झारखंड राज्य दफादार-चौकीदार पंचायत के राज्याध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने जिला सम्मेलन में सर्वसम्मति से 06 सूत्री प्रस्ताव पारित करते हुए झारखण्ड के मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन को सम्बोधित मांग-पत्र को उपायुक्त, गुमला को सौंपा और उक्त मांगों पर तत्काल आवश्यक कार्रवाई करने की माँग की गई।
जिला सम्मेलन के मुख्य अतिथि राज्याध्यक्ष कृष्ण दयाल सिंह ने बताया की दिनांक 23 नवम्बर 2023 से दिनांक 22 दिसम्बर, 2023 तक छः सूत्री मांगों को लेकर राजभवन राँची के समक्ष अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन और क्रमबद्ध अनशन किया गया था। बरही के विधायक उमाशंकर अकेला के पहल पर झारखण्ड सरकार विभागीय प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम से 21 दिसम्बर, 2023 को चौकीदार-दफादारों के प्रतिनिधिमंडल के साथ वार्ता हुई थी। छः सूत्री मांगों पर कार्रवाई करने का आश्वासन मिला था और उसी आश्वासन के आधार पर 22 दिसम्बर, 2023 को आन्दोलन स्थगित कर दिया गया था। लगभग एक माह बितनेको है, लेकिन अभी तक हमारी मांगों पर कार्रवाई के संबंध में कोई सूचना राज्य सरकार के तरफ से नहीं मिली है।
जिला सम्मेलन में सर्वसम्मति से 06 सूत्री पारित प्रस्तावों में सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में सेवा विमुक्त चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने हेतु सभी उपायुक्तों को आदेश दिना जाय, सेवा विमुक्त और चौकीदारों के रिक्त पदों पर नियुक्ति निकाला गया विज्ञापन रद्द करने और विज्ञापन निकालने पर रोक लगाने, 01 जनवरी, 1990 के पूर्व और बाद में सेवानिवृत चौकीदार-दफादारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार करने का आदेश सभी उपायुक्तों को दे , चौकीदारों के रिक्त पदों पर विज्ञापन निकालकर नियुक्ति करने पर रोक लगाना, झारखण्ड चौकीदार संवर्ग नियमावली-2015 के आलोक में 100 से 120 आवासीय घरों पर बीट सृजित करना, सेवा-विमुक्त सभी चौकीदारों को पुनः सेवा में योगदान कराने और 01 जनवरी 1990 के पूर्व और बाद में सेवानिवृत चौकीदार-दफादारों के आश्रितों की नियुक्ति पूर्व नियुक्ति प्रक्रिया के अनुसार करने हेतु भारतीय संविधान के अनुच्छेद-16(4)की भावना के आलोक में तत्काल अध्यादेश जारी करना, चर्दी भत्ता प्रतिवर्ष 10 हजार रूपये देना चौकीदार-दफादारों को भी 13 माह का वेतन देना, स्वैच्छिक सेवानिवृति का लाभ देना, 31.12.1989 को सेवानिवृत चौकीदार-दफावारों के आश्रित की नियुक्त झारखण्ड कैबिनेट द्वारा पारित संकल्प के आलोक में करना, अनुकम्पा के आधार पर आश्रितों में पोता-नाती को जोड़ना और बाल पुलिस की तरह ही बाल चौकीदार की नियुक्ति करना प्रमुख है।
उन्होंने कहा कि झारखण्ड सरकार के गृह विभाग के पत्रांक-3028 दिनांक 26 अगस्त, 2006 और पत्रांक-5020 दिनांक 11 सितम्बर 2017 के द्वारा झारखण्ड के सभी उपायुक्त और पुलिस धीक्षकों को आदेश दिया गया है कि चौकीदार-दफादारों से चौकीदारी मैन्युअल में दिये प्रावधानों और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर निर्गत आदेशों के आलोक में ही ड्यूटी करायी जाए और बैंक ड्यूटी, रोड गश्ती, कैदी स्कॉट और डाक ड्यूटी कराने पर रोक लगा दी गई है और इसको सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाय। चौकीदारी मैन्युअल के अनुसार चौकीदार सप्ताह में एक दिन सप्ताहिक खैरिक्त रिपोर्ट पहुंचाने के लिए 12 बजे दिन में थाना पहुँचेंगे और 2 बजे दिन में थाना परिसर से अपने बीट के लिए प्रस्थान कर जायेंगे और इनको अपने बीट में पहुँचने का इतना समय चाहिए कि सूर्यास्त से पहले पहुँच जाय। हर रात को चौकीदार को अपने बीट में रहना है। लेकिन इसकी धज्जियाँ उड़ाते हुए थाना प्रभारी चौकीदारों को एक-एक सप्ताह तक थाना में रखते हैं और ड्यूटी करने के बाद भी उपस्थिति काट दी जाती है और चौकीदारों को स्वयं हाजिरी नहीं बनाने दी जाती है। सिंह ने कहा कि अंचल में आर्थिक शोषण और थानों में मानसिक प्रताड़ना बदस्तूर जारी है।
झारखण्ड राज्य दफादार चौकीदार पंचायत, शाखा गुमला के जिला सम्मेलन में सर्वसम्मति से जिला कमिटी का गठन करते हुए श्री किशोर कुमार महहली को जिलाध्यक्ष, नारायण भोक्ता और बंदे गोप को जिला उपाध्यक्ष, राम चन्द्र बड़ाइक को जिला सचिव और भईया राम तुरी को जिला कोषाध्यक्ष बनाया गया है। जगत गोप को गुमला जिला का संरक्षक बनाया गया है
जिला सम्मेलन में मुख्य रूप से प्रदेश संयुक्त सचिव समसुल अंसारी, प्रदेश संयुक्त सचिव सीता उराँव, पूर्व जिलाध्यक्ष जगत गोप, नारायण भोगता, लालवा उरांव ,भैयाराम तुरी, विनोद बड़ाईक, वर्षा उरांव, बरतू उरांव, सुर्जबली यादव, दिलीप उरांव, कमल यादव, बिरवा उरांव, सतीश मुण्डा, निलकुसुम मिंज, लालवा उराँव, अरुण कुमारसूर्या, सरोज इनदिवर और आनन्द दुगडुग आदि प्रमुख शामिल थे।
News – गनपत लाल चौरसिया