जांच कर सकते हैं।
  • अनुपस्थिति पाए जाने पर सुरक्षा एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

3. अधिकारियों की जवाबदेही बढ़ाना
कुलपति ने यह सुनिश्चित किया कि अधिकारी भी सुरक्षा की स्थिति पर नजर रखें और समय-समय पर जांच करें।

सुरक्षा सुधार के प्रभाव

1. अपराध की घटनाओं में कमी
नई निगरानी प्रणाली से विश्वविद्यालय परिसर में चोरी और अन्य अवांछित गतिविधियों पर अंकुश लगेगा। गार्ड की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित होने से परिसर सुरक्षित रहेगा।

2. विश्वविद्यालय का माहौल बेहतर होगा
अतिथि भवन और विज्ञान भवन जैसी महत्वपूर्ण जगहों का गलत उपयोग अब रुकेगा। इससे छात्रों, शिक्षकों, और आगंतुकों को सुरक्षित और सकारात्मक वातावरण मिलेगा।

3. जिम्मेदार एजेंसी और कर्मचारी
नई शर्तों के तहत, सुरक्षा एजेंसी को जवाबदेह बनाया गया है। इससे उनकी कार्यक्षमता में सुधार होगा और गार्ड अपनी ड्यूटी को गंभीरता से लेंगे।

शिक्षण और प्रशासनिक समुदाय की प्रतिक्रिया

कुलपति के इस निर्णय को विश्वविद्यालय प्रशासन, छात्र समुदाय, और स्थानीय नागरिकों द्वारा सराहा जा रहा है। शिक्षकों और कर्मचारियों ने इसे सुरक्षा सुधार के लिए एक आवश्यक कदम बताया है।

छात्रों का बयान:
छात्रों ने कहा कि यह पहल उन्हें सुरक्षित माहौल में अध्ययन करने में मदद करेगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि सुरक्षा व्यवस्था अब अधिक प्रभावी होगी।

शिक्षकों की राय:
शिक्षकों का मानना है कि यह बदलाव केवल सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा के लिए भी महत्वपूर्ण है।

सुरक्षा सुधार की आवश्यकता क्यों थी?

1. विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को बचाना
लगातार घटनाओं और सुरक्षा खामियों ने विश्वविद्यालय की छवि को प्रभावित किया था। नई सुरक्षा व्यवस्था से इसे सुधारने का प्रयास किया गया है।

2. छात्रों और कर्मचारियों का भरोसा बहाल करना
सुरक्षित माहौल केवल छात्रों के लिए नहीं, बल्कि शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मचारियों के लिए भी जरूरी है।

3. भविष्य की घटनाओं को रोकना
सख्त निगरानी और जवाबदेही से भविष्य में किसी भी प्रकार की अवांछित घटना को रोका जा सकेगा।

विनोबा भावे विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल परिसर को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि विश्वविद्यालय की छवि को भी बेहतर करेगा। कुलपति प्रो. पवन कुमार पोद्दार की यह पहल शिक्षा क्षेत्र में अनुशासन और जिम्मेदारी का एक उदाहरण है।

इस बदलाव को स्थायी और प्रभावी बनाने के लिए प्रशासन को नियमित समीक्षा और निगरानी जारी रखनी होगी। यह कदम दिखाता है कि सही नेतृत्व और दृढ़ निर्णय से किसी भी समस्या का समाधान संभव है।

News – Vijay Chaudhary

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