हज़ारीबाग, 10 मई — नोबेल पुरस्कार से सम्मानित साहित्यकार और स्वतंत्रता संग्राम के समर्थक रवींद्रनाथ टैगोर की 164वीं जयंती पर शुक्रवार को हज़ारीबाग के यूनियन क्लब एवं लाइब्रेरी स्थित केशव हॉल में एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम दिवंगत कलाकार प्रीतम चक्रवर्ती की स्मृति को समर्पित रहा।
इस आयोजन का नेतृत्व बंगाली एसोसिएशन हजारीबाग और शहर के विभिन्न बंगाली संगठनों ने संयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम की शुरुआत गुरुदेव टैगोर के चित्र पर पुष्प अर्पण और मंगलदीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसमें एसोसिएशन के सचिव सोमनाथ कुनार, ध्रुबो चक्रवर्ती, चित्रा सरकार, रूप चटर्जी और अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में गुरुदेव द्वारा उनके जन्मदिवस पर रचित गीत ‘हे नूतन’ का सामूहिक गायन हुआ, जिसमें तनुश्री मुखर्जी, तापोषी दास, मधुच्छंदा मुखर्जी, मंदिरा गुप्ता, डोला गुहा, सोनाली भट्टाचार्य, बोनिता दे और सोम सेन ने स्वर दिया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ बनीं आकर्षण का केंद्र
श्रीमती सुष्मिता ने रवींद्र संगीत पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया, वहीं मैत्री घोष की रचना-पाठ ने श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया। मधुच्छंदा मुखर्जी और तनिष्का सोनल राय के एकल गायन ने भी दर्शकों की भरपूर सराहना पाई।
मौमिता गांगुली के नृत्य और संध्या धनपति, रीता भद्र व मंदिरा गुप्ता द्वारा प्रस्तुत रवींद्र रचनाओं के कोलाज को खूब सराहा गया। कार्यक्रम का आकर्षक समापन श्रीमा संगीतायन संस्थान (निर्देशन: सीमा घोष) और ‘काजल’ संस्था (निर्देशन: गार्गी मल्लिक) द्वारा प्रस्तुत सामूहिक नृत्य से हुआ।
इससे पहले आयोजित चित्रांकन प्रतियोगिता के विजेताओं को समीर मुखर्जी और चिन्मय कुमार सरकार द्वारा पुरस्कृत किया गया। प्रो. सजल मुखर्जी ने रवींद्रनाथ के जीवन-दर्शन पर एक प्रेरणादायक वक्तव्य भी दिया। संचालन आशीष चौधरी ने किया।
टैगोर को समर्पित आयोजन में “ऑपरेशन सिंदूर” को समर्थन
कार्यक्रम के दौरान देश की वर्तमान सुरक्षा स्थिति पर भी विचार व्यक्त किए गए। बंगाली एसोसिएशन हजारीबाग ने सर्वसम्मति से भारत सरकार और सेना द्वारा आतंकवाद के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन सिंदूर का पूर्ण समर्थन करते हुए दो प्रस्ताव पारित किए।
संगठन के अध्यक्ष डॉ. सुकल्याण मोइत्रा ने जोर देकर कहा, “टैगोर ने जलियांवाला बाग नरसंहार के विरोध में अपनी नाइटहुड की उपाधि लौटाकर देशभक्ति की मिसाल कायम की थी। आज उनकी जयंती पर आतंकवाद के खिलाफ इस निर्णायक अभियान का समर्थन करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
सभा में ‘वंदे मातरम्’, ‘भारत माता की जय’ और ‘जय हिंद’ के नारों के साथ यह संदेश दिया गया कि आतंकवाद के सफाए तक यह अभियान निरंतर जारी रहना चाहिए।
न्यूज़ – विजय चौधरी