झारखंड विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गुमला में भाजपा के शीर्ष नेताओं का दौरा चर्चा का विषय बन गया है। गुमला के निर्दलीय उम्मीदवार और भाजपा के बागी नेता मिशिर कुजूर को मनाने के लिए भाजपा ने असम के मुख्यमंत्री और झारखंड विधानसभा चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा और राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश को गुमला भेजा है। इस घटनाक्रम ने जिले में राजनीतिक हलचल को हवा दे दी है और स्थानीय राजनीति में नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं।
मिशिर कुजूर का चुनाव मैदान में निर्दलीय उतरना
भाजपा से टिकट कटने के बाद मिशिर कुजूर ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरने का निर्णय लिया। उन्होंने गुमला जिले के नागरिकों का समर्थन और विश्वास पाकर निर्दलीय नामांकन दाखिल किया, जिसके बाद उनके समर्थन में एक विशाल जनसमूह उमड़ पड़ा।
जुलूस में ग्रामीण अपने पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए और पूरे क्षेत्र में एक मजबूत संदेश दिया कि जनता का समर्थन मिशिर कुजूर के साथ है। इस जनसमर्थन ने भाजपा के अंदर हड़कंप मचा दिया, और अन्य राजनीतिक दलों को भी चौकन्ना कर दिया।
हिमंता बिस्वा सरमा और दीपक प्रकाश का गुमला दौरा
मिशिर कुजूर के निर्दलीय रूप में चुनाव लड़ने की खबर और उनके समर्थन में उमड़े जनसैलाब ने भाजपा के शीर्ष नेताओं को सक्रिय कर दिया। असम के मुख्यमंत्री और झारखंड चुनाव के सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने गुमला का दौरा कर मिशिर कुजूर से मुलाकात की। उनके साथ राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश भी मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार, यह भाजपा नेतृत्व की ओर से एक ऐतिहासिक कदम था, क्योंकि किसी निर्दलीय प्रत्याशी को मनाने के लिए पार्टी के इतने वरिष्ठ नेता गुमला पहुंचे। सरमा ने कुजूर से मुलाकात के दौरान पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर जोर दिया और उन्हें पार्टी के प्रति फिर से जुड़ने के लिए समझाने की कोशिश की।
विशाल जनसमर्थन से भाजपा में मचा हड़कंप
मिशिर कुजूर के समर्थन में उमड़ी भीड़ और वायरल हुए वीडियो ने भाजपा नेतृत्व को चौंका दिया। वीडियो में दिख रहे विशाल जनसमूह ने संकेत दिया कि गुमला क्षेत्र के लोग कुजूर के साथ मजबूती से खड़े हैं, जो भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। इस स्थिति में पार्टी के शीर्ष नेताओं को आशंका थी कि अगर कुजूर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़े तो वह भाजपा के वोट बैंक को प्रभावित कर सकते हैं।
भाजपा के लिए यह राजनीतिक खतरे का संकेत था, इसलिए हिमंता बिस्वा सरमा और दीपक प्रकाश ने गुमला में सीधा संपर्क करने का निर्णय लिया। यह निर्णय पार्टी के मजबूत नेताओं को इस मुद्दे पर स्पष्ट दृष्टिकोण देने और मिशिर कुजूर को पार्टी के साथ जोड़ने के प्रयास के तहत लिया गया।
मिशिर कुजूर के लिए राजनीतिक स्थिति का महत्व
मिशिर कुजूर का भाजपा से बागी होकर निर्दलीय रूप से चुनाव लड़ने का निर्णय न केवल उनके राजनीतिक करियर के लिए बल्कि क्षेत्र की राजनीति के लिए भी निर्णायक बन गया है। उनकी लोकप्रियता और समर्थन को देखते हुए यह स्पष्ट है कि उनका चुनाव परिणाम किसी भी पार्टी के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। कुजूर के लिए यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है कि भाजपा के शीर्ष नेता उनके समर्थन को देखते हुए उन्हें समझाने के लिए गुमला पहुंचे।
मिशिर कुजूर के लिए भाजपा नेताओं का दौरा उनके राजनीतिक महत्व और जनता में उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है। यह उनके लिए एक बड़ी जीत की तरह है, जो उनके राजनीतिक कद को और भी बढ़ा देता है।
भाजपा के सामने नई चुनौती
गुमला में मिशिर कुजूर की लोकप्रियता और उनके समर्थन में उमड़ी भीड़ ने झारखंड विधानसभा चुनाव के समीकरणों में बदलाव के संकेत दे दिए हैं। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का इस मामले में हस्तक्षेप करना बताता है कि पार्टी इस चुनावी चुनौती को गंभीरता से ले रही है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भाजपा कुजूर को पार्टी में वापस ला पाती है या वह अपनी निर्दलीय स्थिति पर कायम रहते हैं।
चुनाव के इस महत्वपूर्ण दौर में, गुमला की जनता के लिए यह समय है कि वे सोच-समझकर अपने वोट का उपयोग करें, ताकि उनका प्रतिनिधित्व सही तरीके से हो सके।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया
एडिटेड – संजना कुमारी