रांची : झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा की समीक्षा बैठक शुक्रवार को डोरंडा के झंडा चौक स्थित केंद्रीय कार्यालय में हुई। बैठक में 24 अगस्त को बापू वाटिका मोरहाबादी में सम्पन्न हुई संकल्प सभा की वसमीक्षा की गई। बैठक में 2019 से लेकर अभी तक राज्य सरकार द्वारा झारखंड आंदोलनकारियों की लगातार हुई अपेक्षा जैसे विषयों की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया गया कि 10 को मशाल जुलूस व 11 सितम्बर को झारखंड बंद किया जाएगा. राज्य में शहीद नीलांबर-पीतांबर, शहीद भगत सिंह, मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा, कार्तिक उरांव उर्फ कार्तिक बाबा की प्रतिमा को राज्य के प्रशासनिक पदाधिकारीगण नहीं लगने दिया और वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आवमानना करके पूर्व राज्यपाल कैलाशपति मिश्र की प्रतिमा लगाए जाने का मुखर विरोध किया गया।
नियोजन के अधिकारों की हकमारी नहीं होने देंगे : विदेशी महतो
इस मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष विदेशी महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों की पहचान एवं अपने बेटा-बेटियों के रोजी-रोजगार व नियोजन का अधिकार किसी को छिनने नहीं देंगे, हकमारी नहीं होने देंगे। झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक और प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों अस्तित्व एवं अस्मिता की रक्षा के लिए 10 सितंबर को मशाल जुलूस एवं 11 सितंबर को ऐतिहासिक बंद किया जाएगा.झारखंड आंदोलनकारी अपने बाल बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़कों पर उतरेंगे जो बूढ़े हो चले हैं वह खटिया-पटिया और चटाई लेकर रोड पर सोने का भी काम करेंगे। प्रत्येक आंदोलनकारी अपने साथ परंपरागत अस्त्र-शस्त्र भी लिए रहेंगे। दक्षिणी छोटानागपुर प्रजामंडल की अध्यक्ष श्रीमती रोजलीन तिर्की ने कहा कि आज झारखंडियों की अलग पहचान नहीं होना उनकी भाषा-संस्कृति के मूल्य की रक्षा नहीं होना दुर्भाग्य की बात है।
जितेंद्र सिंह कुशवाहा ने आय-व्यय की विवरणी प्रस्तुत किया
केंद्रीय उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह कुशवाहा ने आय-व्यय की विवरणी प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य सरकार झारखंड अलग राज्य के संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करें. हमारे लोग पलायन और विस्थापन करने के लिए मजबूर हैं. चारों तरफ झारखंडियों में आक्रोश व्याप्त है. केंद्रीय संयोजिका सरोजिनी कच्छप ने कहा कि आंदोलनकारी आज पुन: संघर्ष का एक इतिहास लिखने की दिशा में तैयार हैं। इस मौके पर के सरना समिति के अध्यक्ष निरंजन हेरेंज ने कहा कि झारखंड के लोगों को माय-माटी की रक्षा के लिए संघर्ष करते हुए शहादत देनी पड़ी तो, घर-घर से निकले। गुमला जिला अध्यक्ष सीता राम उरांव ने कहा कि हमलोग अपने अधिकारों के लिए लड़े थे और आगे भी लड़ेंगे लेकिन अपने मूल्यों की रक्षा करके रहेंगे. अपने जल जंगल जमीन खनिज संपदा की रक्षा हर हाल में करेंगे।
बैठक में ये लोग थे शामिल
बैठक में ज्ञानमती कुजूर, जिदन कोल, बुधन हंसदा, दर्शन गन्झु, दीपक सिंह टाइगर, संजू तोप्पो, रामचंद्र राणा, मोती लाल महतो, उमेश महतो, समसिंगार महतो, प्रकाश उरांव, इंद्रदेव उराव, मदन मोहन महतो, पूर्णिमा देवी, इस्वरी देवी, मीना देवी, कमल प्रसाद साहू, सोमरा उराव, प्रदीप पाहन, बिरसा उरांव, सुधीर कुमार मेहता, राम सुंदर उरांव, विजय उरांव माइकल तिर्की प्रकाश खरखो मोहम्मद मुस्लिम अंसारी, जटाधारी साहू ,राम नंदन साहू, सीता देवी, टहल साहू, प्रयाग महतो, मो. महबूब अंसारी सहित अन्य प्रमुख लोग शामिल थे.