गुमला | झारखंड के गुमला जिले के सिसई थाना अंतर्गत सोंगरा गांव में बुधवार की शाम एक हृदयविदारक हादसे में वज्रपात की चपेट में आने से एक दंपति की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान 32 वर्षीय हरखमैन झोरा और उनकी पत्नी सुखो झोरा के रूप में हुई है। इस हादसे ने उनके तीन मासूम बच्चों को अनाथ बना दिया है, जिनके भविष्य पर अब गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मछली पकड़कर पाल रहे थे परिवार, आकाशीय बिजली ने ली जान
मिली जानकारी के अनुसार, हरखमैन और सुखो झोरा अपने तीन बच्चों के साथ मछली मारकर जीवनयापन कर रहे थे। बुधवार की शाम अचानक तेज बारिश के साथ वज्रपात हुआ, जिसकी चपेट में आकर दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। यह हादसा न केवल परिवार के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए गहरा सदमा बन गया।
अनाथ हुए बच्चों के सामने संकटों का पहाड़
दंपति की मौत के बाद उनके तीन मासूम बच्चों के सामने अब पालन-पोषण, शिक्षा और जीवनयापन की गंभीर चुनौतियाँ खड़ी हो गई हैं। स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरी संवेदना जताते हुए प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। ग्रामीणों का कहना है कि “सरकार ही अब इन बच्चों का सहारा है, लेकिन क्या वो ज़िम्मेदारी उठाएगी?”
तीन अन्य घायल, अस्पताल में चल रहा इलाज
घटना के समय मौजूद तीन अन्य लोग—महावीर झोरा, बंधन देवी और 12 वर्षीय शिवम् झोरा—भी आंशिक रूप से वज्रपात की चपेट में आ गए। उन्हें तत्काल सिसई रेफरल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज जारी है।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई, शव सौंपे परिजनों को
सूचना मिलते ही सिसई थाना की पुलिस टीम घटनास्थल पर पहुँची और दोनों शवों को अपने कब्जे में लेकर गुमला सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पोस्टमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंप दिया गया। थाना प्रभारी ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि हादसा प्राकृतिक आपदा के चलते हुआ और प्रशासन स्तर पर सहायता की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
इस दर्दनाक हादसे ने एक बार फिर ग्रामीण इलाकों में प्राकृतिक आपदाओं के खतरों और अनदेखी ज़िंदगियों की दुर्दशा को उजागर कर दिया है। अब पूरा गाँव और खासकर तीन मासूम बच्चों की आंखें शासन-प्रशासन की ओर टिकी हैं, जो उन्हें एक नई दिशा और आश्रय देने की उम्मीद लिए बैठे हैं।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया