- अंतिम दिन कृष्ण भक्तों का उमड़ा जनसैलाब,देर रात तक चला महाभण्डारा प्रसाद
- बारी बारी से भक्तों ने भगवान कृष्ण की मूर्ति पर किया महाभिषेक
- गुरुकुल के बच्चों द्वारा मंत्रोच्चार कर नृसिंह महायज्ञ को बनाया सफल
- दास गदाधर दास ने प्रेसवार्ता कर आगामी कार्य योजना की दी जानकारी
हज़ारीबाग शनिवार को गौर पूर्णिमा महोत्सव श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन गौरांग सेवा फाउंडेशन के द्वारा 21 से 23 मार्च 2024 तीन दिवसीय कार्यक्रम स्थानीय मटवारि गांधी मैदान में शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।शास्त्रोक्त विधानों के साथ भगवान श्री श्री गौर निताई (कृष्ण बलराम) का, पुष्पाभिषेक,महाभण्डारा प्रसाद लेने के लिए कृष्ण भक्तो की भीड़ उमड़ पड़ी,महा आरती,नृसिंह महा यज्ञ,दूध से महाअभिषेक,गुलाल,अतिथि सत्कार,ड्रामा,श्रीमद्भागवत कथा,छप्पन भोग,श्लोक,प्राइज वितरण,सीधी बात स्वामी जी के साथ,केक कटिंग,गुरुकुल के बच्चों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार,भक्तों के परिवार के युवा,छोटे बच्चे आदि सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल होकर कृष्ण भावना भावित नाटिका एवं नृत्य प्रस्तुत का कार्यक्रम शनिवार को सम्पन्न हुआ।
गौरांग सेवा फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने अपनी पूरी ताकत इस तीन दिवसीय कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरी तरह से झोक दी।महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।वहीं शनिवार को कार्यक्रम के पूर्व स्थानीय मटवारी गाँधी मैदान के समीप गुरनानी अपार्टमेंट में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया।मुख्य वक्ता अंतरराष्ट्रीय कथा वाचक दास गदा धर दास ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भक्ति वेदांत विद्या भवन के द्वारा 28 जून 2018 को गुरुकुल की नींव रखी गई एवं 25 जुलाई 2018 को प्रथम गुरुकुल 30 बच्चों के साथ झारखंड के सिल्ली मुरी कुटाम गाँव मे इसकी शुरुआत हुई।श्री दास ने कहा भक्ति वेदांत विद्या भवन जिसका एक भाग गुरुकुल और दूसरा भाग जिसमे भागवतगीता, ज्योतिष,खेती,गाय की सेवा,शिक्षा, संगीत,कला शिक्षक, ऑनलाइन शिक्षा,64 कलायें, अध्यात्म विद्या,16 संस्कार,घरेलू दवाईयां बनाने को पुनर्जीवित करना ऐसी सैकड़ों तरह के शिक्षा गुरुकुल में बच्चों को दी जाती है।आने वाले दिनों में बालिकाओं को भी शिक्षा दी जाएगी जो कि उच्च शिक्षा के साथ साथ घरेलू शिक्षा जैसे देश भर के तरह तरह के व्यंजन बनाना,रंगोली बनाना,घरेलू दवाईयां बनाया, शस्त्र,शास्त्र विद्या,आत्मनिर्भर,आत्म सुरक्षा, वैदिक मंत्रोच्चारण,आध्यात्मिक विधा,प्रोग्रामिंग आदि ऐसी सैकड़ो उच्च शिक्षा गुरुकुल के बच्चों को दी जा रही है और आगामी दिनों में और भी शिक्षण के क्षेत्र में हम आगे बढ़ रहे है।श्री दास ने कहा कि बच्चों का सर्वांगीण विकास होना जरूरी है।
हम लोग शुल्क नहीं लेते है। जो सामर्थ हो वो दान कर सकते है।कोई बंधन लोभ लालच नहीं है।शिक्षा का हमलोग व्यवसायी करण नही करते है।शिक्षा गुरु और शिष्य के बीच मे सीधे सीधे जाए जिसमे समाज के हर वर्ग के लोगों का सहयोग मिल रहा है।आगामी देश के विभिन्न राज्यों में 12 गुरुकुल जून 2024 में शुरू होंगे।पिछले आठ साल से हज़ारीबाग में भक्तो के बीच भगवान की सेवा करने का सौभाग्य जिले वासियों को प्राप्त हो रहा है।यदि कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से भूमि दान देना चाहते है तो दे सकते है।हम वहां पर गुरुकुल का निर्माण करेंगे।जिससे क्षेत्र में रह रहे बच्चों को लाभ मिलेगा उनको निशुल्क शिक्षा,आवास,भोजन आदि बिना भेदभाव किए दी जाएगी।
64 कलायें आध्यत्मिक विधा गुरुकुल से मुफ्त दी जाएगी।हमारे गुरुकुल के बच्चे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर में खेलने जा रहे है।गुरुकुल के बच्चों को देश के अलग अलग तीर्थक्षेत्रों,ऐतिहासिक स्थलों में घुमाया जाता है क्योंकि बच्चे जो जानकारी प्राप्त करेंगे वो समाज के लोगों के बीच मे जाकर बतलाए।गुरुकुल पढ़ने का स्थान है बच्चो को स्वालंबन बनना पड़ता है।सरकार जो अधिकृत रूप से हमे देती है तो हमे कोई एतराज नही है।आने वाले दिनों में महामहिम राष्ट्रपति महोदया को गुरुकुल आने का निमंत्रण दिया गया है जिसका अप्रूवल जून 2024 तक आ जाएगा।
मौके पर मुख्य रूप से गौरांग सेवा फाउंडेशन के निदेशक श्री श्याम ब्रज विलास दास प्रभु एवं उत्तानपाद दास प्रभु ने शांतिपूर्ण सफल कार्यक्रम के संचालन हेतु सभी कृष्ण भक्तों का आभार प्रगट किया है।