द्रौपदी मुर्मू ने विकसित भारत के निर्माण में छात्रों से योगदान की अपील की
तीन छात्रों को चांसलर मेडल से नवाजा गया
रांची : सेंट्रल यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में बुधवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड आकर उन्हें ऐसा लग रहा है कि जैसे वे वापस अपने घर आईं हैं. जब वह झारखंड की राज्यपाल थी तो, उन्हें झारखंड के बारे में काफी काम करने का मौका मिला. उन्होंने धरती आबा बिरसा मुंडा की धरती को नमन करते हुए सभी से जनजातीय समाज के लोगों को सशक्त करने में भागीदारी निभाने की अपील की. इस दौरान उन्होंने तीन छात्रों को चांसलर मेडल प्रदान किया. इसके अलावा गोल्ड मेडल पाने वाले कुल 59 छात्र-छात्राओं में से 50 प्रतिशत लड़कियों के होने पर विशेष खुशी जाहिर की. 29 शोधार्थियों ने पीएचडी डिग्री प्रदान की गई. राष्ट्रपति ने कहा कि 2030 तक दुनिया में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बननेवाले हैं. 2047 तक शिक्षित, समृद्ध भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है. सेंट्रल यूनिवर्सिटी प्रबंधन को धन्यवाद देते कहा कि इस संस्थान द्वारा स्थानीय भाषा, संगीत, सांस्कृतिक धरोहर को समझने के लिए खास सेंटर बनाया गया है. चेरी मनातू कैंपस ग्रीन आर्किटेक्ट को ध्यान में रखते तैयार किया गया है. इस संस्थान का ब्रांबे कैंपस भी प्रकृति की निकटता को दिखाता है. दीक्षांत समारोह में शामिल होने के बाद राष्ट्रपति रांची एयरपोर्ट की ओर रवाना हो गईं.
सीएम ने कहा-सेंट्रल यूनिवर्सिटी की जरूरतों के मुताबिक दी जाएगी जमीन, डिग्री पानेवाले छात्रों के ज्ञान से प्रदेश को भी फायदा होगा
दीक्षांत समारोह में सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि राज्य सरकार राज्य में शैक्षणिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने को संकल्पित है. नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को स्वीकार कर लिया गया है. सीएम ने कहा कि चेरी मनातू परिसर में सेंट्रल यूनिवर्सिटी की जरूरतों के अनुसार, रैयती भूमि का अधिग्रहण कर उसे देने का निर्णय लिया गया है. भूमि अधिग्रहण में देरी हो रही है, इसे शीघ्र दूर किया जायेगा. निर्बाध बिजली आपूर्ति और जलापूर्ति भी पर्याप्त हो, इसे तय किया जा रहा है. उन्होंने उम्मीद जताते कहा कि मेडल, डिग्री पानेवाले स्टूडेंट्स के ज्ञान से झारखंड प्रदेश भी लाभान्वित होगा. आदिवासी बहुल क्षेत्र में सेंट्रल यूनिवर्सिटी जैसे संस्थान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की बहुत जरूरत है. राज्य में खनिज संसाधन हैं पर शिक्षा व्यवस्था के सही रूप से ही इसका तरीके से उपयोग संभव है. दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अलावा झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन, केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी भी मौजूद रहे.