बीडी प्रसाद ने सरकार की मंशा पर उठाया सवाल…जनवरी 24 में राज्य में एक साथ सभी नगर निकायों के चुनाव कराने का निर्णय लिया गया था, फरवरी 2023 में ही प्रक्रिया हो गई थी पूरी…ऐन वक्त पर पदों के चक्रीय आरक्षण के मुद्दे पर पेंच फंसने के बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया.
रांची : ओबीसी एकता अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष ब्रह्मदेव प्रसाद ने 2020 से लटक रहे नगर निकाय चुनाव को अपनी नाराजगी जतायी है. झारखंड हाईकोर्ट में बार-बार सरकार को फटकार पड़ रही है. इसके बावजूद सरकार कोई न कोई बहाने बनाकर चुनाव से पल्ला झाड़ना चाह रही है. इससे सरकार की मंशा का पता चलता है. श्री प्रसाद ओबीसी एकता अधिकार मंच के हरमू स्थित केंद्रीय कार्यालय में शनिवार को प्रेस को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आठ माह पूर्व ही झारखंड हाईकोर्ट ने तीन सप्ताह में चुनाव की अधिघोषणा जारी करने का आदेश दिया था, लेकिन आज 8 माह बाद भी सरकार कोर्ट में इधर उधर की बात कर चुनाव टालने की बहानेबाजी कर रही है. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार ओबीसी को समुचित आरक्षण देने की वकालत करती है, वहीं दूसरी ओर कोर्ट में कठदलीली के जरिए निकाय चुनाव को रोकने हर संभव प्रयास में जुटी है. उन्होंने कहा कि सरकार ने जनवरी में राज्य में एक साथ सभी नगर निकायों का चुनाव कराने का निर्णय लिया था, जिसकी तैयारी फरवरी 2023 में लगभग पूरी हो चुकी थी. ऐन वक्त पर पदों के चक्रीय आरक्षण के मुद्दे पर पेंच फंसने के बाद इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए ट्रिपल टेस्ट कराने के मुद्दे पर इसे टालती रही है. हालांकि निकाय चुनाव के मामले में कोर्ट में फिर 20 सितंबर को सरकार से जवाब मांगा है. अगर उस दिन भी सरकार ने कोर्ट में चुनाव की अधिघोषणा जारी करने पर आनाकानी करती है या फिर समय की मांग करती है तो, यह माना जाएगा कि सरकार कोर्ट में तारीख पर तारीख लेकर चुनाव आचार संहिता लगने का इंतजार कर रही है.
सरकार से निकाय चुनाव की प्रक्रिया जल्द शुरू करने का आग्रह
श्री प्रसाद ने कहा कि सरकार का कोर्ट में यह कहना कि राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद रिक्त है, इसलिए चुनाव कराना मुश्किल है. सरकार की कोर्ट यह दलील कितनी हास्यास्पद है. उन्होंने सवाल उठाया कि आयुक्त का पद खाली है तो, इसकी जवाबदेही किसकी है? सरकार इतने दिनों से क्या कर रही है? उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि कोर्ट के आदेश को सरकार नजरअंदाज नहीं करें और जल्द से जल्द निकाय चुनाव की प्रक्रिया शुरू करे. उन्होंने कहा कि ओबीसी एकता अधिकार मंच नगर निकाय के चुनाव में भी बढ़चढ़ कर भाग लेगा. नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायत के चुनाव में जनसंख्या के अनुपात में हमारी सहभागिता होगी. महिलाओं को इस चुनाव में 33 प्रतिशत हिस्सेदारी देने पर विचार किया जा रहा है।
ब्रह्मदेव प्रसाद ने कहा-हमारा राज्य ओबीसी बहुल है, जबकि लंबे समय से यह प्रोपगेंडा फैलाया गया कि झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है…ओबीसी एकता अधिकार मंच राज्य की सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में
ओबीसी एकता अधिकार मंच राज्य की सभी 81 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में है. हमारा राज्य ओबीसी बहुल है. इसलिए स्वाभाविक रूप से हम राजनीति में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करेंगे. उन्होंने कहा कि जहां अनारक्षित सीट होगी वहां हम ओबीसी प्रत्याशी देने की तैयारी करेंगे. इसके अलावा जहां आरक्षित सीट है, वहां हम ओबीसी एकता अधिकार मंच के समर्थित प्रत्याशियों को टिकट देने का काम करेंगे. इस संबंध में श्री प्रसाद ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया है. श्री प्रसाद ने कहा कि झारखंड में यह लंबे समय से यह प्रोपगेंडा फैलाया गया कि झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है. उन्होंने दावा किया कि पलामू प्रमंडल में 11 सीटों पर हमारे प्रत्याशी मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि पलामू प्रमंडल और उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल और रांची सहित कई अन्य जिलों में ओबीसी की आबादी करीब 65 प्रतिशत है. पूरे राज्य के अन्य हिस्सों में हमारी आबादी करीब 52-53 प्रतिशत है. हम ओबीसी समाज के हक-अधिकार के लिए कृत संकल्पित हैं. इससे हमें कोई डिगा नहीं सकता. अब ओबीसी समाज राजनीति में प्रमुख रूप से अपनी सहभागिता निभाएगा, क्योंकि हमारे समाज के बिना राज्य में सरकार नहीं बन सकती. मौके पर उपस्थित श्रवण कुमार केंद्रीय महासचिव, राकेश कुमार, पंकज साहू, पंचु साहू, नवजीवन यादव, हरिनारायण प्रसाद, हिमालय कुमार, शुभम प्रसाद एंव अन्य लोग उपस्थित थे।