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Saturday, November 23, 2024
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खलारी: खानापूर्ति साबित होती हैं, बालू माफियाओं के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई

खलारी, 26 जून : बालू के अवैध भंडारण को लेकर बीते 20 जून को “झारखंडवीकली” में प्रकाशित खबर शीर्षक “माफिया और विभाग के गठजोड़ से रात के अंधेरे में हो रहा है बालू का अवैध कारोबार” के बाद मैकलुस्कीगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत अगरवा जंगल में प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को ग्रामीणों ने इसे खानापूर्ति बताया है। उन्होंने बताया कि बीते 20 जून को “झारखंडवीकली” में अवैध बालू के भंडारण से संबंधित प्रकाशित खबर में  छपी तस्वीर खलारी अंचल कार्यालय में कार्यरत एक कर्मचारी के घर के पीछे महज 100 मीटर की दूरी पर था। लेकिन बीते सप्ताह खलारी अंचल और मैकलुस्कीगंज पुलिस ने संयुक्त रूप से छापेमारी कर अगरवा जंगल में जो अवैध बालू का भंडारण जब्त किया है, इससे प्रतीत होता है कि बालू माफियाओं के खिलाफ की गई प्रशासनिक कार्रवाई खानापूर्ति साबित होती है। उन्होंने बताया कि खलारी अंचल क्षेत्र में ट्रैक्टरों से बालू की ढुलाई एवं बालू का अवैध भंडारण करवाने में अंचल अधिकारी शिशुपाल आर्य के अनुमति के बाद उनके दो खास कर्मचारी के नेतृत्व में किया जाता है। ग्रामीणों ने दावा किया है कि अंचल क्षेत्र के ज्यादातर बालू माफियाओं से अवैध वसूली वही दो कर्मचारियों के द्वारा संपर्क करके किया जाता है। लेकिन जब अवैध बालू की ढुलाई व भंडारण में छापेमारी की बात आती है, तो दोनों कर्मचारी अंचल क्षेत्र में उनको निशाना बनाते है, जिनका नाम उनके लिस्ट में नही होता है।

अंचल कर्मचारी के घर के पीछे है अवैध बालू का भंडारण

बताया जा रहा है कि अंचल कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी के घर से पीछे इकट्ठा किया गया 3000 सीएफटी बालू का अवैध भंडारण छोड़ दिया गया। वही दूसरी तरफ कार्यवाही होने की सूचना अंचल में कार्यरत नाजिर के द्वारा तस्करों को पहले ही दिया जा चुका था जिससे सतर्क होकर एक भी ट्रैक्टर, टर्बो एवं मजदूर बालू घाट और स्टॉक के नजदीक नहीं देखे गए। वही प्रखंड क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने बताया कि खलारी सीओ शिशुपाल आर्य के कार्यालय में कही न कही अवैध बालू का ढुलाई व भंडारण सहित भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने से संबंधित विभिन्न अखबारों में प्रमुखता के साथ खबर प्रकाशित किया जाता रहा है, लेकिन अब तक संबंधित विभाग द्वारा उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नही होना हम सभी के समझ से परे है। इधर बालू जप्ती मामले में की गई कार्यवाही को लेकर खलारी सीओ शिशुपाल आर्य के कार्यालय में नहीं होने के कारण उनके व्हाट्सएप नंबर से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने इसका जवाब देना उचित नहीं समझा और जब फोन करके संपर्क करने की कोशिश की गई तो पता चला कि साहब ने संवाददाता के नंबर को ब्लैक लिस्ट में डाल रखा है ।

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