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Saturday, January 18, 2025
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दूसरे राज्यों में काम करने वाले मजदूरों का रहस्यमय तरीके से लापता होना: मानव तस्करी का संकेत?

गुमला के अरमई बेहरा टोली गांव के मजदूर मंगल उरांव का यूपी के ईंट भट्ठे से लौटते समय लापता हो जाना, जिले के लिए चिंता का विषय बन गया है। यह कोई पहली घटना नहीं है; पहले भी कई मजदूर काम के सिलसिले में बाहर गए और एकाएक गायब हो गए। सवाल उठता है कि क्या इसके पीछे मानव तस्करी जैसे गंभीर अपराध की साजिश है?


लापता मजदूर की स्थिति और परिवार की व्यथा

12 नवंबर 2024 को मंगल उरांव अचानक अपनी पत्नी और तीन साल की बेटी को छोड़कर लापता हो गए। उनकी मां, अगनी उराईन, ने आज जिला मुख्यालय पहुंचकर अधिकारियों से बेटे को खोजने की गुहार लगाई। उनके पास पहचान के लिए केवल मंगल उरांव का आधार कार्ड है, जिससे जांच में कठिनाइयों का सामना हो रहा है। परिजन बेहद परेशान हैं, और उनकी चिंता बढ़ती जा रही है।


मानव तस्करी का संदेह और प्रशासन की जिम्मेदारी

बार-बार मजदूरों का लापता होना एक गहरी साजिश का संकेत देता है। क्या यह घटनाएं मानव तस्करी का हिस्सा हो सकती हैं?
जिला एवं पुलिस प्रशासन के साथ खुफिया एजेंसियों को इस मुद्दे को गंभीरता से लेकर जांच करनी चाहिए। विशेष रूप से, सीमावर्ती और कामगार क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ाने और मजदूरों के रिकॉर्ड को व्यवस्थित रखने की आवश्यकता है।


कमजोर मजदूर वर्ग को सुरक्षा कैसे मिले?

भारत में प्रवासी मजदूरों की समस्याएं नई नहीं हैं। गरीब और अशिक्षित मजदूर अक्सर दलालों के चंगुल में फंस जाते हैं, जो उन्हें झूठे वादों के साथ दूसरे राज्यों में भेजते हैं। सरकार और सामाजिक संगठनों को मिलकर मजदूरों को रोजगार के सुरक्षित अवसर प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

  1. सुरक्षित पंजीकरण प्रणाली: मजदूरों का पंजीकरण सुनिश्चित करना ताकि उनका रिकॉर्ड रखा जा सके।
  2. जागरूकता अभियान: मजदूरों और उनके परिवारों को दलालों और धोखेबाजों से बचने के लिए शिक्षित करना।
  3. संवेदनशील प्रशासन: लापता मजदूरों के मामलों में त्वरित कार्रवाई और प्रभावी जांच प्रक्रिया।

मजबूत कानून और सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता

मानव तस्करी जैसी समस्याओं का समाधान केवल कानून से नहीं होगा। प्रशासन, स्थानीय समुदायों और गैर-सरकारी संगठनों को मिलकर काम करना होगा। मजदूरों के लिए एक मजबूत नेटवर्क और मदद केंद्र स्थापित करना आवश्यक है।


अंततः समाधान की दिशा में कदम

गुमला में मंगल उरांव जैसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक है कि प्रशासन और समाज मिलकर कार्य करें। मजदूरों को न केवल सुरक्षित रोजगार मिले, बल्कि उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सुनिश्चित हो। यह समय है कि मानव तस्करी और मजदूरों के शोषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।

न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया 

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