सुनील सिंह
रांची : ओडिशा के राज्यपाल रहे रघुवर दास ने शुक्रवार को एक बार फिर से भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. इसके साथ ही वह सक्रिय राजनीति में लौट आए. करीब 45 साल बाद उन्होंने दूसरी बार भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. 1980 में पहली बार वह भाजपा के सदस्य बने थे. अक्टूबर 2023 में ओडिशा का राज्यपाल बनाए जाने के बाद उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दे दिया था.
भाजपा प्रदेश कार्यालय परिसर में आयोजित समारोह में रघुवर दास ने आनलाइन सदस्यता ली. समारोह में बड़ी संख्या में भाजपा नेता व कार्यकर्ता शामिल हुए. भाजपाइयों में उत्साह व जोश दिखा. विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद से भाजपा कार्यालय में सन्नाटा रहता था. हार के बाद पहली बार आज भाजपाइयों में उत्साह दिखा.
पहले ही दिन रघुवर दास का जलवा दिखा
भीड़ जुटी. सन्नाटा टूटा. पूरा परिसर खचाखच भरा हुआ था. धक्का-मुक्की की स्थिति थी. जोश व जुनून दिखा. रघुवर दास का जोरदार स्वागत हुआ। ढोल-नगाड़े बजे व आतिशबाजी हुई. झारखंडी परंपरा के अनुसार स्वागत हुआ. पहले ही दिन रघुवर दास का जलवा दिखा.
रघुवर दास बाइक पर बैठकर व हाथ में भाजपा का झंडा लिए समर्थकों के साथ प्रदेश कार्यालय पहुंचे. यहां भी भारी भीड़ थी. पुराने नेता व कार्यकर्ता भी पहुंचे हुए थे. प्रदेश कार्यालय में उत्सव सा माहौल था. रघुवर दास की वापसी से सभी खुश थे. रघुवर दास ने भी अपने पहले भाषण में ही अपना इरादा जाहिर कर दिया.
रघुवर ने कहा-पार्टी को फिट व फाइटर बनाऊंगा
रघुवर दास ने कहा कि उनकी कोई महत्वाकांक्षा नहीं है. एक मजदूर को पार्टी ने सबकुछ दिया है. पार्टी में वापस आकर ऐसा लगा रहा है कि मां के आंचल में आ गया हूं. ओडिशा का राज्यपाल बनाए जाने के बाद भारी मन से इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा देते समय काफी दुख हुआ था. लेकिन आज फिर खुश हूं. मेरे लिए बड़ा दिन है. कायर्कर्ता की भूमिका में अब मैं पार्टी की मजबूती के लिए काम करूंगा. झारखंड की अस्मिता, संस्कृति की रक्षा, धर्मांतरण, घुसपैठ के खिलाफ व विकास के लिए संघर्ष करूंगा. पार्टी को फिट व फाइटर बनाऊंगा. हम फिर लौटेंगे. हार-जीत लगी रहती है. न जीत का घमंड, न हार से हतोत्साहित होते हैं भाजपाई.
उन्होंने हेमंत सोरेन सरकार को चुनौती भी दी. कार्यकर्ताओं में जोश भरा और संघर्ष के लिए तैयार रहने का आह्वान किया. रघुवर दास ने भाजपा में आते ही अपने इरादे जाहिर कर दिए. उनके भाषण से यह साफ हो गया है कि वह झारखंड में ही राजनीति करेंगे. राष्ट्रीय भूमिका में नहीं जाने वाले हैं.