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Thursday, November 21, 2024
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सुप्रियो का चुनाव आयोग पर बड़ा आरोप…आधी-आधी जानकारी देने के बावजूद नामांकन रद्द नहीं किया गया

गढ़वा से बीजेपी उम्मीदवार सत्येंद्र नाथ तिवारी का 24 घंटे के अंदर पर्चा रद्द नहीं हुआ तो, कानून का सहारा लेगा झामुमो

रांची : भारत निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने गढ़वा जिले के निर्वाचन अधिकारी को कहा है कि बीजेपी का पर्चा है तो रिजेक्ट नहीं किया जायेगा, जबकि किसी दूसरे दल के एक पर्चे में कुछ भी कमी हो तो तुरंत रिजेक्ट कर देना है। जेएमएम के केंद्रीय कार्यालय में प्रेस वार्ता कर सोमवार को सुप्रियो भट्टाचार्य ने यह आरोप लगाया है. सुप्रियो का दावा है पहले इस तरह का मामला रांची तक सीमित था। लेकिन अब झारखण्ड की कई सीटों पर ऐसा देखने-सुनने को मिल रहा है. सुप्रियो ने मांग की है कि गढ़वा से बीजेपी के उम्मीदवार सत्येंद्र नाथ तिवारी का नामांकन पर्चा रद्द किया जाये, क्योंकि नामांकन पर्चे में उन्होंने आधी-अधूरी जानकारी दी है।

चुनाव आयोग पर एक पार्टी के लिए काम करने का आरोप

चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए सुप्रियो ने कहा कि मोर्चा को कानून पर पूरा भरोसा है। इसे भरोसे के साथ वे मांग करते हैं कि चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से सत्येंद्र नाथ तिवारी के नामांकन पत्र की जांच करे और निर्णय दें। कहा कि 24 घंटे में अगर ऐसा नहीं होता है तो, जेएमएम उनका नामांकन रद्द कराने के लिए कानून का सहारा लेगा। श्री भट्टाचार्य ने कहा कि चुनाव आयोग ने कहा है कि सबको सामान अवसर देंगे। लेकिन अब साफ़ हो गया कि चुनाव आयोग एक पार्टी के लिए काम कर रहा है।

चुनाव आयोग बताए…तिवारी के शपथपत्र में कई कॉलम क्यों खाली छोड़े गए?

सुप्रियो का आरोप है कि गढ़वा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार सत्येंद्र नाथ तिवारी ने अपने फॉर्म 26 यानी में शपथ पत्र भरा तो कई कॉलम खाली रहे, जबकि आयोग की ओर से पहले साफ़ किया गया था कि कोई भी कॉलम खाली नहीं होना चाहिए।

जेएमएम नेता ने कहा कि नामांकन करनेवाले प्रत्याशी पर सरकार का किसी तरह का बकाया नहीं होना चाहिये। सरकार का बकाया मतलब आवास का बकाया ना हो। पानी का बिल भी बाकी नहीं होना चाहिए।

पिछले 10 साल के सभी बिल जमा होना चाहिए। लेकिन जब वह 2019 में विधायक थे, तब उन्हें विधानसभा से कमरा दिया गया। सेक्टर-2 में घर दिया गया। इस मामले से निर्वाचन पदाधिकारी को अवगत कराया गया तो, अधिकारी ने मानने से इनकार कर दिया।

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