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Tuesday, September 24, 2024
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गुमला जिले के विभिन्न प्रखंडों अंर्तगत एपिलेप्सी के मरीजों के लिए निः शुल्क जांच शिविर का आज से हुआ शुभारंभ

“प्रोजेक्ट आशा” – फाइटिंग एपिलेप्सी एंड सुपरस्टेशंस

गुमला सहित जिले के निकटवर्ती जिलों से भी मरीजों ने आकर करवाया अपना जांच

शिविर में AIIMS नयी दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभाग के प्राध्यापक डॉ. ममता भूषण सिंह ( एम.डी., डी. एम. न्यूरोलॉजी) के द्वारा किया जा रहा है मरीजों का जांच

गुमला : ज़िला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की पहल एवं दिशा निर्देश के आलोक में स्वास्थ्य विभाग गुमला के द्वारा Project:-ASHA-Fighting Epilepsy and Superstitions के तहत मिर्गी के मरीजों के लिए तीन दिवसीय निः शुल्क जाँच एवं इलाज शिविर का आयोजन किया जा रहा है जिसकी शुरुआत आज से की गई है। आज बुधवार को उक्त शिविर का आयोजन CHC डुमरी में किया गया , जिसमें स्थानीय मरीजों सहित नजदीकी जिलों के मरीज भी इस शिविर में पहुंचे एवं अपना निः शुल्क जांच व इलाज करवाया। यह शिविर कल दिनांक 30मई को रेफ़रल अस्पताल बसिया में एवं 31 मई को CHC घाघरा में भी आयोजित की जायगी। शिविर में AIIMS नयी दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभाग के प्राध्यापक डॉ ममता भूषण सिंह (MD,DM न्यूरोलॉजी) एवं उनकी टीम के द्वारा मरीज़ों की जाँच की जा रही है। जांच उपरांत निः शुल्क दवा एवं काउंसलिंग की सुविधा प्रदान की जा रही है।

मिर्गी की बीमारी के प्रति विशेष रूप से जिले के ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को जागरूक करने का है मुख्य उद्देश्य, मिर्गी एक बीमारी है जिससे भयभीत होने की आवश्यकता नहीं : उपायुक्त

मिर्गी के मरीजों के इलाज तथा जांच हेतु डुमरी प्रखंड में आयोजित कैंप का जायजा लेने पहुंचे उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा कि जिले के मुख्य रूप से सुदूरवर्ती क्षेत्र व ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों को मिर्गी की बीमारी के विषय में जानकारी नहीं होने के कारण ग्रामीण अक्सर मिर्गी के मरीजों से भयभीत हो जाते हैं अथवा उन्हें अंधविश्वास से जोड़कर उन्हें झाड़फुंक के लिए ले जाते है, जिस कारण मरीजों को बेहतर इलाज नहीं मिल पाता है एवं मरीज कभी ठीक नहीं हो पाते हैं एवं कई बार अंधविश्वास के कारण मरीजों की मृत्यु तक हो जाती है।

इसका एक और मुख्य कारण यह भी है कि मरीजों तथा उनके परिवार जनों को नजदीक में इलाज या इलाज से जुड़े जानकारी नहीं होने के कारण भी मिर्गी के मरीज बेहतर इलाज से वंचित रह जाते हैं, जिसे देखते हुए गुमला जिला में मिर्गी के मरीजों के लिए लगातार निः शुल्क जांच एवं इलाज शिविर का आयोजन किया जा रहा है। पहले जिला स्तर पर शिविर लगाए गए थे एवं अभी प्रखंड स्तर पर मरीजों के नजदीक जाकर उनका इलाज करने की पहल की जा रही है।

इस शिविर में AIIMS नयी दिल्ली के न्यूरोलॉजी विभाग के प्राध्यापक डॉ. ममता भूषण सिंह (MD,DM न्यूरोलॉजी) को बुलाया गया है जो इस क्षेत्र के एक बेहतरीन डॉक्टर हैं।डॉ. ममता भूषण सिंह एवं उनकी टीम के द्वारा ही मरीजों का इलाज एवं काउंसलिंग किया जा रहा है। साथ ही मरीजों को अभी 1 माह की दवाई भी निः शुल्क प्रदान की जा रही है।जिला प्रशासन का उद्देश्य है कि जिले के मिर्गी के मरीजों को बेहतर इलाज मिल सके एवं जिले में मिर्गी की बीमारी से जुड़े अंधविश्वास को भी खत्म किया जा सके , जिसके लिए इस प्रकार के कैंप का आयोजन करने का सिलसिला जारी रहेगा।

कैंप में एपिलेप्सी सहित सिकल सेल एनीमिया जांच एवं आयुष्मान कार्ड का भी किया जा रहा है निर्माण, मरीजों की सुविधा के लिए खाने का कूपन एवं दूर दराज के मरीजों के आवागमन के लिए गाड़ी की भी है व्यवस्था: एसीएमओ गुमला

कार्यक्रम में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि गुमला जिले में प्रोजेक्ट आशा के तहत एपिलेप्सी कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इस बार जिले के 3 प्रखंडों में 31 मई तक एपिलेप्सी कैंप का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें न केवल गुमला बल्कि गुमला के नजदीकी जिलों से भी संपर्क स्थापित किया गया है एवं वहां के भी मरीजों का निः शुल्क जांच व इलाज किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से नजदीक के जिलों में भी कैंप संबंधित सूचना लेटर एवं दूरसंचार के माध्यम से दे दी गई है। उन्होंने कहा कि कैंप में आए मिर्गी के मरीजों का डाटा बेस भी तैयार किया जा रहा है ताकि समय समय पर मरीजों से संपर्क स्थापित करते हुए उनके स्वास्थ्य की स्थित एवं काउंसलिंग की जा सके। उन्होंने बताया कि इस शिविर में डॉ. ममता भूषण सिंह के द्वार मरीजों की जांच की जा रही है जिसके पश्चात डॉ. ममता के साथ आए 3 डॉक्टर्स की टीम के द्वारा मरीजों की काउंसलिंग एवं दवा लेने आदि से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों से मरीजों को अवगत कराया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि कैंप में जांच के लिए आए मरीजों के लिए खाने पीने की भी व्यवस्था की गई है जिसके लिए उन्हें खाने का कूपन दिया जा रहा है, इसके अलावा दूर दराज से आने वाले नागरिकों के लिए गाड़ी की भी व्यवस्था की गई है ताकि मरीजों व जांच के लिए आए नागरिकों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। पूर्वाह्न 8 बजे से अपराह्न 5 बजे तक लगे कैंप में लगभग 500 से अधिक लोग अपने जांच के लिए पहुंचे।

न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया

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