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Thursday, November 21, 2024
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सीता सोरेन को सरना धर्म कोड की अब याद आई, कहा- इसके लिए कभी आंदोलन क्यों नहीं किया गया…? अब वो इसे लागू करवाएंगी

सीता का दावा…मंईयां सम्मान योजना का लाभ महिलाओं को दिसंबर के बाद नहीं मिलनेवाला है…पांच साल की राशि एक बार में क्यों नहीं दी गई…?

रांची : प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित दिग्गज भाजपा नेताओं को परिवर्तन यात्रा के दौरान सरना धर्म कोड दिलाने के लिए कभी सार्वजनिक मंच से इसकी घोषणा कभी नहीं की. लेकिन सीता सोरेन को अब इसकी याद आयी है. सीता सोरेन ने रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि सरना धर्म कोड आपने सिर्फ बिल को पास करके दिल्ली भेज दिया। इसके लिए पूरी तरह से कोशिश नहीं की गयी।

इसके लिए जिस तरह के आंदोलन की जरूरत थी, वो नहीं किया गया। सीता सोरेन ने कहा कि बीजेपी की सरकार बनने पर सरना धर्म कोड को लागू कराने का काम भी किया जायेगा। सीता सोरेन ने मंईयां सम्मान योजना को लेकर कहा कि महिलाओं को सम्मान देने के लिए यह योजना शुरू नहीं की गयी, बल्कि इसका मकसद वोट बैंक बढ़ाना है। कहा कि ये योजना महिलाओं को सिर्फ चारा डालने के लिए है।

उन्होंने कहा अगर सरकार सच में महिलाओं का सम्मान करना चाहती है, तो जब से सरकार बनी है तब से महिला को मंईयां सम्मान योजना की राशि मिले। पांच साल की राशि सरकार को एक बार में अब दे देना चाहिये। ऐसा होगा तो हम सरकार को सपोर्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि इस योजना का लाभ महिलाओं को दिसंबर के बाद नहीं मिलनेवाला है।

“मेरी बेटी को भी टिकट नहीं मिला,पर मैं इस विषय पर अधिक नहीं बोलना चाहती” 

बीजेपी में परिवारवाद के सवाल पर सीता सोरेन ने कहा कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व का फैसला जो होता है, वो सब पर लागू होता है। मेरी बेटी को तो टिकट नहीं मिला। लेकिन मैं इस विषय पर अधिक नहीं बोलना चाहती हैं। टिकट बंटवारे में अगर इस बात को देखा जा रहा है तो ये शीर्ष नेतृत्व का निर्णय है।

सोच-समझ कर लिया गया यह फैसला है, जो सही समझा गया वही किया गया। एक अन्य सवाल के जवाब में सीता सोरेन ने कहा कि जामताड़ा क्या वह कहीं से भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। उनके पति दुर्गा सोरेन पूरे झारखंड के नेता थे। गरीबों के मसीहा था। मेरे साथ भी जनता ने ऐसा ही लगाव दिखाया है।

तो मैं कहीं से भी चुनाव लड़ सकती हूं। कथित घुसपैठियों के सवाल पर कहा कि ये चुनाव में उनका मुद्दा रहेगा। आदिवासी की संख्या घट रही है औऱ पहले भी घटी है। हमारी सरकार बनेगी तो घुसपैठियों की समस्या को समाप्त करने का काम करेंगे। क्योंकि इससे आदिवासियों को नुकसान हो रहा है।

आदिवासी समुदाय को हमें बचाना है। नहीं तो हम डायनासोर की तरह लुप्त हो जायेंगे।

‘गायबथान की घटना के बाद घुसपैठिया समस्याओं का पता चला’

सीता सोरेन ने कहा  “बीजेपी में आकर मुझे सम्मान मिला है. जामताड़ा में विकास का सिर्फ शोर किया जा रहा है। जामताड़ा से मुझे बहुत फोन आते हैं। वहां पानी की समस्या है। विकास नाम की कोई चीज नहीं है। जामताड़ा ही नहीं, हर जगह बदलाव होना चाहिए। बीजेपी की सरकार बनेगी तो सभी तरह का विकास होगा। हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। जेएमएम में रहते हुए घुसपैठिया पर नहीं बोलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि उस समय ये समस्या इतनी बड़ी नहीं थी। गायबथान की घटना के बाद घुसपैठिया समस्याओं का पता चला। आदिवासी छात्रों को पीटा गया। लेकिन सरकार के किसी नेता या मंत्री ने इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोला। इरफान अंसारी भी चुप रहे. आदिवासी समुदाय के खिलाफ हो रहे हर जुल्म की मैं आवाज बनूंगी”.

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