गिरिडीह (कमलनयन): जैन धर्मावलंबियों के शिरोमणि तीर्थक्षेत्र श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन क्षेत्र घोषित किये जाने के सरकारी प्रस्ताव को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है. केंद्र सरकार ने आंदोलनकारियों की सुध ली. सरकार ने जैनियों के पक्ष में फैसला लिया है. इसकी खबर मिलते ही जैन समाज में खुशी की लहर दौड़ गई. अचानक भीड़ में शोर हुआ…मिल गई खुशखबरी, शिखरजी मामले में केंद्र सरकार ने वापस लिए…नोटिफिकेशन के विवादित बिंदु… सुनिये…मुनिश्री प्रमाण सागर जी के श्रीमुख से पूरे विषय की सच्चाई. फिर गुरुवार शाम को शीर्ष जैन मुनि प्रमाण सागर जी महाराज ने कहा है कि केंद्र सरकार ने सम्मेद शिखर की पवित्रता को बरकरार रखने का निर्णय लिया है. केंद्र सरकार द्वारा गठित की जानेवाली कमेटी में जैन समुदाय की ओर से दो सदस्य रखे जाएंगे.
जैैैैैैनियों ने एक-दूसरे को बधाई दी
पिछले एक पखवारे से जैन समाज की ओर से चल रहे आंंदोलन पर अब विराम लग जाएगा. जैन समाज के पक्ष में फैसला आने के बाद जैैैैैैनियों ने एक-दूसरे को बधाई दी और खुशी का इजहार किया. सरकारों के सकारात्मक रवैए को लेकर जैन मुनि ने प्रधानमंत्री मोदी, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गिरिडीह जिला प्रशासन के प्रति आभार प्रकट किया है. इससे पूर्व पर्यटन के प्रस्ताव के विरोध में आज समाज के लोग देशभर में एकजुटता के साथ शांतिपूर्ण, संयमित और अनुशासित ढंग से मौन धारण कर केन्द्र व राज्य सरकार का ध्यान अपनी ओर खींचा था. जैन समाज को समर्थन देने के लिए विश्व हिन्दू परिषद समेत विभिन्न वर्गो के सामाजिक एंव धार्मिक संस्थाओं ने सर्मथन किया था.
24 जिलों से हजारों की संख्या में लोग पहुंचे थे गिरिडीह
श्री दिगबंर जैन पंचायत के बैनर तले झारखंड सकल जैन समाज ने मौन प्रदर्शन किया। गिरिडीह जिला मुख्यालय हुए मौन प्रदर्शन में झारखंड के सभी 24 जिलों से आए जैन समाज की महिलाओं-पुरूषों, छात्र-छात्राओं के अलावा, काफी संख्या में कई समाजसेवी सगठनों से जुड़े लोगों ने भाग लिया। मौन पैदल मार्च दिगबंर जैन भवन से निकल कर शहर के प्रमुख मार्गों से होते हुए गिरिडीह सर्कस मैदान तक पहुंचा। इसके बाद एक शिष्टमंडल ने पीएम और राज्य के सीएम एंव विभागीय मंत्री को प्रेषित ज्ञापन उपायुक्त के माध्यम से सौंपा गया। ज्ञापन में कहा गया कि श्रीसम्मेद शिखर जी के 24 में से 20 तीर्थंकरों (जैनमुनियों) ने पर्वत पर निर्वाण (मोक्ष) प्राप्त किया। जैन समाज के लिए शिखरजी का कण-कण वंदनीय है जिसकी पवित्रता अणुक्षण बनाये रखने के लिए पर्यटन प्रस्ताव को वापस लेकर जैन समाज की भावनाओं का सम्मान किया जाय।
मौन प्रदर्शन में सभी धर्मों के लोग शामिल हुए
मौन प्रदर्शन में हजारों की संख्या में कतार बंद होकर चल रहे महिला-पुरुष शामिल हुए। जिनके हाथों में जैनों को प्राणों से प्यारा सम्मेदशिखर तीर्थ हमारा, जैन धर्म की जान है सम्मेद शिखर महान है, जैसे स्लोगन लिखे थे। मौन प्रदर्शन की अगुवाई, अशोक जैन पांडया, महेश जैन, सुरेन्द्र जैन सरावगी, अंकित जैन, लोकेश जैन, रमेश जैन, धीरज जैन समेत रांची, धनबाद, पलामू, देवघर, दुमका, बोकारो, टाटा , चाईबासा, सिमडेगा समेत राज्य के अन्य शहरों से आये जैन समाज के लोगों ने किया। लगभग एक किलोमीटर के मौन प्रदर्शन में अभय शाहाबादी, रोहित जालान , विजय जैन, हेमलता जैन, मंजू जैन, सरोज जैन, नवीन सेठी, डा. गुणवंत सिंह, अमरजीत सिंह सलूजा, संदीप र्डगेच, सतीश केडिया समेत मारवाड़ी समाज, वर्णवाल समाज और सिख समाज के लोगों ने अपनी सक्रिय भागीदारी निभायी. इस दौरान पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किये गये थे।