गुमला, झारखंड: नववर्ष के जश्न में नशे से होने वाले हादसों को रोकने के उद्देश्य से सदर अस्पताल गुमला के उपाधीक्षक डॉ. अनुपम किशोर ने युवाओं से नशामुक्त फर्स्ट जनवरी मनाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह दिन खुशी और उत्सव का है, लेकिन नशे के कारण अक्सर यह दुखद घटनाओं में बदल जाता है।
नशे से जुड़े हादसों पर चिंता
डॉ. अनुपम किशोर ने बताया कि हर साल फर्स्ट जनवरी के दिन अस्पताल में बड़ी संख्या में दुर्घटना के मामले सामने आते हैं। उन्होंने कहा, “हमारी परेशानी तो केवल अस्थायी होती है, लेकिन हादसे का शिकार होने वाले परिवारों पर इसका गहरा असर पड़ता है।” उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि परिवार की खुशी और सुरक्षा के लिए इस बार फर्स्ट जनवरी नशामुक्त मनाएं।
ऑर्थोपेडिक सर्जन का संदेश
डॉ. बालकृष्ण महतो, ऑर्थोपेडिक सर्जन, ने युवाओं को सचेत करते हुए कहा कि नशा एक पल का आनंद तो दे सकता है, लेकिन यह कई बार जीवनभर का दर्द भी दे जाता है। उन्होंने कहा, “फर्स्ट जनवरी को खुशी का दिन बनाए रखें। इसे नशे से जुड़े हादसों का दिन न बनने दें। विकृत आनंद से दूर रहकर नशामुक्त उत्सव मनाएं।”
सड़क सुरक्षा पर जोर
सेव योर लाइफ संस्था के सचिव संतोष झा ने प्रशासन से सख्त कदम उठाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि जगह-जगह वाहन चेकिंग अभियान चलाना और नशा कर वाहन चलाने से रोकने के लिए पूर्व में प्रचार-प्रसार करना जरूरी है। उन्होंने कहा, “प्रशासन को सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति नशे की हालत में वाहन न चलाए।”
अस्पताल की तैयारियां
सदर अस्पताल प्रबंधन ने किसी भी अनहोनी से निपटने के लिए अपनी तैयारियों को दुरुस्त किया है। अस्पताल की टीम को किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत इलाज मुहैया कराने के निर्देश दिए गए हैं।
डॉ. अनुपम किशोर और डॉ. बालकृष्ण महतो की अपील से यह स्पष्ट है कि नशामुक्त फर्स्ट जनवरी न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा बल्कि समाज के लिए भी आवश्यक है। उनका कहना है कि परिवार की खुशी और जीवन की सुरक्षा के लिए यह कदम बेहद महत्वपूर्ण है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया