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Thursday, November 21, 2024
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झारखंड में तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान: शिक्षा विभाग की नई पहल

शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए ‘तम्बाकू मुक्त युवा अभियान 2.0’ की शुरुआत

झारखंड सरकार ने राज्य के शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए ‘तम्बाकू मुक्त युवा अभियान 2.0’ की शुरुआत की है। इस अभियान के तहत, राज्य के सभी विद्यालयों और कॉलेजों को तम्बाकू मुक्त बनाने के लिए शिक्षा विभाग और SEEDS (सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी) के साथ मिलकर अभियान चलाया जा रहा है। इसके तहत शिक्षण संस्थानों के 100 गज के दायरे में तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई जाएगी, और ऐसा करने वालों पर जुर्माना भी लगाया जाएगा।

झारखंड के शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने की दिशा में कदम

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव श्री उमाशंकर सिंह की अध्यक्षता में राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों को तम्बाकू मुक्त बनाने के उद्देश्य से एक समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें राज्य के सभी जिलों के शिक्षा विभाग के नोडल अधिकारियों और संबंधित पदाधिकारियों ने भाग लिया। इस अभियान के तहत तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (ToFEI) के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाएगा।

राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक श्री शशि रंजन ने कहा, “हमारा दायित्व है कि हम युवाओं और बच्चों को तम्बाकू की लत से बचाएं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य स्कूल और कॉलेजों के आसपास तम्बाकू उत्पादों की बिक्री को नियंत्रित करना और छात्रों को इस खतरनाक लत से दूर रखना है।”

तम्बाकू सेवन: युवाओं के लिए बड़ा खतरा

तम्बाकू का सेवन दुनियाभर में जनस्वास्थ्य के लिए एक गंभीर चुनौती बन चुका है, और यह आदत खासतौर पर युवाओं के लिए बेहद खतरनाक साबित हो रही है। तम्बाकू का उपयोग करने वाले किशोरों और युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिससे उनका स्वास्थ्य और भविष्य दोनों खतरे में है।

SEEDS के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने तम्बाकू नियंत्रण की आवश्यकता पर जोर देते हुए बताया कि ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे (2019) के अनुसार भारत में 13-15 वर्ष के 8.5% नाबालिग बच्चे किसी न किसी प्रकार का तम्बाकू सेवन करते हैं, जबकि झारखंड में यह आंकड़ा 5.1% है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में झारखंड सरकार के प्रयासों से तम्बाकू सेवन में कमी आई है, लेकिन यह राष्ट्रीय औसत (28.6%) से अभी भी अधिक है।

तम्बाकू के खतरे से बचाने के लिए ठोस कदम

तम्बाकू का सेवन सिर्फ स्वास्थ्य के लिए ही नहीं, बल्कि समाज और राष्ट्र की युवा पीढ़ी के लिए भी एक गंभीर खतरा है। तम्बाकू से जुड़े उद्योग और व्यवसाय युवाओं और अवयस्कों को अपने निशाने पर रखते हैं, ताकि वे इस लत का शिकार हो सकें। इस समस्या को देखते हुए झारखंड में तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान (ToFEI) के दिशा-निर्देशों को लागू किया जा रहा है। इसके तहत स्कूलों और कॉलेजों के 100 गज के भीतर तम्बाकू उत्पाद बेचने पर सख्त प्रतिबंध होगा, और ऐसा करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

जागरूकता और शिक्षा का महत्व

इस अभियान का एक प्रमुख उद्देश्य है कि युवाओं और बच्चों को तम्बाकू के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया जाए। तम्बाकू के सेवन से हर साल लाखों लोगों की मौत हो रही है। इसके बावजूद, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में तम्बाकू का उपयोग बढ़ता जा रहा है।

राज्य शिक्षा परियोजना के प्रशासी पदाधिकारी सचिदानंद द्विवेंदु तिग्गा ने कहा, “तम्बाकू सेवन को रोकने के लिए हमें युवाओं के बीच जागरूकता फैलानी होगी। तम्बाकू का उपयोग न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह एक ऐसी आदत है जो जीवन को असमय समाप्त कर सकती है।”

शिक्षण संस्थानों के आसपास तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर रोक

बैठक के दौरान यह भी तय किया गया कि राज्य के सभी स्कूलों और कॉलेजों के 100 गज के भीतर तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। अगर कोई इसका उल्लंघन करता है, तो उस पर कड़ा जुर्माना लगाया जाएगा।

दीपक मिश्रा ने बताया कि झारखंड में पिछले 8-9 वर्षों से तम्बाकू नियंत्रण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रयास किए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप तम्बाकू सेवन करने वालों का प्रतिशत 50.1% से घटकर 38.9% हो गया है, लेकिन अभी भी राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इस दिशा में निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।

जागरूकता अभियानों की शुरुआत

इस तम्बाकू मुक्त अभियान के तहत झारखंड सरकार और SEEDS ने मिलकर राज्यभर में जागरूकता अभियान शुरू किए हैं। स्कूलों और कॉलेजों में तम्बाकू नियंत्रण के लिए वर्कशॉप, प्रदर्शनियां, और जागरूकता रैलियां आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा, छात्रों और उनके अभिभावकों को तम्बाकू के खतरे से अवगत कराया जाएगा ताकि इस आदत से बचने के लिए सामाजिक दबाव बनाया जा सके।

युवाओं के स्वस्थ भविष्य की दिशा में एक कदम

झारखंड सरकार का तम्बाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान अभियान युवाओं को तम्बाकू के खतरे से बचाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह न केवल छात्रों को तम्बाकू की लत से बचाने का प्रयास है, बल्कि पूरे राज्य में एक स्वस्थ और जागरूक समाज का निर्माण करने की भी पहल है।

इस अभियान के तहत, तम्बाकू के दुष्प्रभावों से युवाओं को बचाने के लिए विभिन्न स्तरों पर जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे, और तम्बाकू उत्पादों की बिक्री पर सख्त नियंत्रण रखा जाएगा। शिक्षण संस्थानों और उनके आस-पास तम्बाकू के उपयोग पर रोक लगाकर इस पहल को और प्रभावी बनाया जाएगा।

News Desk

Edited by – Sanjana Kumari.

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