गुमला, झारखंड | 24 अप्रैल 2025 — झारखंड के गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड अंतर्गत बरवे मैदान में दो दिवसीय परमवीर अल्बर्ट एक्का कृषि मेला-सह कार्यशाला की शुरुआत गुरुवार को विधिवत रूप से की गई। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का उद्घाटन कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की द्वारा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
ग्रामीण किसानों को मिली योजनाओं और तकनीकी जानकारी एक ही मंच पर
इस अवसर पर मंत्री ने सबसे पहले परमवीर चक्र विजेता शहीद अल्बर्ट एक्का की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब कृषि मेला के साथ-साथ एक तकनीकी कार्यशाला का भी आयोजन किया गया है, जिसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि उपकरणों, वैज्ञानिक विधियों और सरकारी योजनाओं की समुचित जानकारी देना है।
उन्होंने कहा, “योजनाओं की सही जानकारी के अभाव में किसान अक्सर बिचौलियों के झांसे में आ जाते हैं और लाभ से वंचित रह जाते हैं। ऐसे आयोजनों से उन्हें सही जानकारी मिलती है और वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं।”
पलायन रोकने के लिए खेती को बनाना होगा लाभकारी: मंत्री तिर्की
शिल्पी नेहा तिर्की ने यह भी कहा कि गुमला के सुदूरवर्ती इलाकों में इस तरह के कार्यक्रम किसानों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अनुदानित कृषि यंत्रों का लाभ उठाएं और खेती में तकनीकी विधियों को अपनाएं ताकि इस क्षेत्र से रोजगार की तलाश में होने वाला पलायन रुके और युवाओं को कृषि में भविष्य दिखे।
कृषि सचिव ने दी आधुनिक खेती की अहमियत पर जानकारी
कृषि सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि कई बार किसानों को कृषि की वैज्ञानिक विधियों की जानकारी नहीं होती, जिससे उन्हें नुकसान झेलना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस मेले के माध्यम से उन्नत बीज, फसल चक्र, कृषि यंत्र, मत्स्य पालन, डेयरी, बागवानी और सहकारिता योजनाओं की जानकारी एक मंच पर दी जा रही है।
उपायुक्त ने बताया मेले की खासियत, 50 से अधिक स्टॉल लगाए गए
गुमला के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि पहले ऐसे आयोजन जिला मुख्यालय में होते थे, जिससे दूरदराज के किसान शामिल नहीं हो पाते थे। लेकिन अब चैनपुर जैसे इलाकों में आयोजन कर उन्हें भी लाभ पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कुल 50 से अधिक स्टॉल कृषि, पशुपालन, मत्स्य, बागवानी और अन्य विभागों द्वारा लगाए गए हैं।
मेले में किसानों की भागीदारी और अनुभवों का आदान-प्रदान
कार्यक्रम में शामिल किसानों ने अपने अनुभव साझा किए और उन्नत खेती की विधियों को जाना। जिला मत्स्य कार्यालय द्वारा इस बार 5 विशेष स्टॉल लगाए गए हैं। मेले में फल, सब्जी और विभिन्न फसलों के साथ किसान अपनी उपलब्धियों को प्रस्तुत कर रहे हैं।
कार्यशाला और मेला में प्रशासनिक उपस्थिति रही उल्लेखनीय
इस आयोजन में उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी (चैनपुर), पुलिस पदाधिकारी, जिला वन पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, परमवीर अल्बर्ट एक्का के सुपुत्र, जिला परिषद सदस्य समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया
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