आगामी विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियों को लेकर गुमला जिले में प्रशासनिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। मतदान, लोकतंत्र की सबसे महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, और इसे सफल बनाने के लिए चुनाव आयोग और जिला प्रशासन हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में, गुरुवार को गुमला के उपायुक्त और जिला निर्वाचन पदाधिकारी कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में एक समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में विधानसभा चुनाव की सुचारू रूप से योजना और क्रियान्वयन के लिए सभी संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।
1. विभिन्न कोषांगों के बीच आपसी समन्वय का महत्व
बैठक में जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने विभिन्न कोषांगों जैसे कार्मिक, सामग्री, ईवीएम, वाहन, विधि व्यवस्था, मीडिया और स्वीप कोषांग के अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। चुनाव की जटिल प्रक्रिया को कुशलतापूर्वक संचालित करने के लिए सभी विभागों का आपसी तालमेल बेहद ज़रूरी है।
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि सभी कोषांग अपने-अपने कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें, ताकि मतदान दिवस पर किसी भी प्रकार की रुकावट न हो। इसके साथ ही, उन्होंने निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों का शत प्रतिशत पालन करने की अपील की, ताकि चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और पारदर्शी हो सके।
2. मतदान केन्द्रों पर बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता
चुनाव के सफल आयोजन के लिए मतदान केन्द्रों पर बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता अत्यधिक महत्वपूर्ण है। बैठक में उपायुक्त ने सभी मतदान केन्द्रों पर रैम्प, विद्युत आपूर्ति, पेयजल, शौचालय, और व्हीलचेयर जैसी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया। खासतौर पर, पीडब्ल्यूडी (विकलांग) मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है, ताकि उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
निर्वाचन के दौरान यह देखा गया है कि बुनियादी सुविधाओं की कमी मतदाताओं की भागीदारी को प्रभावित कर सकती है। इसलिए, प्रशासन का प्राथमिक लक्ष्य है कि हर मतदान केन्द्र पूरी तरह से सुसज्जित हो और मतदाता निर्बाध रूप से अपने अधिकार का उपयोग कर सकें।
3. निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव कराने की प्राथमिकता
उपायुक्त ने बैठक में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि निष्पक्ष, पारदर्शी और भयमुक्त चुनाव कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि निर्वाचन संबंधी सभी कार्यों को समय पर पूरा किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की प्रशासनिक असफलता न हो।
साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को याद दिलाया कि वे नियमित रूप से अपने कोषांग की बैठकें आयोजित करें, ताकि सभी कार्यों का पालन सही समय पर सुनिश्चित किया जा सके। इससे निर्वाचन प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना को कम किया जा सकेगा।
4. मीडिया और स्वीप कोषांग की भूमिका
चुनावों के दौरान मीडिया और स्वीप (सिस्टेमैटिक वोटर्स एजुकेशन एंड इलेक्टोरल पार्टिसिपेशन) कोषांग की भूमिका बेहद अहम होती है। स्वीप कोषांग के माध्यम से लोगों में मतदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रचार-प्रसार गतिविधियाँ की जाती हैं। इसके तहत, मतदाताओं को उनके अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक करना और अधिक से अधिक लोगों को मतदान में भागीदारी के लिए प्रेरित करना शामिल है।
मीडिया कोषांग के अधिकारी भी मतदान से जुड़ी हर जानकारी को सटीक और समय पर प्रसारित करने का काम करेंगे, जिससे कि जनता को चुनाव प्रक्रिया के हर पहलू की सही जानकारी मिल सके।
चुनाव तैयारियों पर तेज़ी से काम जारी
गुमला में विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियाँ जोरों पर हैं, और प्रशासन का हर संभव प्रयास है कि चुनाव प्रक्रिया बिना किसी बाधा के पूरी हो। उपायुक्त की अध्यक्षता में आयोजित इस समीक्षात्मक बैठक ने यह सुनिश्चित किया है कि चुनाव संबंधी सभी कार्यों को समय पर और प्रभावी ढंग से पूरा किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्रों में मतदान केन्द्रों पर बुनियादी सुविधाओं की व्यवस्था से लेकर स्वीप और मीडिया के माध्यम से जागरूकता फैलाने तक, हर कदम पर प्रशासन पूरी तत्परता से काम कर रहा है।
आखिरकार, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव ही एक सशक्त लोकतंत्र की नींव होते हैं। इसलिए, यह ज़रूरी है कि सभी मतदाता अपने अधिकार का उपयोग करें और चुनाव प्रक्रिया का हिस्सा बनें।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया