रांची: हेमंत सरकार के खिलाफ गोलबंद भाजपाइयों ने मंगलवार को सचिवालय घेराव कार्यक्रम के तहत पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का हरसंभव प्रयास किया. आंसू गैस के गोले छोड़े गए। पानी बरसाया गया। आंदोलन के दौरान प्रशासन ने सांसद संजय सेठ, सुनील सिंह, विधायक बिरंची नारायण, अमित मंडल समेत कई प्रमुख नेताओं को हिरासत में लिया। इसके बाद इन्हें एक बस में बैठाकर जगन्नाथपुर कैंप जेल भेज दिया। हालांकि उन्हें बाद में छोड़ दिया गया। आंदोलन के दौरान भाजपा कार्यकर्ता भी उग्र हो गए। पुलिस प्रशासन की ओर से बल प्रयोग किए जाने बाद उनकी ओर से भी पानी से भरे बोतल और ईंट-पत्थर के टुकड़े फेंके गए।
कार्यकर्ताओं ने संघर्ष का इतिहास रचा : दीपक प्रकाश
प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश ने आज के आंदोलन को सफल बताते हुए कहा कि इस आंदोलन से हेमंत सोरेन की सरकार घबरा गयी है। शांतिपूर्ण आंदोलन पर लाठी चार्ज किया गया। असल बात तो यह है कि हेमंत सोरेन सरकार ही इस आंदोलन से नींव हिल गयी है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज भाजपा के कार्यकर्ताओं पर जो अत्याचार हुए हैं, वो सरकार के इशारे पर हुआ। अब बुधवार को प्रदेश भाजपा काला दिवस मनाएगी। हेमंत सोरेन सरकार का पुतला दहन किया जाएगा। यह कार्यक्रम राज्य भर के सभी मंडलों में किया जाएगा। उन्होंने गोलचक्कर के पास बैरिकेटिंग स्थल पर बैठ कर ही कहा कि कार्यकर्ताओं ने हल्ला बोल कार्यक्रम के जरिये संघर्ष का इतिहास रचा है। हेमंत सरकार का भी इतिहास तानाशाही, अत्याचारी सरकार के तौर पर लिखा जायेगा। जिस तरह से आज भाजपाईयों पर लाठियां चलायी गयी हैं, सरकार उस पर संज्ञान ले।
ये लोग थे शामिल
आंदोलन को सफल बनाने में मुख्य रूप से पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी, रघुवर दास, सांसद जयंत सिन्हा, सुदर्शन भगत, आदित्य साहु, विधायक ढुल्लू महतो, नवीन जायसवाल, मनीष जायसवाल, आलोक चौरसिया, शिवपूजन मेहता, नारायण दास, राज सिन्हा, अपर्णा सेन गुप्ता, पूर्व विधायक राम कुमार पाहन, शिवशंकर उरांव, रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा सहित अन्य भी उपस्थित थे।