सम्मेदशिखर/गिरिडीह: जैन धर्म के तीर्थराज सम्मेद शिखर-पारसनाथ को पर्यटन क्षेत्र घोषित किये जाने के सरकारी प्रस्ताव के विरोध का दायरा अब दिल्ली तक जा पहुंचा है. देश का जैन समाज आंदोलन पर उतर आया है. इधर, 5 जनवरी को पूरे झारखंड में सकल जैन समाज गिरिडीह जिला मुख्यालय में मौन प्रदर्शन करेगा, जिसमें प्रदेश के सभी 24 जिलों के समाज के हजारों महिला-पुरुष भाग लेंगे। प्रदर्शन के बाद गिरिडीह उपायुक्त के जरिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया जायेगा। मौन प्रदर्शन में विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि अपने-अपने बैनरों के साथ शिरकत करेंगे।
मौखिक बयानों से संतुष्ट नहीं है जैन समाज
हालांकि सरकार की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि जैन समाज की भावना के खिलाफ सरकार नहीं जायेगी। तीर्थ क्षेत्र की धार्मिक आस्था हर हाल में पूर्ववत कायम रहेगी। लेकिन सरकार की ओर से ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण सम्मेद शिखर से लेकर दिल्ली के इंडिया गेट तक जैन समाज के लोग आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन समाज सरकारी नुमाइंदों के मौखिक बयानों से संतुष्ट नहीं हैं. इसी क्रम में मंगलवार को गिरिडीह जैन समाज के मंत्री लोकेश जैन, महिला समिति की मंत्री मंजू जैन, उपमंत्री धीरज जैन और अजय जैन ने संयुक्त रूप से पत्रकारों से कहा कि प्रस्ताव के विरोध में देशभर में समाज के लोग उद्वेलित हैं.
सम्मेदशिखर जैन समाज की आत्मा है
पदधारियों ने कहा कि हमारी एक सूत्री मांग सिर्फ यही है कि तीर्थ क्षेत्र को तीर्थ क्षेत्र रहने दिया जाय। सम्मेद शिखर जैन समाज की आत्मा है, जिसपर हमले करना कदापि उचित नहीं है। कहा कि हम सरकार से हाथ जोड़कर करवद्ध विनती करते हैं कि तीर्थ क्षेत्र की पवित्रता को बनाये रखने के लिए तत्काल जैन समाज के प्रस्ताव वापस ले लिया जाये। आज देश भर के मीडिया ने भी सम्मेद शिखर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया है. दूसरी ओर गिरिडीह जिला प्रशासन किसी भी अप्रिय स्थिति से निबटने के लिए तैयार है. डीसी नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर पारसनाथ के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. वहीं जैन समाज लगातार राज्य सरकार पर अपने फैसले वापस लेने का दबाव बनाए हुए है.