गुमला, झारखंड: सरकारी उपेक्षा और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता से आहत बेती जुगनुटोली के ग्रामीणों ने अपनी समस्या का समाधान खुद निकालते हुए तीन किलोमीटर लंबी कच्ची सड़क को श्रमदान से सुगम आवागमन लायक बना दिया। यह सड़क घाघरा प्रखंड के चुंदरी पंचायत में बेती फुटकल मोड़ से पतराटोली तक जाती है।
क्यों और कैसे हुई सड़क मरम्मत
ग्रामीणों ने पंचायत प्रतिनिधियों और सरकारी अधिकारियों से सड़क मरम्मत की कई बार मांग की थी, लेकिन बार-बार अनदेखी के चलते उन्होंने खुद यह जिम्मा उठाने का फैसला किया। हर घर से कम से कम दो लोगों ने इस अभियान में हिस्सा लिया। मंगलवार को शुरू हुए इस सामूहिक प्रयास के दौरान, ग्रामीणों ने जर्जर सड़क को सही कर उसे आवागमन के योग्य बना दिया।
ग्रामीणों की मेहनत और सहयोग
इस कार्य में सैकड़ों ग्रामीण, जिनमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल थे, ने पूरा दिन मेहनत की। प्रमुख ग्रामीणों में सुमित्रा देवी, समली देवी, सती देवी, बसी देवी, धनमनी देवी, परमेश्वर उरांव, बसंत उरांव, दुखी भगत, सुखदेव उरांव, कृष्ना और पचा जैसे नाम शामिल हैं। सभी ने मिलकर दिखाया कि सामूहिक प्रयास से बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान किया जा सकता है।
सरकार और जनप्रतिनिधियों पर सवाल
ग्रामीणों ने बताया कि सड़क मरम्मत के लिए पंचायत मुखिया और पंचायत समिति के सदस्य से कई बार आग्रह किया गया, लेकिन किसी ने उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दिया। आखिरकार, ग्रामीणों ने खुद ही श्रमदान करने का निर्णय लिया।
स्थानीय लोगों की पहल से मिली राहत
अब इस मरम्मत के बाद, बेती जुगनुटोली के निवासियों को आवागमन में होने वाली समस्याओं से राहत मिली है। बच्चों के स्कूल जाने, बीमारों को अस्पताल पहुंचाने और दैनिक जरूरतों के लिए बाजार जाने जैसी कठिनाइयों का समाधान हो गया है।
समुदाय की ताकत का संदेश
यह घटना न केवल सरकारी तंत्र की विफलता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सामूहिक प्रयास से क्या कुछ संभव है। ग्रामीणों का यह प्रयास अन्य गांवों और समुदायों के लिए प्रेरणा बन सकता है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया