बाबूूूूलाल व कर्मवीर ने कहा-प्रदेश नेतृत्व को इसकी जानकारी नहीं,विरोधी गुट ने कहा-योग्यता और पृष्ठभूमि का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. विरोध इस आधार पर है कि जिस व्यक्ति का जनाधार खिसक गया है, उस व्यक्ति को विधायक बनाने के लिए भाजपा नेता खून- पसीना बहाएं और बाद में उनके क्रियाकलापों से प्रताड़ित हों, यह उचित नहीं होगा.
नारायण विश्वकर्मा
पलामूः एनडीए में शामिल होने से पूर्व ही हुसैनाबाद के विधायक कमलेश सिंह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार गुट) का भाजपा में विरोध शुरू हो गया है. लेकिन हिमंता विस्व सरमा को इसकी खबर मिलते ही उन्होंने विरोध करनेवाले भाजपाइयों की क्लास लगाई है. कमलेश सिंह के भाजपा में शामिल होने पर हो रहे विरोध के प्रसंग में पूछे गये सवाल पर हिमंता विस्व सरमा ने कहा कि जो भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता हैं, वह कभी किसी के पार्टी में शामिल होने का विरोध नहीं करते। किसी एक के विरोध करने से संगठन में कुछ नहीं होता। हम तो चाहते हैं कि हेमंत सोरेन भी भाजपा में शामिल हो जाए, चुनाव से पहले अपने परिवार को बड़ा करना है। उधर, कमलेश सिंह के भाजपा में शामिल होने की खबर जैसे ही फैली, इसका प्रखर विरोध भाजपा के ज्योतिरीश्वर सिंह ने किया। उनके आवास के एक कमरे में विनोद सिंह, प्रफुल्ल सिंह, कामेश्वर कुशवाहा, रवीन्द्र सिंह आदि जमा हुए और उनकी तस्वीर एक साथ सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म पर घूमने लगी है. इससे हुसैनाबाद में कमलेश सिंह के खिलाफ भितरघात की आशंका को बल मिला है.
अब 3 के बदले 4 अक्टूबर को कमलेश भाजपा में शामिल होंगे
कमलेश सिंह के भाजपा में शामिल होने के मामले में तारीख में भी परिवर्तन हुआ है. कमलेश सिंह अब 3 के बदले 4 अक्टूबर को मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में भाजपा में शामिल होंगे। उन्होंने बताया कि कार्यकर्ताओं के आग्रह पर यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता अब चार अक्टूबर को उनके धुर्वा स्थित सरकारी आवास पहुंचेंगे। कार्यकर्ताओं ने नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना के मौके पर कार्यक्रम नहीं करने का आग्रह किया था। उन्होंने कहा कि भाजपा की ओर से भी चार अक्टूबर की तिथि तय कर दी गई है।
बड़ी अपडेट : प्रदेश नेतृत्व तक नहीं पहुंची है कमलेश के भाजपा में शामिल होने की खबर
इधर, कुछ देर पहले मिली बड़ी अपडेट के मुताबिक कमलेश सिंह के विरोध में भाजपा के कई नेताओं ने संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से मुलाकात की. मुलाकात करनेवाले नेताओं को यह बताया गया कि कमलेश सिंह के भाजपा में शामिल होने की जानकारी प्रदेश नेतृत्व तक नहीं पहुंची है. मंगलवार की दोपहर तक यह खबर निकलकर सामने आई कि 4 अक्टूबर को वे भाजपा में शामिल होंगे. भाजपा के किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ज्योतिरीश्वर सिंह, पूर्व प्रत्याशी विनोद सिंह, प्रफुल्ल सिंह, कामेश्वर कुशवाहा, अशोक सिंह, रवींद्र सिंह के नेतृत्व में भाजपा नेताओं ने संगठन मंत्री कर्मवीर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से मुलाकात के बाद बताया कि भाजपा किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ज्योतिरीश्वर सिंह का कहना कि वे सभी पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं और पार्टी काफी मजबूत स्थिति में है. उन्होंने कहा कि सिंबल के बिना 2019 में विनोद सिंह ने विधानसभा के चुनाव में 30000 से अधिक वोट लाये थे. उन सभी का एक मत है कि पार्टी का कुनबा बढ़े लेकिन योग्यता और पृष्ठभूमि का भी ख्याल रखा जाना चाहिए. भाजपा के इन नेताओं द्वारा कमलेश सिंह का विरोध इस आधार पर है कि जिस व्यक्ति का जनाधार खिसक गया है उस व्यक्ति को विधायक बनाने के लिए भाजपा नेता खून पसीना बहाएं और बाद में उनके क्रियाकलापों से प्रताड़ित हों.
भाजपा में राजनीतिक धींगामुश्ती तय
दरअसल, कमलेश सिंह के भाजपा में शामिल होने की घोषणा के बाद से ही हुसैनाबाद में कई दावेदारों ने कहना शुरू किया था कि कमलेश का भाजपा में शामिल होना यहां के कई वैसे नेताओं के लिए राजनीतिक मौत की तरह है जो, लंबे समय से भाजपा खेमे में यहां से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का मंसूबा पाले हुए हैं या चुनाव लड़ चुके हैं। इसलिए हुसैनाबाद में कमलेश सिंह को अपने विरोधियों को मनाना-पटाना आसान नहीं होगा. राजनीतिक प्रेक्षक भी मानते हैं कि किसी भी पार्टी में अगर कोई सीटिंग विधायक शामिल होंगे तो, पार्टी के अन्य नेताओं की तुलना में उनकी दावेदारी पर अधिक जोर होगा. इसलिए हुसैनाबाद में राजनीतिक धींगामुश्ती से केंद्रीय नेतृत्व हल्कान हो सकता है.
विरोधी हो रहे हैं गोलबंद
इधर, हिमंत विस्व सरमा की फटकार के बावजूद विरोधियों ने कहा है कि भाजपा को भ्रष्टाचारियों से बचाने में कोई समझौता नहीं होगा। हम सब इसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं। विरोध करनेवाले अधिकतर नेता हुसैनाबाद से अपनी-अपनी दावेदारी कर रहे हैं और कमलेश सिंह के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। नेताओं ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कहा है कि कमलेश सिंह के खिलाफ भाजपा ने लड़ाई लड़ी है, उन्हें पार्टी में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। वे पूरे मामले में पार्टी के राज्य नेतृत्व, राष्ट्रीय नेतृत्व समिति के साथ कई जगह अपनी बातें रख रहे हैं। हुसैनाबाद क्षेत्र से भाजपा के बड़े नेताओं में प्रफुल्ल सिंह, ज्योतिरीश्वर सिंह, विनोद सिंह, अशोक सिंह, कामेश्वर कुशवाहा, रवीन्द्र सिंह सरीखे नेता गोलबंद हो रहे हैं.