गुमला : – गुमला जिला मुख्यालय में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड (कृषि प्रभाग) के तत्वावधान में जिला स्तरीय किसान मेला सह कृषि उत्पाद प्रदर्शनी 2025 का आयोजन जिला मैदान (कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय) गुमला में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य उन्नत तकनीकों और नई खेती विधियों से किसानों को आत्मनिर्भर बनाना और खेती को और अधिक लाभप्रद बनाना था।
उपायुक्त के मार्गदर्शक संदेश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त गुमला कर्ण सत्यार्थी ने किसानों से कहा कि पारंपरिक खेती के साथ-साथ उन्नत तकनीकों को अपनाना समय की मांग है। उन्होंने किसानों को कीटनाशक रसायनों के स्थान पर जैविक खाद का उपयोग करने की सलाह दी। उपायुक्त ने कहा कि धान के अलावा किसानों को जीरा फूल, सब्जी और अन्य फसलों की खेती को प्राथमिकता देनी चाहिए। इसके अतिरिक्त, उन्होंने किसानों को डीजल आधारित उपकरणों के स्थान पर सोलर उपकरणों का उपयोग करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
उपायुक्त ने सिंचाई की नई तकनीकों को अपनाने और एफटीओ (फंड ट्रांसफर ऑर्डर) से जुड़ने के लिए भी किसानों को प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सरकार की विभिन्न योजनाओं और सब्सिडी का लाभ उठाकर किसान आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
कृषि वैज्ञानिक का संबोधन
कृषि वैज्ञानिक पदाधिकारी, विशुनपुर अटल बिहारी तिवारी ने किसानों को बताया कि आधुनिक तकनीक का उपयोग कर किसान कम भूमि पर अधिक उत्पादन कर सकते हैं। उन्होंने किसानों को पारंपरिक खेती के साथ नई तकनीकों का मिश्रण करने की सलाह दी। तिवारी ने कहा कि राज्य सरकार की कई लाभकारी योजनाएं किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए तैयार की गई हैं, जिनका लाभ लेकर किसान अपनी आय में वृद्धि कर सकते हैं।
उन्होंने किसान मेले के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि एक ही स्थल पर किसानों को कृषि प्रौद्योगिकी, फसल समस्या समाधान, और राज्य सरकार की योजनाओं की जानकारी स्टॉल के माध्यम से दी गई। इस दौरान कृषि संवाद के माध्यम से किसानों को तकनीकी जानकारी और समाधान प्रदान किया गया।
स्टॉल निरीक्षण और प्रदर्शनी
अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, चैनपुर ने मेला स्थल का निरीक्षण किया और विभिन्न स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने किसानों द्वारा प्रदर्शित उत्पादों की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजनों से किसानों को अपनी उपज और तकनीकी जानकारी को बेहतर बनाने का अवसर मिलता है।
उपस्थित अधिकारीगण
इस कार्यक्रम में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी चैनपुर, जिला कृषि पदाधिकारी, भूमि संरक्षण पदाधिकारी, उद्यान पदाधिकारी, कृषि वैज्ञानिक और अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
यह आयोजन किसानों के लिए न केवल नई जानकारी और तकनीकी समाधान लेकर आया, बल्कि उन्हें राज्य की योजनाओं और उनके लाभों के प्रति भी जागरूक किया। कृषि उत्पादों की प्रदर्शनी और फसल समस्या समाधान जैसे पहलुओं ने किसानों को अधिक उन्नत और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सहयोग किया।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया