गिरिडीह : मणिपुर हिंसा के विरोध में समाहरणालय गेट के पास इंडिया गठबंधन द्वारा एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। धरना में कांग्रेस, झामुमो, सीपीआईएम, भाकपा माले, आम आदमी पार्टी व आरजेडी सहित अन्य पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया और मणिपुर की घटना का विरोध एवं मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की। इस दौरान गठबंधन के नेताओं ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन देकर मामले में जल्द से जल्द हस्तक्षेप कर मणिपुर में शांति बहाल करने की अपील की गई।
‘पीएम का मणिपुर हिंसा पर नहीं बोलना दुर्भाग्यपूर्ण’
धरना को संबोधित करते हुए झामुमो के जिलाध्यक्ष संजय सिंह, कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष सतीश केडिया, जदयू के जिलाध्यक्ष त्रिभुवन दयाल, भाकपा माले के नेता राजेश सिन्हा, आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता कृष्ण मुरारी शर्मा सहित अन्य नेताओं ने कहा कि जिस तरह से 3 माह से लगातार मणिपुर में दो समुदायों के बीच हिंसक झड़प, आगजनी और महिलाओं के साथ अमर्यादित व्यवहार किया जा रहा है। मणिपुर में भाजपा एवं मोदी के नेतृत्व में चल रही सरकार के द्वारा कोई पहल नजर नहीं आ रही है। जो पूरे देश के लिए चिंता का सबब है। कहा कि मणिपुर देश का हिस्सा है और यहां हो रहे नरसंहार जैसी स्थिति का जल्द से जल्द हल निकालना जरूरी है। पूरे घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री द्वारा एक भी शब्द नहीं बोलना दुर्भाग्यपूर्ण है।
ये लोग थे शामिल
धरना में झामुमो के शहनवाज अंसारी, रॉकी सिंह, सुमन सिन्हा, दिलीप रजक, कांग्रेस से जिलाध्यक्ष धनंजय सिंह, पूर्व जिलाध्यक्ष नरेश वर्मा, ऋषिकेश मिश्रा, सद्दाम हुसैन, यस सिन्हा, महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष दुर्गा शर्मा, निसाब अहमद, महमूद अली खान, अशोक विश्वकर्मा, मनोज राय, महेश्वर इमाम, अहमद रजा, माले से प्रीति भास्कर, मो. एकराम अंसारी, पप्पू खान, रामलाल मुर्मू, मेहताब मिर्जा, ताज हसन सहित काफी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद थे।