सीएम ने कहा- राजनीतिक दलों पर आरोप लगते हैं तो, क्या संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप नहीं लगते…?
‘विपक्ष के लिए झारखंड में जीत आसान नहीं है, हमने काम किया है और क्या कर रहे हैं, इसका सर्टिफिकेट जनता देगी…!’
रांची : झारखंड सरकार के चार साल पूरा होने पर सीएम हेमंत सोरेन 29 दिसंबर से पूर्व प्रेस वार्ता के जरिए अपनी उपलब्धियां पेश की. 30 दिबंसर से सरकार अपने पांचवे साल में प्रवेश कर जाएगी. हेमंत सोरेन के लिए ये साल कई मायनों में खास होनेवाला है, क्योंकि इसी साल लोकसभा के भी चुनाव होने हैं. इन चुनावों के खत्म होने के बाद विधानसभा के चुनाव आ जाएंगे. ऐसे में सरकार लगातार अभी से ही अपनी उपलब्धियों का लेखा-जोखा पेश कर लोगों को रिझाने का काम कर रही है. इस दौरान उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब दिया. हालांकि विपक्ष के आरोपों का जवाब देने से उन्होंने इंकार कर दिया. सीएम ने इतना जरूर कहा कि हम काम कर रहे हैं, पर विपक्ष का काम आलोचना करना है, वो करते रहते हैं. ईडी के बारे में कहा कि वो भी अपना काम कर रहा है. क्या आपलोग (पत्रकारों से) सोचते हैं कि मुझे अपना सामान पैक करने कहीं भाग जाना चाहिए? राजनीतिक दलों पर आरोप लगते हैं तो, क्या संवैधानिक संस्थाओं पर आरोप नहीं लगते.
‘विपक्ष की साजिशों से लड़ते-लड़ते हमने भी नुरा कुश्ती सीख ली है’
सीएम ने कहा कि जिस तरह से आरोप लगाए जा रहे हैं और जिस तरह से आज तक हमें फंसाने की कोशिश की गई है, इसमें एक बात तो साफ है कि इनलोगों से लड़ते हुए हमने बहुत कुछ सीखा है. कहा कि आदिवासी जरूर हैं लेकिन बोका नहीं हैं. इनलोगों की साजिशों से लड़ते-लड़ते हमने भी नुरा कुश्ती सीख ली है. इनलोगों को अब समझ जाना चाहिए कि झारखंड में जीत उनके लिए आसान नहीं है. हां यह बात जरूर है कि हमें कोई डरा-धमका कर काम नहीं करा सकता. अलबत्ता सरकार गठन के कुछ घंटे बाद से ही हमारी सरकार को गिराने की कोशिश शुरू हो गयी. हेमंत सोरेन ने कहा कि वह गुरुजी के पुत्र और झारखंड आंदोलन की उपज हैं. अगर कोई यह समझ रहा है कि डरा धमका कर कुछ करा लेगा तो वह मुगालते में जी रहा है. कहा कि इंडिया गठबंधन को पीएम चेहरे की जरूरत नहीं है. चेहरा तो एक कृत्रिम उपज है. असल में चेहरा तो जनता बनाती है. इसलिए इंडिया गठबंधन का पीएम के चेहरे को लेकर इस तरह का विवाद पैदा नहीं किया जाना चाहिए. यह देश के लिए कोई इश्यू नहीं है. देश के इश्यू क्या है, यह पूरा देश जानती है. हम इश्यू और मुद्दों पर अपनी लड़ाई लड़ रहे हैं.
‘विपक्ष झारखंड का हिस्सा मांगने में भी मदद नहीं करता, सिर्फ रोड़े अटकाता है’
हाइकोर्ट द्वारा खनन लीज मामले में मिली राहत से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए हेमंत सोरेन ने कहा कि भारत एक संघीय ढांचे के तहत काम करता है. क्या आज संघीय ढांचा अपने सिस्टम से काम कर रहा है. आखिर क्यों संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठ रहा है. पूरा देश देख रहा है और समझ रहा है. कहां-क्या और कैसे हो रहा है. यह देश कानून और संविधान से चलता है. सीएम ने कहा कि सभी जानते हैं कि देश में जीएसटी लागू है. इसके लागू होने के बाद राज्यों के पास आय के साधन बहुत सीमित रह गए हैं. केवल एक्साईज, बालू-गिट्टी सहित कुछ छोटे-छोटी चीजें ही आय के साधन बच गए हैं. मगर इस पर भी विपक्ष की नजर है. आखिरकार राज्य को आय कैसे प्राप्त हो. विपक्ष के साथी झारखंड का हिस्सा मांगने में मदद नहीं करते हैं, केवल रोड़े अटकाने और विकास को बाधित करने का प्रयास करते रहते हैं. हम क्या काम किए हैं और क्या कर रहे हैं. इसका सर्टिफिकेट जनता देगी.