गुमला: जिले में बच्चों में कुपोषण की रोकथाम और उनके पोषण स्तर में सुधार के लिए डुमरी, घाघरा, बसिया और भरनो प्रखंड में कुपोषण उपचार केंद्रों की स्थापना की जाएगी। ये केंद्र गुमला स्वास्थ्य विभाग और द हंस फाउंडेशन के सहयोग से निःशुल्क संचालित होंगे। इस पहल को लेकर बुधवार को सदर अस्पताल स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में एक समझौते (इकरारनामा) पर हस्ताक्षर किए गए।
कुपोषित बच्चों के लिए वरदान साबित होंगे केंद्र
इस अवसर पर सिविल सर्जन ने बताया कि ये कुपोषण उपचार केंद्र गंभीर रूप से कुपोषित बच्चों के लिए बेहद लाभकारी होंगे। इन केंद्रों में पहले बच्चों की पहचान की जाएगी और फिर उन्हें भर्ती कर विशेषज्ञ देखरेख में आधुनिक चिकित्सा पद्धति से इलाज दिया जाएगा। जब बच्चे का स्वास्थ्य सुधार होगा, तब उन्हें घर भेजा जाएगा, लेकिन स्वास्थ्य कर्मी उनकी लगातार निगरानी जारी रखेंगे।
कैसे मिलेगा बच्चों को लाभ?
- अभिभावकों, एएनएम और आंगनबाड़ी सेविकाओं के सहयोग से कुपोषित बच्चों की पहचान की जाएगी।
- भर्ती किए गए बच्चों को गुणवत्तापूर्ण पोषण, आधुनिक जांच और बेहतर चिकित्सा सेवाएं दी जाएंगी।
- मुफ्त दवा, पौष्टिक आहार और स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा।
- मनोरंजन के साधनों की भी व्यवस्था होगी, जिससे बच्चों का मानसिक विकास भी सुनिश्चित किया जा सके।
गुमला में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने की दिशा में अहम कदम
गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के नेतृत्व में जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार बेहतर बनाया जा रहा है। इस नई पहल से कुपोषित बच्चों को समय पर उचित इलाज मिलेगा और जिले में कुपोषण की समस्या को कम करने में मदद मिलेगी। प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे जरूरतमंद बच्चों को इन केंद्रों तक पहुंचाने में सहयोग करें, ताकि उन्हें समय पर सही उपचार मिल सके।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया