23.1 C
Ranchi
Sunday, November 24, 2024
Advertisement
HomeEducationनिपुण समागम झारखंड 2024: धनबाद बना ओवरआल विजेता, दुमका और पश्चिमी सिंहभूम...

निपुण समागम झारखंड 2024: धनबाद बना ओवरआल विजेता, दुमका और पश्चिमी सिंहभूम को सम्मान

✦ रांची के प्रभात तारा मैदान में आयोजित हुआ एक दिवसीय भव्य राज्यस्तरीय निपुण समागम झारखंड
✦ निपुण समागम झारखंड 2024 का ओवरआल विजेता बना धनबाद, दुमका फर्स्ट रनरअप और पश्चिमी सिंघभूम सेकंड रनरअप बना
✦ निपुण समागम में राज्य के 24 जिलों के प्रशिक्षित शिक्षकों ने लगाई FLN/TLM मॉडल्स की प्रदर्शनी
✦ समागम में बाल साहित्य का किया गया विमोचन, साहित्य की रचना करने वाले शिक्षकों को किया गया सम्मानित
✦ हर वर्ष 5 जुलाई को आयोजित होगा निपुण समागम झारखंड

निपुण भारत मिशन के तीन वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग एवं झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के द्वारा इंडिया पार्टनरशिप फॉर अर्ली लर्निंग (IPEL) – FLN PMU के सहयोग से रांची के प्रभात तारा मैदान में एक दिवसीय राज्यस्तरीय निपुण समागम झारखंड का आयोजन किया गया। इस भव्य आयोजन में राज्य के 24 जिलों से 450 शिक्षकों, दस गैर सरकारी समूहों के प्रतिनिधियों एवं हज़ारो स्कूली बच्चो ने भाग लिया। इस समागम का उद्घाटन राज्य के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव श्री उमाशंकर सिंह ने किया।

समागम में सचिव महोदय के अलावा समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग के निदेशक श्री शशि प्रकाश झा, प्राथमिक शिक्षा निदेशक श्री शशि प्रकाश सिंह, माध्यमिक शिक्षा निदेशक श्री उत्कर्ष गुप्ता, यूनिसेफ की स्टेट एजुकेशन स्पेशलिस्ट श्रीमती पारुल शर्मा, आईपीईएल केयर की चीफ डॉ.गीता वर्मा, राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी श्री अभिनव कुमार समेत अन्य गणमान्य अतिथि शामिल हुए।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव श्री उमाशंकर सिंह ने कहा कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। उन्होंने एक से पांच तक की कक्षा में नामांकित बच्चो के रिटेंशन और ड्रॉपआउट को रोकने के लिए पठन पाठन को रोचक और मनोरंजक बनाने के साथ साथ स्कूलों के शैक्षणिक वातावरण को उत्साह वर्धक बनाने का आग्रह किया।

उन्होंने बच्चो के लिए उनकी क्षेत्रीय एवं मातृभाषा में उन्हें टीएलएम सिखाने पर जोर दिया, जिससे बच्चो में बेहतर समझ विकसित हो। उन्होंने टीएलएम को प्रभावी बनाने के लिए इसका निरंतर अनुश्रवण करने का निर्देश दिया। श्री उमाशंकर सिंह ने कहा कि चरणबद्ध तरीके से सभी 24000 प्राथमिक विद्यालयों को ध्यान में रखते हुए टीएलएम को उत्कृष्ट बनाकर बच्चो को इसका लाभ देने की दिशा में झारखंड शिक्षा परियोजना कार्य करे। उन्होंने कहा इसके लिए इस उत्कृष्ट एवं रचनात्मक तंत्र की लगातार मॉनिटरिंग जरूरी है।

उन्होंने कहा कि निपुण समागम की तरह कार्यक्रम नियमित अंतराल में होते रहने चाहिए। आज जिन प्रशीक्षित शिक्षकों ने राज्यस्तरीय निपुण समागम में अपने हुनर का अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है, इन्ही शिक्षकों की सहायता से जेसीईआरटी के माध्यम से राज्य के प्रत्येक जिलों में प्रशिक्षण सत्र आयोजित कराकर शिक्षकों को टीएलएम बनाने का हुनर सिखाया जा सकता है। टीएलएम के लिए कोई महंगे उत्पाद खरीदने की आवश्यकता नहीं है, बेहतर टीएलएम बनाने के लिए उसमे रूचि होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शिक्षा एक गहरे समंदर की तरह है, यहां बड़ी चुनौतियां भी है। इन चुनौतियों का सामना शिक्षकों और एसएमसी के सहयोग के बिना नहीं किया जा सकता है।

विद्यालय का एक कमरा टीएलएम रूम बनेगा, बच्चो को मातृ/क्षेत्रीय/जनजातीय भाषा में मिलेगी शिक्षा

समागम को संबोधित करते हुए झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक श्री आदित्य रंजन ने कहा कि सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों ने जिस प्रतिभा का निपुण समागम में प्रदर्शन किया है, वह मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वर्ष अब निपुण समागम का आयोजन किया जाएगा। साथ ही हर विद्यालय में एक कमरा टीएलएम रूम के रूप में स्थापित होगा, ताकि एक से पांच वर्ग के बच्चो को उनकी मातृ/क्षेत्रीय/जनजातीय भाषा में भाषा एवं संख्यात्मकता का ज्ञान मिल सके।

उन्होंने कहा कि इस राज्यस्तरीय आयोजन से पहले जिला एवं प्रखंड स्तरीय टीएलएम मेले में जिन शिक्षकों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, उनकी भी जितनी सराहना की जाए कम है। विभाग की ओर से बेहतरीन टीएलएम बनाने के लिए विद्यालय स्तर पर राशि उपलब्ध कराई जायेगी। ताकि शिक्षकों की प्रतिभा को प्रोत्साहित किया जा सके।

निपुण शिक्षकों को अन्य स्कूलों में भ्रमण के लिए भेजे, अपने प्रतिभा से दूसरो को करे प्रशिक्षित

समागम को संबोधित करते हुए समाज कल्याण, महिला एवं बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग के निदेशक श्री शशि प्रकाश झा ने कहा कि सभी जिलों के डायट एवं स्कूलों के एक कक्ष में टीएलएम की प्रदर्शनी जरूर लगाए। उन्होंने कहा कि जो शिक्षक टीएलएम बनाने में निपुण है, उन्हें अन्य स्कूलों के भ्रमण पर भेजे ताकि वे अन्य शिक्षकों को भी प्रशिक्षित कर सके। अगर आपके भीतर कोई प्रतिभा है तो उससे दूसरो को प्रशिक्षित करे।

बच्चो को ऐसा लगे कि स्कूल का माहौल घर के माहौल से अच्छा है, तब वह स्कूल आने में रूचि दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि आंगबाड़ी में पढ़ने वाले बच्चो को अभी से ही ऐसी रचत्माक शिक्षा से जोड़े, ताकि वे आगे चलकर शिक्षा एवं संख्यात्मकता में निपुण हो सके। इसके लिए आंगनबाड़ी में पढ़ाने वाले शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण दे।

बच्चो के जीवन के प्रथम चार से पांच साल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण

समागम को संबोधित करते हुए यूनिसेफ की एजुकेशन स्पेशलिस्ट श्रीमती पारुल शर्मा ने कहा कि प्राथमिक कक्षा से जुड़े बुनियादी शिक्षा के समागम को आज हम सफलता के सफर रूप में मना रहे है। जितने भी विकसित देश है, वहां की सरकारी शिक्षण व्यवस्था सदृढ़ रही है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए हमारा सफर अभी लंबा है। निपुण मिशन इस सफर में एक मील का पत्थर साबित हुआ है। इस कार्यक्रम में सबसे ज्यादा ध्यान शुरूआती कक्षाओं की शिक्षा में दिया जा रहा है।

बच्चे अपने जीवन के प्रथम चार पांच सालो में अगर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करे तो यह आगे चलकर उनके लिए सफलता की सीढ़ी बनाता है। जब कोई बच्चा विद्यालय में प्रवेश करता है तो पहले तीन साल उसे उत्साह के साथ शिक्षा दी जानी चाहिए। इसमें रचनात्मकता होनी चाहिए। निपुण समागम के माध्यम से यह साबित हुआ कि शिक्षकों ने प्राथमिक शिक्षा को प्राथमिकता देते हुए रोचक शिक्षण सामग्रियों के निर्माण में अपनी रूचि प्रदर्शित की है।

बच्चो के लिए रोचक और आनंदपूर्ण शिक्षा जरूरी, प्रतिदिन इसपर कार्य करे शिक्षक

समागम को संबोधित करते हुए IPEL केयर की चीफ डॉ. गीता वर्मा ने कहा कि जब कोरोना का दौर आया, तो बच्चो की शिक्षा एक बड़ी चिंता बन गयी थी। विद्यालय बंद हो चुके थे। कोरोना काल में सबसे ज्यादा नुकसान छोटे बच्चो को हुआ था, क्योकि वे पढ़ना नहीं सीख पाए थे। इस चुनौती से निपटने के लिए साल 2021 में निपुण मिशन की शुरुआत हुई, और आज इसके तीन वर्ष पूरे हो गए है।

तीन से आठ साल की उम्र सीखने के मामले में बहुत संवेदनशील होते है। ऐसे बच्चो के शिक्षकों को और जिम्मेवार और प्रशिक्षित होने की जरूरत है। जो टीएलएम शिक्षकों ने बनाया है, उसे बच्चो को दे। उन्हें रोचक तरीके से पढ़ाये। शिक्षक कैसे अपने बच्चो को आनंदपूर्ण शिक्षा दे, इसपर प्रत्येक शिक्षक को प्रतिदिन सोचना चाहिए।

पुरस्कृत किये गए शिक्षक, धनबाद ओवरआल चैंपियन

जिलास्तरीय टीएलएम मेले में चयनित शिक्षकों ने राज्यस्तरीय निपुण समागम में अपने FLN/TLM मॉडल्स का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ टीएलएम बनाने वाले तीन जिलों को पुरस्कृत किया गया। धनबाद निपुण समागम झारखंड 2024 का ओवरआल विजेता बना। जबकि दुमका फर्स्ट रनरअप और पश्चिमी सिंघभूम सेकंड रनरअप बना।

निर्णायक मंडली में श्रीमती ममता एलिज़ाबेथ लकड़ा, श्रीमती सीमा राजपूत और श्रीमती गायत्री सुब्रमण्यम शामिल थी। विजेताओं को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव श्री उमाशंकर सिंह ने पुरस्कृत किया।

बाल साहित्य एवं एक्टिविटी बैंक हैंडबुक का विमोचन

समागम के दौरान स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव श्री उमाशंकर सिंह एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने बाल साहित्य का संयुक्त रूप से विमोचन किया। इस पुस्तक की रचना करने वाले सात शिक्षकों को सम्मानित भी किया गया। जिन शिक्षकों को सम्मान मिला उनमे श्री रविशंकर पाठक, श्री सतेंद्र कुमार, श्रीमती मीनू कुमारी, श्रीमती अंजली कुजूर, श्रीमती जया प्रभा, श्री बिनीश कुमार शुक्ल, श्रीमती शिप्रा मिश्रा शामिल थी। समागम के दौरान एक्टिविटी बैंक हैंडबुक का विमोचन भी किया गया। समागम में जुलाई, 2024 से सितम्बर 2024 के बीच राज्य के सभी जिले में होने वाले SMC कैंपेन और एफएलएन चैम्पियनशिप की लॉचिंग भी की गयी।

लगी भव्य टीएलएम प्रदर्शनी

निपुण समागम झारखंड 2024 में सभी जिलों से चयनित 14 शिक्षकों द्वारा टीएलएम प्रदर्शनी भी लगाई गयी। ये शिक्षक प्रखंड एवं जिलास्तरीय टीएलएम मेले में चयनित होकर राज्यस्तरीय निपुण समागम में अपने मॉडल की प्रस्तुति करने आये थे। समागम में शामिल हुए अतिथियों ने टीएलएम मॉडल्स की जमकर सराहना की।

– न्यूज़ डेस्क

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments