गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने और विद्यार्थियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से जिले के राजकीय विद्यालयों में साप्ताहिक निरीक्षण का कार्य शुरू किया है। इसी क्रम में, उन्होंने गुमला प्रखंड के राजकीयकृत +2 उच्च विद्यालय, टोटो का साप्ताहिक निरीक्षण किया। इस पहल का उद्देश्य मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षाओं के परिणामों को सुधारना और विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा व करियर के लिए प्रेरित करना है।
“शिक्षा कर भेंट” गतिविधि: एक अभिनव प्रयास
जिले में “शिक्षा कर भेंट” गतिविधि उपायुक्त की एक अनोखी पहल है, जिसका मुख्य उद्देश्य विद्यालयों में शैक्षणिक गुणवत्ता को सुधारना है।
- साप्ताहिक निरीक्षण: उपायुक्त और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारी हर सप्ताह विद्यालयों का दौरा करते हैं।
- संवाद और प्रेरणा: विद्यार्थियों के साथ संवाद कर उन्हें पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित किया जाता है।
- डाउट क्लियरिंग: विद्यार्थियों के शैक्षणिक संदेह दूर करने का कार्य भी किया जाता है।
इस पहल के माध्यम से प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि विद्यार्थी केवल शिक्षा प्राप्त न करें, बल्कि उसे समझें और आत्मसात करें।
निरीक्षण के दौरान प्रमुख गतिविधियां
उपायुक्त ने निरीक्षण के दौरान विद्यालय की निम्नलिखित सुविधाओं और गतिविधियों का गहन अध्ययन किया:
- बच्चों की उपस्थिति और शिक्षण प्रक्रिया: कक्षाओं में उपस्थिति और पढ़ाई के माहौल का निरीक्षण किया गया।
- पुस्तकालय और स्मार्ट क्लास: विद्यालय में उपलब्ध संसाधनों की स्थिति और उनका उपयोग देखा गया।
- प्री-बोर्ड और ई-विद्या वाहिनी: विद्यार्थियों की परीक्षा की तैयारी का आकलन किया गया और उन्हें बेहतर तैयारी के सुझाव दिए गए।
- विज्ञान प्रयोगशाला और कंप्यूटर क्लास: आधुनिक शिक्षा पद्धतियों के उपयोग की स्थिति का जायजा लिया गया।
उपायुक्त ने विद्यार्थियों को मेहनत करने और बड़े सपने देखने का संदेश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि लक्ष्य निर्धारित कर पढ़ाई करना सफलता की कुंजी है।
शिक्षकों और विद्यालय प्रशासन के लिए निर्देश
उपायुक्त ने शिक्षकों और विद्यालय प्रशासन को परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए विशेष निर्देश दिए:
- 10वीं और 12वीं के परिणामों को शत-प्रतिशत बनाने के लिए योजनाबद्ध प्रयास करें।
- विद्यार्थियों के डाउट्स क्लियर करने और नियमित रिवीजन क्लास आयोजित करने पर जोर दें।
- शिक्षण प्रक्रिया में तकनीकी संसाधनों का बेहतर उपयोग करें।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन शिक्षा के महत्व को समझता है और मैट्रिक व इंटरमीडिएट के उत्कृष्ट परिणामों को लेकर गंभीर है।
विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा और समर्थन
निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने विद्यार्थियों से सीधे बातचीत की और उन्हें शिक्षा के महत्व को समझाया। उन्होंने बच्चों से कहा, “मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। बड़े सपने देखें और उन्हें हासिल करने के लिए पूरी लगन से तैयारी करें।”
विद्यार्थियों ने भी इस दौरान अपने अनुभव साझा किए और उपायुक्त से मार्गदर्शन प्राप्त किया।
शिक्षा सुधार के लिए गुमला प्रशासन की प्रतिबद्धता
यह साप्ताहिक निरीक्षण पहल न केवल शैक्षणिक सुधारों को गति दे रही है, बल्कि विद्यार्थियों के भीतर आत्मविश्वास और प्रेरणा का संचार भी कर रही है। गुमला जिला प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि शिक्षा के क्षेत्र में कोई भी विद्यार्थी पीछे न छूटे।
शिक्षा सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम
गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी द्वारा शुरू की गई यह पहल शिक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति है। “शिक्षा कर भेंट” गतिविधि न केवल विद्यालयों की शैक्षणिक गुणवत्ता सुधार रही है, बल्कि विद्यार्थियों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार कर रही है। इस प्रयास से गुमला जिले का शिक्षा स्तर न केवल बेहतर होगा, बल्कि यह अन्य जिलों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया