शिक्षा में नवाचार: ‘इको इंडिया’ की साझेदारी से नई पहल
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत, झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) ने शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों के पेशेवर विकास को बढ़ावा देने के लिए एक नई और उन्नत योजना शुरू की है।
‘इको इंडिया’ के सहयोग से ‘ट्रांसफॉर्मेशनल स्कूल लीडरशिप’ के तहत वर्चुअल डिजिटल कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस पहल का उद्देश्य राज्य के सभी सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों में नेतृत्व कौशल और शैक्षणिक दक्षताओं को सशक्त बनाना है।
इको मॉडल: क्षमता निर्माण और नेतृत्व विकास का मंच
इस कार्यक्रम को ‘Echo Model for Transformational School Leadership’ नाम दिया गया है। यह शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को व्यावसायिक विकास, सहकर्मी शिक्षण, और नेतृत्व कौशल में प्रशिक्षित करने का एक डिजिटल मंच प्रदान करता है।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- केस-आधारित अध्ययनों और क्षमता निर्माण गतिविधियों का समावेश।
- प्रभावी स्कूल वातावरण तैयार करने के लिए आधुनिक रणनीतियों का विकास।
- शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को प्रख्यात विशेषज्ञों से जुड़ने का अवसर।
- सहकर्मी से सहकर्मी (पियर-टू-पियर) सीखने के मॉडल पर जोर।
यह पहल न केवल शिक्षकों को अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने का अवसर देती है, बल्कि उन्हें शिक्षण-शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रेरित भी करती है।
उद्घाटन सत्र: शिक्षा में नवाचार के लिए मार्गदर्शन
झारखंड के सभी सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के प्रधानाध्यापकों के साथ आयोजित उद्घाटन सत्र ने कार्यक्रम के महत्व और संभावित प्रभावों को रेखांकित किया।
इस सत्र में कई उच्च पदस्थ अधिकारियों और विशेषज्ञों ने भाग लिया, जिनमें शामिल थे:
- शशि रंजन (राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक)
- डॉ. जितेन्द्र देव झा (टीम लीडर-पीएमयू)
- डॉ. अनुराधा राय (जेंडर इक्विटी इंडिया पायलट प्रोजेक्ट की निदेशक)
- डॉ. संदीप भल्ला (इको प्रोजेक्ट्स के उपाध्यक्ष)
- श्रीमती अंकिता राय (इको इंडिया शिक्षा की प्रबंधक)।
कार्यक्रम के उद्देश्य और अपेक्षित परिणाम
‘इको मॉडल’ को झारखंड के शैक्षणिक परिदृश्य में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
- कार्यक्रम का लक्ष्य:
- स्कूल नेतृत्व को सशक्त बनाना।
- शिक्षकों की पेशेवर क्षमताओं का विकास।
- शिक्षण गुणवत्ता में सुधार।
- छात्रों के लिए एक बेहतर और प्रभावी शैक्षणिक वातावरण तैयार करना।
- उम्मीदें:
- शिक्षकों में आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल का विकास।
- बेहतर अकादमिक परिणाम।
- दीर्घकालिक शैक्षणिक सुधार।
इको मॉडल के उपयोग का प्रभाव
इस मॉडल के तहत शिक्षक और प्रधानाध्यापक विशेषज्ञों से मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं, जो उन्हें शैक्षणिक सुधार और नेतृत्व कौशल विकसित करने के लिए तैयार करते हैं।
- महत्वपूर्ण बिंदु:
- विशेषज्ञ अनुभव साझा करते हैं।
- स्कूल नेतृत्व में नवाचार को बढ़ावा देते हैं।
- दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रशिक्षण।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का समर्थन
NEP 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप, यह कार्यक्रम प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के लिए पेशेवर विकास पर विशेष ध्यान देता है।
यह नीति शिक्षकों को उनकी भूमिकाओं में सुधार और छात्रों के भविष्य को आकार देने के लिए अधिक प्रभावी बनाने पर बल देती है।
एक नई शिक्षा क्रांति की शुरुआत
झारखंड का ‘इको मॉडल’ न केवल राज्य के शिक्षा तंत्र को सुधारने का एक प्रयास है, बल्कि यह पूरे देश के लिए एक प्रेरणा भी बन सकता है।
यह पहल शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को नेतृत्व और शिक्षण में अद्वितीय कौशल प्रदान करती है, जो अंततः छात्रों की प्रगति और शिक्षा के समग्र सुधार में योगदान देगा।
कॉल-टू-एक्शन
शिक्षा में नवाचार और नेतृत्व विकास को प्राथमिकता देने के लिए राज्य के अन्य जिलों को भी झारखंड के ‘इको मॉडल’ से प्रेरणा लेनी चाहिए।
News Desk