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Wednesday, April 2, 2025
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नौकरी और लोन दिलाने के नाम पर ठगी: डुमरडीह की महिला पर 17 महिलाओं ने लगाया 28 लाख ठगने का आरोप

गुमला जिले के डुमरडीह गांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। नौकरी और बैंक से लोन दिलाने का झांसा देकर 17 महिलाओं से 28 लाख 20 हजार रुपये की ठगी की गई। इस मामले में आरोपी महिला, रोहिणी देवी, गांव से फरार हो चुकी है, और पीड़ित महिलाएं अब न्याय की गुहार लगा रही हैं।

कैसे हुई ठगी?

डुमरडीह गांव निवासी रोहिणी देवी ने गांव की 17 महिलाओं को नौकरी का लालच देकर उनसे विभिन्न बैंकों से लोन निकलवाया। उसने भरोसा दिलाया कि पैसा जल्द ही लौटा दिया जाएगा। महिलाओं ने बताया कि रोहिणी ने 21 नवंबर, 2024 तक पैसा वापस करने और नौकरी सुनिश्चित करने का वादा किया था।

हालांकि, वादे पूरे नहीं हुए। अब महिलाएं न केवल आर्थिक संकट का सामना कर रही हैं, बल्कि बैंक भी उन्हें लगातार भुगतान के लिए परेशान कर रहे हैं।

ठगी का शिकार: महिलाओं की दास्तां

पीड़ित महिलाओं ने बताया कि वे पहले ही गरीब परिवारों से हैं, और लोन चुकाने की स्थिति में नहीं हैं। घटना ने उनकी आर्थिक स्थिति को और खराब कर दिया है।

ठगी के आंकड़े:

  • ममता देवी: ₹2,50,000
  • देवंती देवी: ₹2,00,000
  • सुमित्रा देवी: ₹2,00,000
  • मीना देवी: ₹2,00,000
  • रजनी देवी: ₹5,50,000
  • संगीता देवी: ₹5,00,000
  • अन्य पीड़ितों से अलग-अलग राशियां ठगी गईं।

कुल मिलाकर, 28 लाख 20 हजार रुपये की ठगी हुई।

आरोपी फरार, महिलाएं परेशान

रोहिणी देवी ने गांव छोड़ दिया है और उसका मोबाइल फोन भी स्विच ऑफ आ रहा है। यह घटना न केवल इन महिलाओं के लिए एक बड़ा झटका है, बल्कि पूरे गांव के लिए एक सीख भी है।

महिलाओं ने डीसी और थाना प्रभारी को आवेदन देकर आरोपी पर कार्रवाई और लोन चुकाने में मदद की मांग की है।

कानूनी प्रक्रिया और प्रशासन की भूमिका

पीड़ित महिलाओं के आवेदन पर प्रशासन ने कार्रवाई शुरू करने का आश्वासन दिया है।

  • प्राथमिक जांच: आवेदन के आधार पर पुलिस आरोपी महिला की तलाश में जुट गई है।
  • सहायता की मांग: महिलाओं ने बैंक से लोन माफ करने या सरकार से आर्थिक सहायता की अपील की है।
  • समाज की भूमिका: स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि ऐसी घटनाओं से सतर्क रहना जरूरी है।

इस घटना से क्या सीखें?

  1. धोखेबाजों से सतर्कता: किसी भी अनजान व्यक्ति पर भरोसा करने से पहले पूरी जानकारी जुटाएं।
  2. कानूनी सलाह लें: लोन लेने से पहले किसी वकील या बैंक अधिकारी से परामर्श लें।
  3. सामूहिक जागरूकता: गांव के स्तर पर ऐसे मामलों को रोकने के लिए सामूहिक पहल करें।
  4. आधिकारिक प्रक्रिया का पालन: किसी भी वित्तीय लेन-देन को लिखित रूप में करें।

आगे का रास्ता

यह घटना न केवल महिलाओं की मेहनत पर पानी फेरने का मामला है, बल्कि समाज में बढ़ती ठगी की घटनाओं को भी उजागर करती है। सरकार और प्रशासन को ठगी के मामलों पर सख्त कदम उठाने चाहिए।

आप इस विषय पर क्या सोचते हैं? क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए मजबूत कानून पर्याप्त हैं? अपनी राय साझा करें।

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