झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में 28 नवंबर, 2024 को रांची में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। ये निर्णय झारखंड के प्रशासनिक सुधार, सामाजिक कल्याण, आर्थिक वृद्धि और न्यायिक सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम माने जा रहे हैं।
प्रमुख निर्णय: झारखंड विधान सभा और शपथ ग्रहण प्रक्रिया
1. प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति
- प्रोफेसर स्टीफन मरांडी को झारखंड विधान सभा के नवनिर्वाचित सदस्यगण को शपथ दिलाने के लिए प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किया गया।
- यह निर्णय विधानसभा संचालन में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है।
2. षष्ठम झारखंड विधान सभा का पहला सत्र
- पहला सत्र 9 दिसंबर, 2024 से 12 दिसंबर, 2024 तक आयोजित किया जाएगा।
- इस सत्र में राज्य के विकास और जनहित से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
मंइया सम्मान योजना में वृद्धि: गरीबों के लिए राहत
मुख्यमंत्री ने मंइया सम्मान योजना के तहत लाभार्थियों को ₹2500 प्रति माह का भुगतान सुनिश्चित करने का निर्णय लिया।
- लाभ:
- यह निर्णय राज्य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, विशेष रूप से महिलाओं, को सीधा वित्तीय सहयोग प्रदान करेगा।
- लाभार्थियों को यह बढ़ी हुई राशि दिसंबर 2024 से प्राप्त होगी।
राजस्व वृद्धि और बकाया वसूली
राज्य की आय बढ़ाने और राजस्व वसूली तेज करने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए हैं:
- बकाया वसूली:
- केंद्र सरकार और केंद्रीय उपक्रमों पर झारखंड का ₹1,36,000 करोड़ बकाया है।
- इस राशि की वसूली के लिए विधिक कार्रवाई शुरू करने का निर्णय लिया गया।
- नए राजस्व स्रोत:
- खनन क्षेत्र में लागू पुराने करों में वृद्धि की जाएगी।
- लंबित न्यायिक मामलों में तेजी लाने के लिए वित्त विभाग में एक विशेष कोषांग का गठन होगा।
नियुक्ति प्रक्रिया में सुधार
राज्य में रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए:
- JPSC, JSSC और अन्य प्राधिकरणों को 1 जनवरी, 2025 से पहले परीक्षा कैलेंडर प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया।
- पुलिस नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा की जाएगी ताकि यह अधिक प्रभावी और निष्पक्ष हो।
असम के चाय बागानों में झारखंड मूल के जनजातीय समूहों की स्थिति का अध्ययन
असम के चाय बागानों में कार्यरत झारखंड मूल के आदिवासी समूहों की दशा का अध्ययन करने के लिए:
- सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल और अधिकारियों की एक टीम को असम भेजने का निर्णय लिया गया।
- यह टीम जमीनी स्थिति का आकलन कर सरकार को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
- इसका उद्देश्य इन जनजातीय समूहों के लिए भविष्य में बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित करना है।
विकास के लिए अन्य निर्णय
1. आर्थिक सुधारों पर जोर
- पुराने करों में संशोधन से राज्य की आय में वृद्धि की उम्मीद है।
- विशेष कोषांग के गठन से वित्तीय अनुशासन और राजस्व संग्रह में सुधार होगा।
2. सामाजिक न्याय और कल्याण:
- मंइया सम्मान योजना का विस्तार राज्य के गरीब और वंचित वर्गों के लिए बड़ी राहत है।
3. रोजगार और शिक्षा:
- JPSC और JSSC द्वारा शीघ्र परीक्षा कैलेंडर प्रकाशित करना युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सुनिश्चित करेगा।
राज्य के लिए क्या होगा असर?
1. आर्थिक स्थिरता:
- राजस्व वसूली और नए स्रोतों की पहचान से राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत होगी।
2. सामाजिक कल्याण:
- योजनाओं का विस्तार वंचित वर्गों को मुख्यधारा में लाने में मदद करेगा।
3. प्रशासनिक सुधार:
- पारदर्शी नियुक्ति प्रक्रिया और विधान सभा के सत्र से सरकारी कामकाज में सुधार होगा।
4. आदिवासी समूहों का उत्थान:
- असम के चाय बागानों में आदिवासियों की स्थिति का अध्ययन उनके लिए एक नई उम्मीद बन सकता है।
निष्कर्ष: झारखंड के विकास की नई राह
हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में लिए गए ये निर्णय राज्य के प्रशासन, अर्थव्यवस्था और समाज के हर वर्ग को प्रभावित करेंगे।
इन पहलों से झारखंड एक अधिक संगठित, समृद्ध और समावेशी राज्य बनने की ओर अग्रसर है।
क्या आप मानते हैं कि ये फैसले झारखंड के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे? अपनी राय साझा करें।
News Desk