गुमला – गुमला जिले के विभिन्न प्रखंडों के मुस्लिम बस्तियों में मोहर्रम का जुलूस और ताजिया निकाला गया। गुमला प्रखंड के गांव अमबोआ, टोटो, कोटाम, शीशी, कतरी आदि में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी मोहर्रम का पर्व आपसी भाईचारे के साथ मनाया गया।
रायडीह में ताजिया मिलन मेला
बुधवार को रायडीह प्रखंड के पुरानी रायडीह में ताजिया मिलन मेला और मोहर्रम अखाड़ा का आयोजन किया गया। मेले में नवागढ़ पतराटोली, बरगीडांड़, महुआटोली, और पुरानी रायडीह के ताजियों का मिलन किया गया। फातिया खानी कर हुसैन के सदके में सभी के अमन चैन की दुआ मांगी गई।
मुख्य अतिथि का संदेश
मुख्य अतिथि चैनपुर इंस्पेक्टर महेंद्र करमाली ने कहा कि जिस प्रकार सभी समुदाय के लोग इस मेले का आयोजन कर रहे हैं, वह काबिले तारीफ है। यह पूरे देश में एक मिसाल कायम करेगा। उन्होंने कहा कि अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है और इसे नियमित अभ्यास में रखना चाहिए।
अंजुमन इस्लामिया का संदेश
गुमला अंजुमन इस्लामिया के सदर मोशाहीद आजमी पम्मू ने कहा कि मोहर्रम पर्व हुसैन की शहादत के रूप में मनाया जाता है। हुसैन ने सच्चाई के लिए अपना सिर कटाना पसंद किया, लेकिन झुकाना नहीं। हमें उनके नक्शे कदम पर चलना चाहिए।
सम्मान समारोह
चारों गांव से आए बुजुर्ग बुद्धिजीवी और गणमान्य लोगों को पगड़ी पोशी और बैच देकर सम्मानित किया गया। इससे पूर्व, मोहर्रम की नवमी तारीख को नवागढ़ पतराटोली में भव्य मोहर्रम जुलूस निकाला गया।
सुरक्षा व्यवस्था
जुलूस में चैनपुर एसडीपीओ अमिता लकड़ा, चैनपुर इंस्पेक्टर महेंद्र करमाली, गुमला अंजुमन सदर मोशाहीद आजमी पम्मू, सेक्रेटरी मकसुद आलम, भाजपा नेता विनय कुमार लाल, जेएमएम नेता मोहम्मद लड़न और भाजपा जिला महामंत्री मिशिर कुजूर शामिल हुए।
समापन
रायडीह थाना प्रभारी कुंदन कुमार सिंह और सुरसांग थाना प्रभारी संतोष कुमार सिंह दल बल के साथ तैनात थे। इस मौके पर सैकड़ों मुस्लिम धर्मावलंबी उपस्थित थे।
मेले का आयोजन
मेले में विभिन्न खेल और अस्त्र-शस्त्र का प्रदर्शन किया गया। आयोजकों में असरफ राय लालो, नसीम ताज, सलीम खान, जमाल ताज, मोहम्मद मोख्तार, मुमताज शाह, इमदाद खान, इमरान खान, तबरेज खान, मकसुद खान, खुर्शीद आलम, तौहीद आलम, ब्रजेश कुमार लाल, छविनाथ साहु, कमलेश झा, विनोद गुप्ता, रितेश गुप्ता, राजेन्द्र साहु, अफरीदि, आसीफ, प्रवेज खान, महबुब, वारिस खान और आकीब खान शामिल थे।
मेले का महत्व
गुमला से मोहम्मद अफसर आलम, हाजी सुल्तान अंसारी, खुर्शीद आलम पप्पू, जबीउल्लाह जानी, मोहम्मद कौसर, मोहम्मद मेराज, शकील खान, मोहम्मद आसिफ सहित सैकड़ों मुस्लिम धर्मावलंबी शामिल थे। मेले का आयोजन समाज में भाईचारे और सांस्कृतिक धरोहर को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
News – गनपत लाल चौरसिया