गुमला जिला मुख्यालय में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा पोषण और प्रारंभिक शिक्षा को सुधारने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में पोषण और प्रारंभिक शिक्षा के महत्व को बढ़ावा देना और इसे प्रभावी ढंग से लागू करना है।
प्रशिक्षण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की भागीदारी
नगर भवन में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के विभिन्न ब्लॉकों से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी आरती कुमारी ने उद्घाटन सत्र में बताया कि इस प्रशिक्षण का मुख्य लक्ष्य 0-6 वर्ष के बच्चों को सही पोषण और प्रारंभिक शिक्षा देना है।
उन्होंने यह भी कहा कि 0-3 वर्ष के बच्चों के लिए यह उनके शारीरिक और मानसिक विकास का महत्वपूर्ण समय है, जबकि 3-6 वर्ष के बच्चों को प्री-स्कूल शिक्षा के माध्यम से सशक्त बनाया जाना चाहिए।
नवचेतना और आधारशिला: नई शिक्षा का आधार
प्रशिक्षण के दौरान मास्टर ट्रेनर्स ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को नवचेतना और आधारशिला मॉड्यूल की विस्तृत जानकारी दी।
- नवचेतना: इसमें बच्चों के प्रारंभिक विकास को सही दिशा में लाने के तरीके सिखाए गए।
- आधारशिला: इसमें प्री-स्कूल शिक्षा को सुदृढ़ बनाने के लिए आवश्यक विधियों को बताया गया।
प्रोजेक्टर और ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जैसे डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए प्रशिक्षण को अधिक प्रभावी बनाया गया।
गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर फोकस
प्रशिक्षण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को गर्भवती महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी गई।
- गर्भवती महिलाओं में खून की कमी: महिलाओं में एनीमिया की रोकथाम के उपाय और पौष्टिक आहार की सूची साझा की गई।
- बच्चों के पोषण पर ध्यान: बच्चों में कुपोषण को रोकने और उनके संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक पोषण तत्वों की जानकारी दी गई।
कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया गया कि वे अपने केंद्रों पर इन जानकारियों को लागू करें और समुदाय को जागरूक करें।
प्री और पोस्ट टेस्ट के माध्यम से समझ
कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण के दौरान:
- प्री टेस्ट और पोस्ट टेस्ट के जरिए उनकी समझ का मूल्यांकन किया गया।
- प्रोजेक्टर के माध्यम से मॉड्यूल को आसान और रोचक तरीके से समझाया गया।
- कार्यकर्ताओं से प्रशिक्षण के दौरान सीखे गए सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को अपने केंद्रों पर लागू करने का आग्रह किया गया।
गुमला में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद
इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण के माध्यम से गुमला जिले में पोषण और प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की इस महत्वपूर्ण भूमिका से:
- बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास बेहतर होगा।
- गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार आएगा।
- समुदाय में पोषण और शिक्षा को लेकर जागरूकता बढ़ेगी।
भविष्य के लिए मजबूत नींव
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गुमला जिले में बच्चों और महिलाओं के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
पोषण और शिक्षा के महत्व को समझते हुए, इस पहल से आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपने कार्यक्षेत्र में अधिक प्रभावी तरीके से काम कर सकेंगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग की यह पहल आने वाले समय में जिले को एक नई दिशा दे सकती है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया