नारायण विश्वकर्मा
रांची/गिरिडीह : झारखंड में इन दिनों रांची से लेकर दिल्ली तक में राजनीतिक क्षितिज पर तेजी से उड़ान भरती हुई कल्पना सोरेन एक चर्चित नाम है. गांडेय से उपचुनाव जीतने के बाद अब वह विधानसभा की चौखट तक दस्तक दे चुकी है. अपनी योग्यता और शालीनता के बल पर वह राजनीति में आगे बढ़ रह रही हैं. कहा जाता है कि हर चीज का समय निर्धारित होता है. एक दशक पूर्व रांची के ज्योतिषाचार्य आशुतोष आचार्या ने कल्पना सोरेन की कुंडली बनायी थी. हेमंत सोरेन जब 2014 में पहली बार राज्य के सीएम बने थे, उसी समय कल्पना की कुंडली में आशुतोष आचार्या ने उनके राजयोग की भविष्यवाणी की थी. कुंडली के अनुसार दस साल बाद कल्पना सोरेन के राजयोग का समय आ गया है. ज्योतिषाचार्य कहते हैं कि राजयोग के लिए किसी परिघटना का होना जरूरी होता है. वह परिघटना थी हेमंत सोरेन का जेल जाना. विपरीत परिस्थितियों में कल्पना सोरेन के लिए गांडेय सीट खाली करायी गई. वह सीट झारखंड में कल्पना सोरेन के लिए हॉट सीट बन गई जहां, उन्होंने भारी मतों से जीत दर्ज की.
ज्योतिषाचार्य आशुतोष और बगल में हैं इंद्रदेव लाल
इंद्रदेव लाल ने बतायी कल्पना की कुंडली के पीछे की कहानी
कुंडली कैसे बनी? किसने बनवायी? इसके पीछे की दिलचस्प कहानी है. कुंडली बने दस साल बीत गए, इसलिए शायद कल्पना सोरेन अबतक भूल चुकी होंगी कि कभी उनकी कुंडली बनवायी गई थी जो, आज सच साबित हुआ. गुरु दिशोम शिबू सोरेन के कभी करीबी रहे रांची निवासी इंद्रदेव लाल ने इसके पीछे की कहानी बतायी. श्री लाल ने बताया कि 2014 में चुटिया निवासी और सोरेन परिवार से जुड़े रहे राहुल अग्रवाल ने उन्हें कल्पना सोरेन की कुंडली बनवाने को कहा था. उस समय नये-नये ज्योतिषाचार्य बने आशुतोष आचार्या का इंद्रदेव लाल से संपर्क था. इंद्रदेव लाल ने बताया कि जब कुंडली उनके हाथ लगी तो, उसमें कल्पना सोरेन के राजयोग का जिक्र था. उसी समय राहुल अग्रवाल ने कल्पना सोरेन को वह कुंडली थमा दी. दस साल बाद जब यह बात सच साबित हुई तो, इंद्रदेव लाल ने Jharkhand weekly को यह कहानी बतायी. इस बीच इंद्रदेव लाल को ज्योतिषाचार्य से कोई संपर्क नहीं हो सका है और न ही राहुल अग्रवाल से इस संबंध में कोई बातचीत हुई है.
विधायक बनने के बाद कबीर ज्ञान मंदिर में कल्पना सोरेन ने गुरु मां से लिया था आशीर्वाद
इंद्रदेव लाल को यह तब स्मरण आया, जब कल्पना सोरेन गिरिडीह के प्रसिद्ध कबीर ज्ञान मंदिर में 22 जून को मंदिर के आश्रम परिसर में गांडेय की नवनिर्वाचित विधायक कल्पना सोरेन पहुंची थी. गुरु गोविंद धाम में दर्शन के बाद कल्पना ने परम श्रद्धेय गुरु मां साध्वी ज्ञानानंद से मुलाकात की एवं गुरु मां से आशीर्वाद लिया. गुरु मां ने विनम्र भाव से उन्हें आशीर्वाद दिया. उस समय वहां उपस्थित इंद्रदेव लाल भी मौजूद थे. गुरु मां और कल्पना के बीच जो संवाद हुआ, उसे इंद्रदेव लाल ने गंभीरता से सुना. इंद्रदेव लाल ने बताया कि पहली बार कल्पना सोरेन को करीब से जानने-समझने का मौका मिला. उनकी बातचीत से ऐसा लगा कि उन्होंने बहुत जल्द राजनीतिक परिपक्वता हासिल कर ली है. गुरु मां द्वारा यह पूछे जाने पर कि आप मुख्यमंत्री बन रही हैं, इसके जवाब में कल्पना ने बड़ी ही शालीनता से गुरु मां से कहा कि अभी मैं राजनीति सीख रही हूं. हेमंत सोरेन जी के बारे में सवाल करने पर कल्पना ने कहा कि वे निर्दोष हैं. राजनीतिक द्वेष के कारण उन्हें फंसाया गया है. आपका आशीर्वाद चाहिए. गुरु मां ने मुस्कराहट के साथ शांत भाव से उन्हें आशीर्वाद दिया. कल्पना सोरेन को करीब से देखने के बाद ही इंद्रदेव लाल को अचानक कुंडली और राजयोग बातें बरबस याद आ गई. इसके बाद ही उन्होंने एक दशक पुरानी यादों को साझा किया था.
कल्पना के गुरु मां से मिलने के एक हफ्ते के अंदर हेमंत सोरेन जेल से रिहा हुए
बता दें कि गुरु मां से मुलाकात के एक हफ्ते के अंदर (28 जून) हेमंत सोरेन जेल से रिहा हो गए. इंद्रदेव लाल इसे गुरु मां का आशीर्वाद मानते हैं. कबीर ज्ञान मंदिर से लंबे समय से जुड़े इंद्रदेव लाल ने बताया कि मन से मांगी गई मुराद यहां जरूर पूरी होती है. हालांकि हेमंत के जेल से छूटने के बाद वादे के मुताबिक कल्पना सोरेन अभी तक गुरु मां से मिलने नहीं पहुंची है. उन्हें उम्मीद है कि गांडेय के दौरे के दौरान कल्पना अपने सीएम पति हेमंत सोरेन के साथ यहां पहुंचेंगी और मां का आशीर्वाद ग्रहण करेंगी.
दो दशक पूर्व तक शिबू सोरेन का कबीर ज्ञान मंदिर में आना-जाना हुआ करता था
इंद्रदेव लाल ने बताया कि 2007-08 में अंतिम बार दिशोम गुरु शिबू सोरेन का कबीर ज्ञान मंदिर में आगमन हुआ था. उनकी भी कबीर ज्ञान मंदिर से गहरी आस्था जुड़ी रही है. अब किसे पता था कि एक दिन ऐसा भी समय आएगा, जब शिबू सोरेन की बहू कल्पना सोरेन विधायक बनने के बाद गुरु मां से आशीर्वाद लेंगी. कबीर ज्ञान मंदिर में गिरिडीह, कोडरमा, हजारीबाग, देवघर, रांची, चाईबासा के अलावा देश के कई हिस्सों से हजारों कबीरपंथी यहां आते-जाते रहते हैं और अपने मन की मुराद पाते हैं.
बहरहाल, झारखंड में तेजी से बदलते सियासी घटनाक्रम पर जरा गौर फरमाएं…! एक बार फिर हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी का कसता शिकंजा शुभ संंकेत नहीं दे रहा है. कुछ दिन बाद अगर सुप्रीम कोर्ट में हेमंत सोरेन के खिलाफ सुनवाई शुरू हुई और संयोग से फैसला उनके पक्ष में नहीं आया तो, राज्य की राजनीति तेजी से करवट ले सकती है. उस वक्त सरकार की खेवनहार कल्पना सोरेन ही बनेंगी, इससे इंकार नहीं किया जा सकता. बशर्ते झामुमो के सभी विधायक उस परिस्थिति में इंटेक्ट रहें, तो नेतृत्व की बागडोर कल्पना के हाथ आ सकती है.