रांची : मधु कोड़ा की चुनाव लड़ने की ललक अधूरी रह गई. उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता मधु कोड़ा को सुप्रीम कोर्ट से झटका मिलने के बाद चुनाव लड़ने की उनकी हसरत पूरी नहीं हुई. अब वह कुछ नहीं कर सकते हैं. शीर्ष अदालत ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी है, जिसमें उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति देने से इनकार कर दिया गया था. हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद मधु कोड़ा के चुनाव लड़ने के अब पूरी तरह से ब्रेक लग गया. सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस आर महादेवन की बेंच में उनकी याचिका पर खारिज कर दी गई.
आखिर कोर्ट ने फैसले पर क्यों लगाई रोक…?
दरअसल, निचली अदालत ने मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव, राज्य के पूर्व मुख्य सचिव ए.के. बसु और मधु कोड़ा के सहयोगियों को कोयला घोटाले में दोषी ठहराया था. सभी को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी और सजा के साथ आरोपी पर जुर्माना भी लगाया गया था. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट की एकल पीठ ने मधु कोड़ा की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि याचिकाकर्ता केवल इस आधार पर फैसले पर रोक लगाना चाहता है कि वह चुनाव लड़ सके, जो उचित नहीं है. प्रथम दृष्टया यही लगता है कि वह इस मामले में दोषी हैं, इसलिए निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने का कोई ठोस कारण नहीं है. मधु कोड़ा पिछले कई सालों से चुनाव लड़ने का मंसूबा पाले हुए थे. इसलिए उन्हें उम्मीद थी कि कोर्ट से उन्हें चुनाव लड़ने की इजाजत मिल जाएगी.