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Friday, September 20, 2024
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सर्द रात, हवा में कनकनी , गरीब और असहाय को कंबल वितरण करती गिरीडीह पुलिस

गिरिडीह की सर्द रात, हवा में कनकनी हड्डियों को कंपा रही थी। सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था, सिवाय उन बेघरों के जिन्हें रात बिताने को छत नसीब नहीं थी। तभी, अंधेरे को चीरते हुए पुलिस की गाड़ी की लाल बत्ती चमकती दिखाई दी। गाड़ी रुकते ही उससे पुलिस अफसर नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी उतरे। उनके पीछे जवान थे, जिनके हाथों में बड़े-बड़े थैले थे।

चौधरी साहब ने चारों ओर नज़र दौड़ाई। फुटपाथ पर, टूटी-फूटी दुकानों के सामने, कुछ कंबल ओढ़े लोग कांपते नज़र आए। चौधरी साहब ने  जवानों को थैले खोलने का इशारा किया। क्षण भर में ही गरम  कंबल वहां लोगों में बांटे जाने लगे।

एक बूढ़े आदमी ने कांपते हाथों से कंबल लेते हुए चौधरी साहब को आशीर्वाद दिया, “भगवान आपको खुश रखे बेटे, आपने आज इस कड़ाके की सर्दी में हमें गर्मी दे दी।”

चौधरी साहब ने बुढ़े का हाथ सहलाते हुए कहा, “ये हमारा फर्ज़ है दादा, आप जैसे लोगों की सेवा करना।”

रातभर, गिरिडीह की गलियों में यही सिलसिला चलता रहा। पुलिस की टीम उन गरीबों तक पहुंची जो सर्दी की मार झेल रहे थे। मजदूरों को, रिक्शेवालों को, फुटपाथ पर सो रहे बच्चों को, हर किसी को कंबल देकर उनकी सर्द रात को गर्म बनाया गया।

एक फटेहाल कपड़े पहने महिला अपनी गोद में सो रहे बच्चे को कंबल ओढ़ाती हुई पुलिसवालों को धन्यवाद दे रही थी। उसकी आंखों में नमी थी, पर अब ठंड के कारण नहीं, बल्कि उस इंसानियत के लिए जो उसे मिली थी।

सुबह होते-होते, गिरिडीह की गलियों में एक अलग ही सुकून महसूस हो रहा था। कल रात कांपते लोग अब गरम कंबल में लिपटे बैठे थे, उनके चेहरे पर एक कृतज्ञता झलक रही थी। पुलिस की ये पहल चर्चा का विषय बन गई। हर कोई उनकी तारीफ कर रहा था।

गिरीडीह पुलिस के इस सहरणीय कार्य की तारीफ सोशल मीडिया पर बहुत हो रही है  अखबारों ने भी गिरीडीह पुलिस के काफी तारीफ किया है, अखबारों की सुर्खियों में “गिरिडीह पुलिस का हृदयस्पर्शी कदम, गरीबों को कड़ाके की ठंड में मिली राहत” जैसे शीर्षक छपे। गिरीडीह पुलिस के लिए ये किसी पदक से कम नहीं था।

नगर थाना प्रभारी रामनारायण चौधरी ने अपने जवानों के साथ न सिर्फ पुलिस का कर्तव्य निभाया था, बल्कि इंसानियत की मिसाल भी कायम की थी। उन्होंने दिखा दिया था कि पुलिस सिर्फ अपराधियों को पकड़ने के लिए नहीं होती, बल्कि समाज के हर जरूरतमंद की मदद के लिए भी सदैव तत्पर रहती है।

तो इस सर्दी में, गिरिडीह की गलियों में गूंजता हुआ ये वाक्य याद रखिएगा – “देखो! पुलिस आई है, कंबल लेकर…!”

News Desk – Jharkhandweekly.com

 

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