गिरिडीह: मिजिल्स रुबेला संक्रमण की रोकथाम के लिए जिले के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में शुक्रवार को समाहरणालय सभागार कक्ष में एमआर अभियान को लेकर बैठक आयोजित की गई। इस मौके पर उपायुक्त ने कहा कि भारत सरकार ने इस वर्ष मिजिल्स रूबेला के उन्मूलन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया है। यह अभियान अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह में शुरू होगा। जिसमें 9 महीने से लेकर 15 साल तक के जिले के लगभग 07 लाख से अधिक बच्चों का एमआर टीकाकरण निर्धारित है। उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान सभी स्कूल, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य संस्थान में टीकाकरण किया जाएगा। इसके सफल क्रियान्वयन के लिए शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, सभी पंचायती राज संस्थान एवं एनजीओ से सहयोग अपेक्षित है।
डीसी का माइक्रो प्लान बनाकर प्रचार-प्रसार का निर्देश
डीसी ने कहा कि शहरी क्षेत्र में गैरसरकारी स्कूल में सफलतापूर्वक टीकाकरण करने के लिए जिला शिक्षा अधीक्षक सभी स्कूल से बच्चों की लक्षित संख्या समय पर उपलब्ध कराएंगे। इसके लिए सभी स्कूलों में एक बार पैरंट-टीचर मीटिंग भी करा दी जाए, जिससे अधिक से अधिक संख्या में बच्चों को टीका दिया जा सके। इसके अलावा शत-प्रतिशत लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग माइक्रो प्लान बनाकर और प्रचार-प्रसार से अधिक से अधिक लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाएं। इसके अलावा उपायुक्त ने जिला कल्याण पदाधिकारी को निर्देश दिया कि सभी कल्याण विद्यालयों तथा बाल गृह, मिशनरी ऑफचारिटी, ब्लाइंड स्कूल, बिरहोर छात्रावास आदि सभी विद्यालयों में टीकाकरण का कार्य किया जाय। समाज कल्याण को प्रत्येक दिन सभी सीडीपीओ के साथ बैठक करने का निर्देश दिया गया। तथा जिला जनसंपर्क पदाधिकारी को प्रत्येक दिन का एक्टिविटी न्यूज पेपर में प्रसारित करवाना सुनिश्चित करेंगे।
एमओआईसी स्वयं माइक्रो प्लान तैयार करें
बैठक में उप विकास आयुक्त शशि भूषण मेहरा ने कहा कि अभियान को लेकर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं एमओआईसी स्वयं माइक्रो प्लान तैयार करें जिससे कोई बच्चा छूटे नहीं। साथ ही प्रखंड में मुखिया एवं पंचायत समिति सदस्यों का सहयोग लें। तथा प्रचार-प्रसार के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक इसकी जानकारी पहुंचाएं।
WHO के डॉक्टर ने कहा-खसरा एक जानलेवा रोग
बैठक में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के चिकित्सक डॉ अरुण तिवारी ने कहा कि खसरा एक जानलेवा रोग है। यह वायरस द्वारा फैलता है। इसके कारण बच्चों में अंधापन, दिव्यांगता तथा असमय मृत्यु हो सकती है। वहीं रूबैला भी एक संक्रामक रोग है। यह भी वायरस द्वारा फैलता है। यह अभियान 12 अप्रैल से 05 मई तक चलेगा। साथ ही बताया कि यदि कोई महिला गर्भावस्था के शुरुआती चरण में इससे संक्रमित हो जाए तो कंजेनिटल रूबैला सिंड्रोम (सीआरएस) हो सकता है, जो उसके भ्रूण तथा नवजात शिशु के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने कहा खसरा रूबैला का टीका पूर्ण रूप से सुरक्षित है। इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है। बच्चों को यह टीका एक प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लगाया जाएगा।
बैठक में ये लोग थे शामिल
बैठक में उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला शिक्षा अधीक्षक, जिला पंचायती राज पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, JSLPS, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी moic, डीपीएम, एनएचएम, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।