सीता सोरेन ने अपने साथ हुए अन्याय के खिलाफ उलगुलान का ऐलान किया, बताएं इस मामले में झामुमो खामोश क्यों?
रांची : प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि 21 अप्रैल को एक ही मंच पर भ्रष्टाचारी, सनातन विरोधी, टुकड़े-टुकड़े गैंग के लोग और परिवारवादी राजकुमार दिखेंगे। प्रतुल ने कहा कि रैली का नाम उलगुलान रखना भगवान बिरसा मुंडा सहित झारखंड के अमर शहीदों का अपमान है। उन्होंने उलगुलान का आह्वान अंग्रेजों के अत्याचार के खिलाफ किया था। उलगुलान शब्द आदिवासी अस्मिता से और आदिवासी सम्मान से जुड़ा है। ऐसे भ्रष्टाचारी जुटान का नाम उलगुलान देकर इन्होंने पूरे देश के आदिवासियों का अपमान किया है। उन्होंने कहा कि सोरेन परिवार के घर की बड़ी बहू सीता सोरेन जी ने भी अपने साथ परिवार के भीतर हुए अन्याय के खिलाफ उलगुलान का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि किस तरीके से उनको अपनी बेटियों की परवरिश करने के लिए परिवार के भीतर अकेला छोड़ दिया। विषम परिस्थितियों में उन्होंने बच्चियों को पाला पोसा था। सीता सोरेन ने अपने आंदोलनकारी पति स्व. दुर्गा सोरेन की रहस्यमयी मौत को साजिश बताते हुए जांच की मांग की पर सरकार ने उसे ठंडे बस्ते में डाल दिया।
‘जनता सनातन विरोधियों के खिलाफ ईवीएम से उलगुलान करेगी’
उन्होंने कहा कि ऐसी ही खामोशी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने लोबिन हेंब्रम के द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ, स्थानीय नीति और 1932 की स्थानीय नीति को लागू करने के लिए किए गए उलगुलान पर भी चुप्पी साध ली है। उल्टे उन पर प्रश्न उठाने के लिए झामुमो के नेताओं द्वारा लगातार टारगेट किया जा रहा है. कहा कि विपक्षी गठबंधन झारखंड में पूरे तरीके से खंडित दिख रहा है। चतरा, पलामू में फ्रेंडली फाइट की बात हो रही है। अब चुनाव में फ्रेंडली फाइट क्या होता है? लोहरदगा, राजमहल और कोडरमा में भी इनके बागी उम्मीदवार भी ताल ठोक रहे हैं. कहा कि 21 अप्रैल को कांग्रेस के बड़े नेता भी मंच पर आएंगे जिनके सांसद डीके शिवकुमार दक्षिण भारत को अलग देश बनाने की मांग कर रहे थे। आगामी चुनाव में जनता सनातन विरोधियों के खिलाफ ईवीएम से उलगुलान करेगी।