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Thursday, September 19, 2024
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हमारे भीतर अनंत शक्ति, अनंत आनंद का श्रोत है: संत प्रवर विज्ञानदेव जी महाराज

गुमला:  शताब्दी समारोह महोत्सव 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के संकल्प को लेकर रविवार को नगर भवन में जय स्वर्वेद कथा का आयोजन किया गया. जहां संत प्रवर विज्ञानदेव जी महाराज ने कहा कि ईश्वर का महान प्रसाद मानव जीवन है. हमारे भीतर अनंत की शक्ति है, अनंत आनंद का श्रोत है. आत्मा के अंदर अंतरात्मा रूप से ईश्वर ही विराजमान है. आवश्यकता है आध्यामिक ज्ञान की, स्वर्वेद सद्ज्ञान की, विहंगम योग के ध्यान की, जिसके आलोक में एक साधक का जीवन सर्वोन्मुखी विकास होता है. महाराज जी ने बताया कि आज मन पर नियंत्रण न होने से समाज में विसंगतियां बढ़ रहीं हैं. युनेस्को की एक प्रस्तावना कहती है कि युद्ध की प्राचीरें कुत्सित मन से निकलती हैं. अतः मन पर नियंत्रण आवश्यक है. हमारे मन में असीम शक्ति है ईश्वर ने हमें बड़ी शक्तियों वाला अन्तःकरण दिया है. मानव के मन में अशांति है और जब तक यह अशांति है तब तक विश्व में शांति की कल्पना नहीं की जा सकती. मन की अशांति को विहंगम योग की ध्यान साधना के द्वारा दूर किया जा सकता है. भारत की आत्मा का नाम अध्यात्म है, आध्यात्मिक महापुरुषों के बदौलत ही भारत विश्व गुरु रहा है. आयोजकों ने बताया कि विहंगम योग संत समाज के शताब्दी समारोह महोत्सव एवं 25 हजार कुंडीय स्वर्वेद ज्ञान महायज्ञ के निमित्त संत प्रवर विज्ञान देव जी महाराज सात जुलाई को संकल्प यात्रा का शुभारंभ कन्याकुमारी की धरती से हो चुका है. संकल्प यात्रा के प्रथम चरण में दक्षिण भारत के सभी राज्यों के विभिन्न शहरों के पश्चात छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, बिहार के बाद झारखंड के गढ़वा, डालटनगंज, लातेहार होते हुए आज गुमला पहुंचे है. इससे पूर्व महाराज की के आगमन पर भक्तों ने काफी उत्साह के साथ उनका स्वागत किया. मौके पर सुरेंद्र सिंह, ललित सिंह, रामचंद्र तिवारी, शिवदेव लोहरा, वासुदेव महतो, कुंवर गोप, कृष्णकांत पाठक, सीताराम, राजकुमार, परमिंदर गोप, विभा, प्रियका, रंजीत, सुरेश मंत्री, लाला प्रसाद चौरसिया, अक्षयवर कुमार, योगेंद्र प्रसाद, विनय गोप, गोपाल कुमार समेत सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे.

न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया 

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