वन नेशन वन इलेक्शन पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए समाजविज्ञान संकाय के अध्यक्ष सह विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सादिक रज्जाक ने इसके मनोवैज्ञानिक पहलुओं को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि चुनाव के समय राजनीतिक दल कभी-कभी समाज को बांटने वाले मुद्दों को भी उठाते हैं जिसका असर चुनाव के बाद भी लंबे समय तक समाज पर रहता है। वन नेशन वन इलेक्शन से ऐसे मुद्दे बार-बार उठाने के अवसर नहीं मिलेंगे। इससे हम स्वस्थ भारत की कल्पना कर सकते हैं। विश्वविद्यालय पर पड़ने वाले प्रभाव की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि बार-बार के आचार संहिता से विश्वविद्यालय के कार्य भी बुरी तरह से प्रभावित होते हैं जिससे भी मुक्ति मिलेगी। अतः इस व्यवस्था के कई फायदे हैं। राजनीति विज्ञान विभाग द्वारा इस ज्वलंत विषय पर संगोष्ठी आयोजित करने की उन्होंने सराहना की।
न्यूज – विजय चौधरी