गुमला: आगामी झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर, भारत निर्वाचन आयोग ने पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए कई अहम कदम उठाए हैं। 15 अक्टूबर 2024 को चुनाव की घोषणा के बाद से आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इसके साथ ही, आम नागरिकों की चुनाव से संबंधित शिकायतों के त्वरित निवारण के लिए गुमला जिले में Complain Monitoring Control Room और Call Centre की स्थापना की गई है।
आचार संहिता और शिकायतों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी
आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, निर्वाचन आयोग ने गुमला जिले के नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। नागरिक किसी भी चुनाव से संबंधित शिकायत या जानकारी के लिए निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
- हेल्पलाइन नंबर: 06524-223686
- मतदाता हेल्पलाइन: 1950
यह हेल्पलाइन मतदाताओं और नागरिकों के लिए 24/7 उपलब्ध रहेगी, जिससे वे चुनाव संबंधी किसी भी जानकारी या मुद्दे को रिपोर्ट कर सकें। इस कदम का मुख्य उद्देश्य यह है कि आम नागरिक चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय भागीदार बने रहें और किसी भी प्रकार की अनियमितता को तुरंत चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया जा सके।
व्यय प्रेक्षक की नियुक्ति: चुनाव खर्च की कड़ी निगरानी
निर्वाचन आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए 67-सिसई, 68-गुमला, और 69-बिशुनपुर विधानसभा क्षेत्रों के लिए व्यय प्रेक्षक के रूप में राघवेंद्र पी., IRS की नियुक्ति की है। उनका मुख्य कार्य प्रत्याशियों के चुनावी खर्च पर निगरानी रखना है, ताकि चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।
राघवेंद्र पी., IRS का 18 अक्टूबर 2024 को गुमला आगमन हुआ और वह स्थानीय परिसदन ‘देवाकी’ कमरा में आवासित हैं। आम नागरिक, चुनाव के दौरान किसी भी प्रकार की वित्तीय अनियमितता या व्यय संबंधी शिकायत के लिए उनसे सीधा संपर्क कर सकते हैं।
- व्यय प्रेक्षक का संपर्क नंबर: 9430703726
- नागरिक उनसे प्रत्येक कार्य दिवस में अपराह्न 4 बजे से 5 बजे तक मिलकर अपनी शिकायतें दर्ज करा सकते हैं।
आदर्श आचार संहिता का पालन: निष्पक्ष चुनाव की दिशा में कदम
झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में आदर्श आचार संहिता का कड़ाई से पालन सुनिश्चित किया जा रहा है। आचार संहिता के तहत, सभी राजनीतिक दल और उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार और खर्च से जुड़े नियमों का सख्ती से पालन करना होगा।
आदर्श आचार संहिता के अंतर्गत कुछ प्रमुख निर्देश निम्नलिखित हैं:
- सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग नहीं किया जाएगा: चुनावी प्रचार के लिए किसी भी सरकारी सुविधा, भवन या वाहनों का उपयोग नहीं किया जा सकेगा।
- भ्रष्ट आचरण पर सख्त रोक: मतदाताओं को प्रलोभन देने, शराब, पैसे या अन्य वस्तुओं का वितरण करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- चुनाव प्रचार की पारदर्शिता: सभी राजनीतिक दलों को चुनाव प्रचार के दौरान अपने खर्च का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा और उसे आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।
नागरिकों की भागीदारी: एक सफल लोकतांत्रिक प्रक्रिया की कुंजी
निर्वाचन आयोग का मुख्य उद्देश्य यह है कि आम नागरिक चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। इसलिए, आयोग ने शिकायत दर्ज कराने की प्रणाली को सुलभ और पारदर्शी बनाया है। मतदाता न केवल अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं, बल्कि उन्हें यह भी अधिकार है कि वे चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए खुद को जागरूक रखें।
मतदाताओं को यह सुनिश्चित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है कि चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई भी अनियमितता, जैसे गलत प्रचार, चुनावी खर्च का दुरुपयोग, या अन्य भ्रष्ट आचरण की सूचना तुरंत दी जाए। इसके लिए आयोग ने हेल्पलाइन नंबर और व्यय प्रेक्षक से सीधा संपर्क करने की सुविधा प्रदान की है।
निर्वाचन आयोग की सख्त निगरानी से निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद
इस बार झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में निर्वाचन आयोग द्वारा किए गए ठोस प्रबंधों से यह उम्मीद की जा रही है कि चुनावी प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से संपन्न होगी। व्यय प्रेक्षक और हेल्पलाइन सुविधाओं की स्थापना से आम नागरिकों को चुनावी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा।
गुमला जिले में चुनावी तैयारियों को लेकर जिला प्रशासन और चुनाव आयोग के बीच मजबूत समन्वय बना हुआ है। नागरिकों की भागीदारी और शिकायत निवारण प्रणाली की सक्रियता से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी चुनावी गतिविधि गलत दिशा में न जाए।
जागरूक मतदाता, सफल चुनाव
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उठाए गए ये कदम लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। आम नागरिकों और मतदाताओं की भागीदारी से ही एक पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव संभव है। शिकायतें दर्ज कराने के लिए हेल्पलाइन नंबर और व्यय प्रेक्षक से संपर्क की सुविधा से यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी प्रकार की अनियमितता पर त्वरित कार्रवाई हो सके।
आखिरकार, एक जागरूक मतदाता ही लोकतंत्र का सही रक्षक होता है, और यही इस चुनाव की सफलता की कुंजी है।