रांची: पूर्व मंत्री व झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि, झारखण्ड के 8000 से अधिक अनुबंधित चिकित्साकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल और आमरण अनशन के कारण पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा बदहाल हो चुकी है. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ ही रेफरल हॉस्पीटल और सदर अस्पतालों में भी एएनएम, जीएनएम, लैब टेक्नीशियन, एक्सरे टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट तथा अन्य पदों पर कार्यरत अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से खास तौर से ग्रामीण परेशान हैं क्योंकि उनके सामने स्वास्थ्य सेवा के सीमित विकल्प मौज़ूद हैं.
नियमितीकरण के लिए शीघ्र ही उच्चस्तरीय समिति बने
श्री तिर्की ने राज्य सरकार विशेष रूप से मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से अनुरोध किया है कि वे इस हड़ताल और आमरण अनशन की तुरंत समाप्ति के लिये पहल करें और सम्बंधित कर्मचारी संघों को वार्ता के लिये बुलायें. पूर्व मंत्री ने कहा कि अपनी सेवा के नियमितीकरण के लिए सरकार को शीघ्र ही उच्चस्तरीय समिति का गठन करना चाहिये और उसकी रिपोर्ट के आधार पर इन सभी स्वास्थ्य कर्मियों को अविलम्ब स्थायी किया जाना चाहिये.
नियुक्ति में हुआ है आरक्षण रोस्टर का पालन
श्री तिर्की ने कहा कि, यदि स्वास्थ्य विभाग में लम्बे समय से कार्यरत इन अनुबंधकर्मियों को रिक्तियों के विरुद्ध बहाल किया गया था और इसमें नियमानुसार आरक्षण रोस्टर का पालन किया गया है तो उन कर्मियों की मांग को गलत नहीं ठहराया जा सकता. उन्होंने कहा कि अपनी सेवा के स्थायीकरण की मांग पर अनुबंधित चिकित्साकर्मी राजभवन के समक्ष आमरण अनशन पर बैठे हैं और उनमें से अधिकांश झारखण्ड के आदिवासी-मूलवासी ही हैं. अनशन के कारण अनेक आंदोलनरत स्वास्थ्यकर्मियों की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में दाखिल करवाना पड़ा है.