गुमला जिले में वार्षिक बोर्ड परीक्षा 2025 को लेकर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के नेतृत्व में “शिक्षा कर भेंट” गतिविधि एक महत्त्वपूर्ण पहल बन चुकी है।
इस कार्यक्रम के तहत जिले के कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों की शिक्षा और तैयारी को लेकर साप्ताहिक आधार पर गहन अनुश्रवण किया जा रहा है।
शिक्षा के प्रति इस गंभीरता का प्रमाण यह है कि जिला और प्रखंड स्तर के करीब 90 वरिष्ठ पदाधिकारी विद्यालयों में नियमित दौरे कर छात्रों की पढ़ाई, परीक्षा की तैयारी और प्रीबोर्ड संचालन पर नजर रख रहे हैं।
“शिक्षा कर भेंट” गतिविधि का प्रभाव: आंकड़ों में प्रगति
- दिसंबर माह में मात्र दो सप्ताह के भीतर 175 से अधिक अनुश्रवण किए गए।
- 164 माध्यमिक विद्यालयों से लगभग 14,000 छात्र-छात्राएं कक्षा 10 की परीक्षा में बैठेंगे।
- 46 उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों से करीब 7,000 विद्यार्थी कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा देंगे।
प्रीबोर्ड और शीतकालीन अवकाश: सतत तैयारी का जोर
उपायुक्त ने बताया कि वर्तमान में प्रीबोर्ड परीक्षा आयोजित की जा रही है। इसके बाद, छात्रों को शीतकालीन अवकाश के दौरान तैयारी के लिए कोर टीम द्वारा तैयार किए गए होमवर्क असाइनमेंट प्रदान किए जाएंगे।
- प्रीबोर्ड के परिणाम: जनवरी के आरंभ में घोषित किए जाएंगे।
- रैमेडियल कक्षाएं: कमजोर छात्रों के लिए विषयवार रेमेडियल कक्षाएं आयोजित की जाएंगी।
- मॉडल प्रश्नों का अभ्यास: छात्रों की तैयारी को पुख्ता करने के लिए मॉडल प्रश्न पत्र और कोर्स का पुनरावलोकन किया जाएगा।
सफलता के पिछले अनुभव और भविष्य की रणनीति
“शिक्षा कर भेंट” गतिविधि के पिछले वर्षों में सकारात्मक परिणाम देखने को मिले हैं।
- इस वर्ष भी आगामी बोर्ड परीक्षा 2025 के लिए 100% सफलता दर सुनिश्चित करने का लक्ष्य है।
- युद्धस्तर पर कार्य करते हुए, परीक्षा की तैयारी के हर पहलू पर ध्यान दिया जा रहा है।
वरिष्ठ पदाधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
गुमला जिले के वरीय अधिकारियों की सक्रिय भूमिका इस पहल को और मजबूत बनाती है।
- अधिकारियों की जिम्मेदारी:
- साप्ताहिक स्कूल दौरे
- छात्रों की तैयारी का विश्लेषण
- शिक्षकों को आवश्यक निर्देश प्रदान करना
- महत्त्वपूर्ण भागीदारी: विद्या भूषण कुमार (निदेशक डीआरडीए), कंचन सिंह (एलआरडीसी), नूर आलम खां (डीएसई गुमला), रमेश यादव (बीडीओ सिसई) सहित अन्य प्रमुख अधिकारी नियमित रूप से स्कूलों का भ्रमण कर रहे हैं।
गुमला के छात्रों का भविष्य: शिक्षा सुधार का बढ़ता कदम
यह पहल न केवल परीक्षा की तैयारी में सुधार लाने में सहायक है, बल्कि जिले के छात्रों को उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार कर रही है।
- छात्रों की सफलता का लक्ष्य:
- बोर्ड परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन
- आत्मविश्वास और मानसिक मजबूती का विकास
- अध्यापकों की भूमिका: शिक्षकों का सहयोग और प्रबंधन छात्रों के परिणामों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
सामूहिक प्रयासों से शिक्षा का उज्ज्वल भविष्य
गुमला जिले में “शिक्षा कर भेंट” गतिविधि के माध्यम से शिक्षा के स्तर को सुधारने की जो कोशिशें की जा रही हैं, वह अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणादायक हैं।
परीक्षा की तैयारी के हर चरण पर गहन अनुश्रवण और रेमेडियल उपाय, छात्रों को न केवल परीक्षा में सफल बनाएंगे, बल्कि उन्हें जीवन में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए भी प्रेरित करेंगे।
सरकार और स्थानीय प्रशासन का यह प्रयास एक मजबूत शिक्षा प्रणाली की नींव रखता है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया