विनोबा भावे विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग ने अपने नवनियुक्त विभागाध्यक्ष के रूप में डॉ. एस. जेड. हक का स्वागत किया। यह उनका तीसरा कार्यकाल है, जो उनके प्रति विभाग और विश्वविद्यालय के गहरे विश्वास और सम्मान को दर्शाता है।
उन्होंने डॉ. अंबर खातून से पदभार ग्रहण किया और अपने संकल्प को साझा करते हुए कहा:
“मैं उर्दू के अध्ययन की लोकप्रियता को बढ़ाने और विभाग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करूंगा।”
डॉ. हक का पूर्व अनुभव: नेतृत्व और विद्वता का मेल
डॉ. हक ने उर्दू विभाग में पहले भी दो बार अध्यक्ष पद पर कार्य किया है:
- 1 अगस्त 2010 से 5 सितंबर 2010 तक।
- 9 फरवरी 2017 से 26 फरवरी 2019 तक।
उनका पिछला कार्यकाल उर्दू भाषा और साहित्य के प्रचार-प्रसार में मील का पत्थर साबित हुआ।
- उर्दू के मूर्धन्य विद्वान:
वे न केवल भाषा के गहरे जानकार हैं, बल्कि छात्रों के बीच उर्दू की लोकप्रियता बढ़ाने के लिए भी जाने जाते हैं। - परीक्षा संचालन में विशेष पहचान:
डॉ. हक ने परीक्षा केंद्राधीक्षक के रूप में भी अपनी नेतृत्व क्षमता साबित की है। - स्नातक उत्तर कला एवं संस्कृति समिति के अध्यक्ष:
वर्तमान में, वे इस पद पर भी कार्यरत हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा और नेतृत्व कौशल का प्रमाण है।
उर्दू भाषा को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प
उर्दू विभागाध्यक्ष के रूप में डॉ. हक का उद्देश्य केवल प्रशासन तक सीमित नहीं है। वे उर्दू भाषा और साहित्य को जन-जन तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
- भाषा की लोकप्रियता को बढ़ावा देना:
उनका मानना है कि उर्दू केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक धरोहर है।“उर्दू को न केवल अकादमिक स्तर पर, बल्कि सामुदायिक स्तर पर भी अधिक लोकप्रिय बनाने की आवश्यकता है।”
- शोध और रचनात्मकता को प्रोत्साहन:
विभाग में शोध कार्यों और रचनात्मक गतिविधियों को प्राथमिकता देना उनका प्रमुख एजेंडा है।
उर्दू भाषा: सांस्कृतिक धरोहर और शिक्षा का आधार
उर्दू भाषा भारत की गंगा-जमुनी तहज़ीब का प्रतीक है। डॉ. हक के अनुसार:
“उर्दू साहित्य में भारत की विविधता और एकता का समावेश है। इसे पढ़ना और समझना नई पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने इस दिशा में छात्रों और शोधार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यशालाएं और सेमिनार आयोजित करने की योजना बनाई है।
साथी शिक्षकों और छात्रों की प्रतिक्रिया
डॉ. हक की नियुक्ति पर विभाग में उत्साह का माहौल है। उनके साथियों ने उनके अनुभव और ज्ञान की सराहना करते हुए कहा कि यह विभाग के लिए सुनहरा अवसर है।
एक छात्र ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा:
“डॉ. हक जैसे विद्वान का नेतृत्व हमें उर्दू साहित्य की गहराइयों तक पहुंचने में मदद करेगा।”
नए अध्याय की शुरुआत
डॉ. एस. जेड. हक की नियुक्ति न केवल विनोबा भावे विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग के लिए, बल्कि उर्दू भाषा और साहित्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
उनका अनुभव, विद्वता और नेतृत्व क्षमता विभाग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।
कॉल टू एक्शन:
क्या आप उर्दू साहित्य के प्रति रुचि रखते हैं? इस सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बनें और डॉ. हक के मार्गदर्शन में उर्दू भाषा की गहराई को समझें।
News – Vijay Chaudhary