हजारीबाग, अक्टूबर 2024 – हजारीबाग में दुर्गा पूजा का समापन इस बार एक खास सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे के अद्वितीय उदाहरण के साथ हुआ। शांति समिति के सदस्य और समाजसेवी संजर मलिक ने विसर्जन प्रोसेशन के दौरान भक्तों का माला पहनाकर स्वागत किया, जिससे उन्होंने गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश की। यह घटना न केवल सांप्रदायिक सद्भाव का प्रतीक बनी, बल्कि हजारीबाग के नागरिकों के बीच एकता और भाईचारे के भाव को और भी गहरा किया।
पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह ने संजर मलिक और उनकी टीम को इस सफल आयोजन के लिए बधाई दी, जबकि एसडीपीओ अमित आनंद ने इसे अपने करियर का एक यादगार क्षण बताया।
शांतिपूर्ण विसर्जन: सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ आयोजन
इस वर्ष हजारीबाग में दुर्गा पूजा का आयोजन पूरे जोश और उल्लास के साथ किया गया। शहर के विभिन्न स्थानों पर लगे दुर्गा पूजा पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई, लेकिन पुलिस प्रशासन की सतर्कता और जनता के अनुशासन ने इसे शांति से सम्पन्न करने में मदद की। संजर मलिक ने स्वयं उपस्थित होकर प्रमुख भक्तों का स्वागत किया और उन्हें माला पहनाकर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “पूरे आयोजन को बिना किसी अप्रिय घटना के सफलतापूर्वक सम्पन्न करना सभी के सहयोग का परिणाम है।”
पुलिस प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका
इस आयोजन में पुलिस प्रशासन की भूमिका सराहनीय रही। हजारीबाग पुलिस अधीक्षक अरविंद कुमार सिंह और एसडीपीओ अमित आनंद ने सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए निरंतर नजर बनाए रखी। थाना प्रभारी संदीप मंडल ने भी पुलिस बल के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण माहौल बनाए रखने में समाज के सभी वर्गों का सहयोग अत्यंत महत्वपूर्ण रहा।
एसडीपीओ अमित आनंद, जिनका यह हजारीबाग में पहला त्यौहार था, ने बताया कि यह उनके लिए गर्व और संतोष का पल है। उन्होंने संजर मलिक और सभी समितियों को आयोजन को सफल बनाने में उनके योगदान के लिए धन्यवाद दिया।
गंगा-जमुनी तहज़ीब: संजर मलिक का योगदान
संजर मलिक ने गंगा-जमुनी तहज़ीब को और मजबूत करते हुए न केवल पूजा में भाग लिया, बल्कि अपनी व्यक्तिगत उपस्थिति से भक्तों और समाज के अन्य लोगों के प्रति आदर और सम्मान प्रकट किया। उन्होंने कहा, “धर्म और आस्था लोगों को जोड़ने का काम करती है, और हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर आयोजन समाज को एकजुट रखने में सहायक हो।”
विसर्जन के दौरान, संजर मलिक ने प्रमुख भक्तों के साथ-साथ समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से मिलकर आपसी सौहार्द का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि यह त्योहार केवल धार्मिक आस्था तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज के सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत करता है।
जनता और प्रशासन के बीच सामंजस्य
पूजा समितियों और पुलिस प्रशासन के बीच बेहतरीन सामंजस्य देखने को मिला। संजर मलिक ने पूजा समितियों की सराहना करते हुए कहा, “इस पूरे आयोजन को सफल बनाने में पूजा समितियों का समर्पण और अनुशासन महत्वपूर्ण रहा है। जनता के सहयोग और प्रशासन की सतर्कता के बिना यह संभव नहीं हो पाता।”
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पूरे आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली, जो कि पूरे जिले के लिए गर्व की बात है। यह शांतिपूर्ण माहौल जनता और प्रशासन के आपसी सहयोग का परिणाम है, जिसे आने वाले वर्षों में और भी सुदृढ़ किया जा सकता है।
संजर मलिक की समाजसेवा और भविष्य के प्रयास
संजर मलिक ने इस अवसर पर हजारीबाग की जनता और प्रशासन का धन्यवाद देते हुए यह भी कहा कि वह आगे भी समाज के हित में इसी प्रकार सक्रिय भूमिका निभाते रहेंगे। उनका कहना था कि किसी भी त्योहार या आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज में शांति और सद्भाव को बनाए रखना होना चाहिए।
उन्होंने कहा, “हमारी जिम्मेदारी है कि हम समाज में सभी के साथ मिलकर चलें। त्योहार न केवल आस्था का प्रतीक होते हैं, बल्कि ये समाज को एकजुट करने का माध्यम भी होते हैं।”
एक मिसाल बना हजारीबाग का दुर्गा पूजा उत्सव
हजारीबाग का इस बार का दुर्गा पूजा उत्सव सांप्रदायिक सौहार्द और शांति का बेहतरीन उदाहरण बन गया है। संजर मलिक और उनकी टीम ने विसर्जन के दौरान गंगा-जमुनी तहज़ीब को और मजबूत किया। पूजा समितियों, पुलिस प्रशासन, और आम जनता के सामूहिक प्रयासों से यह आयोजन बिना किसी बाधा के संपन्न हुआ, जिससे हजारीबाग में सामाजिक एकता और भाईचारे की भावना को और बल मिला है।
News – Vijay Chaudhary.
Edited by – Sanjana Kumari.